उत्तरकाशी (उत्तराखंड): इन दिनों उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू कार्य पर पूरे देश की नजर बनी हुई है. टनल हादसे को आज 16 दिन हो गए हैं. टनल में फंसे 41 मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए हर तरफ दुआओं का दौर जारी है. वहीं रेस्क्यू कार्य में तमाम एजेंसियों को परेशानियों से भी दो चार होना पड़ रहा है. वहीं इसी बीच सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी है. अभी तक 36 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग कर ली गई है. अभी 50 मीटर की ड्रलिंग और की जानी है. टोटल 88 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है. वर्टिकल ड्रिलिंग के साथ एक 8 इंच की अलग से ड्रिलिंग भी की जा रही है. यह ट्रायल के तौर पर किया जा रहा है जिसकी 75 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई है.
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Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | 1.6 metres of manual drilling completed, pipe pushed in up to 1.6 metres.
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इसके अलावा बात अगर हॉरिजेंटल ड्रिलिंग की करें तो 1.6 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है.पीएम मोदी ने भी टनल में फंसे मजदूरों को लेकर बयान दिया है. पीएम मोदी ने कहा बचाव कार्य में कई एजेंसियां लगी है. सभी मजदूरों के लिए प्रार्थना करें.
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सरकार और तमाम एजेंसियों मिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं।
— PMO India (@PMOIndia) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है: PM @narendramodi
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— PMO India (@PMOIndia) November 27, 2023
लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है: PM @narendramodiसरकार और तमाम एजेंसियों मिलकर उन्हें संकट से बाहर निकालने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही हैं।
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लेकिन इस राहत और बचाव अभियान को हमें बहुत सतर्कता से ही पूरा करना है: PM @narendramodi
ऑगर मशीन के टूटे हिस्सा निकाला गया: वहीं, बीते रोज हैदराबाद से प्लाज्मा कटर उत्तरकाशी पहुंचा था और साथ ही चंडीगढ़ से भी लेजर कटर भी मंगवाया गया था. इनकी मदद से सुरंग के अंदर पाइप में फंसे ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को बाहर निकाल लिया गया है. अब यहां मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सेपर्स की निगरानी में आगे बढ़ेगा. मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग तकनीक अपनाई जाएगी. जिसमें छोटी-छोटी सुरंगें खोदी जाती हैं, कोयले की खदान में इस तरह की सुरंगें बनाई जाती हैं.
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#WATCH | Uttarkashi, Uttarakhand tunnel rescue | Morning visuals outside the tunnel where operation is underway to rescue the 41 workers who got trapped here on 12th November. pic.twitter.com/jwUBPCvmhz
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ऐसे होगी मैन्युअल ड्रिलिंग: सेना के पूर्व इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह (सेवानिवृत्त) ने बताया कि मैन्युअल ड्रिलिंग करने के लिए 6 विशेषज्ञों की एक टीम साइट पर मौजूद है. ये टीम 800 मिमी पाइप से होते हुए टनल के अंदर जाकर मैन्युअली मलबा हटाएगी. टीम के सदस्य वर्दी, हेलमेट, मास्क और चश्मा पहनकर एक के बाद एक पाइप के अदर जाएंगे और मलबे को हटाएंगे. अधिक पाइप डालने के लिए फावड़े की मदद ली जाएगी. इस टीम में भारतीय सेना के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप के इंजीनियरों के साथ-साथ श्रमिक भी शामिल हैं. बता दें कि, इस टीम के पास 600 मिमी व्यास वाले पाइपों से गुजरकर मैन्युअली मलबा हटाने का अनुभव है. हरपाल सिंह ने बताया कि, ये पूरा लंबा प्रोसेस रहेगा. ये करना इसलिए भी सही है क्योंकि केवल 10-12 मीटर तक मलबे को ड्रिल करना है.
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#WATCH | Uttarkashi Tunnel Rescue | Former advisor of PMO Bhaskar Khulbe and Deputy Secretary of PMO Mangesh Ghildiyal arrive at the Silkyara Tunnel rescue site pic.twitter.com/o2RXFARUX3
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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सिलक्यारा टनल में भारी भरकम मशीनों के जवाब देने के बाद भी रेस्क्यू टीम पूरी शिद्दत के साथ सुरंग में राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है. सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब वर्टिकल ड्रीलिंग का कार्य गतिमान है, जिससे मजदूरों तक पहुंच बनाने की कोशिश जारी है. वहीं, पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिल्कयारा ने भी टनल बचाव स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Priest Dinesh Prasad says, "Prayers are being offered for the safe rescue of the trapped workers. Havan puja will be organized here today at 2.30 pm. We will worship our 'Isht Devta' today..." pic.twitter.com/J20F8KrqYT
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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NDMA ने की ब्रीफिंग: वहीं, National Disaster Management Authority (एनडीएमए) की ओर से सोमवार को की गई प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि फिलहाल सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए वर्टिकल (ऊपर से नीचे की ओर) ड्रिलिंग के अलावा मैन्युअल हॉरिजॉन्टल खुदाई जल्द ही शुरू की जाएगी. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बचाव कार्यों पर अपडेट देते हुए बताया कि हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल ड्रिलिंग के दो प्रकार हैं, जिन पर इस समय ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इसके साथ ही सीमा सड़क संगठन और अन्य एजेंसियों के सहयोग से सुरंग के दूसरे छोर यानी बड़कोट की ओर से भी हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही है. बीआरओ के नेतृत्व में चार ब्लास्ट किए गए हैं और अब तक 500 मीटर में से केवल 10 मीटर ही कवर किया जा सका है.
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Lieutenant General (Retd.) Syed Ata Hasnain, Member, NDMA, says "In this kind of an operation, when geology is against us and technology is against us, we cannot make any estimates. However, we are all the time bringing in every… pic.twitter.com/XZEXrH1qfI
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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मौसम विभाग के अलर्ट पर भी ध्यान: सैयद अता हसनैन ने बताया कि, रेस्क्यू के लिए कुल 86 मीटर लंबी ड्रिलिंग करनी होगी. टनल के ऊपर से 1.2 मीटर व्यास के पाइपों को बिछाया जाना है. दूसरे विकल्प के रूप में इस पर रविवार से काम शुरू हुआ है. वहीं, मैन्युअल खुदाई के लिए रैट होल खनिक जल्द ही काम शुरू करेंगे. हसनैन ने मौसम विभाग के अलर्ट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, IMD की ओर से येलो अलर्ट है यानी हल्की बारिश हो सकती है लेकिन इसकी वजह से काम में रुकावट नहीं आएगी.
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Vishal Chauhan, Member, NHAI, says,"...Manual drilling is about to start... There will be a team of six members who will work in groups of three... There are sensors to monitor movement inside the earth..." pic.twitter.com/ScwT3utwpQ
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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रेस्क्यू ऑपरेशन का 16वां दिन: गौर हो कि उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वां दिन है. आधा महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी तमाम रेस्क्यू टीमें मजदूरों तक पहुंच नहीं बना पाई हैं. मशीनों के खराब होने के कारण उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित हो जाता है, जिसके कारण मजदूरों को निराश होना पड़ रहा है. सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य शुरू हो चुका है. वहीं टनल के मलबे में फंसी बरमा मशीन को काटने का काम हो चुका है. जिसके बाद टनल में मैनुअल काम किया जाएगा.
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Lieutenant General (Retd.) Syed Ata Hasnain, Member, NDMA, says, "...Safety is being focused a lot... As per a meteorological report, a yellow alert is there from IMD... which means light rains can occur... But there is no… pic.twitter.com/Kp5TKzKhgK
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श्रमिक के परिवार से मिलने पहुंचे सीएम: बीते दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से भेंट की. इस दौरान श्रमिक के परिजन भावुक हो गए और सीएम धामी ने मौके पर परिजनों को ढांढस बंधाया. साथ ही जल्द रेस्क्यू कार्य पूरा होने और सभी मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की बात कही. पुष्कर सिंह ऐरी सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं.
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Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Parts of auger machine that have been cut and brought out of the tunnel where the operation to rescue 41 trapped workers is underway.
— ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(Pictures: District Information Officer) pic.twitter.com/Qf0tSq6kem
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— ANI (@ANI) November 27, 2023
(Pictures: District Information Officer) pic.twitter.com/Qf0tSq6kemUttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Parts of auger machine that have been cut and brought out of the tunnel where the operation to rescue 41 trapped workers is underway.
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(Pictures: District Information Officer) pic.twitter.com/Qf0tSq6kem
इसके साथ ही बताते चलें कि, टनल में फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित बचाव के लिए पूजा-अर्चना की जा रही है. पुजारी दिनेश प्रसाद कहते हैं कि टनल में फंसे मजदूरों की सकुशल रेस्क्यू के लिए ईष्ट देवता का पूजा और हवन का आयोजन किया जा रहा है.
पढ़ें- उत्तराखंड में अगले 10 सालों में 66 टनल प्रस्तावित, उत्तरकाशी हादसे के बाद उठने लगे सवाल, स्टडीज पर जोर दे रहे साइंटिस्ट