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उत्तरकाशी टनल में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे, 7वें दिन मिली जानकारी, PMO से पहुंची टीम - सिलक्यारा टनल रेस्क्यू की मॉनिटरिंग

Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse Rescue 7th Day उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजदूरों के रेस्क्यू का कार्य आज 7वें दिन भी जारी है. सीएम धामी ने श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की है. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी सिलक्यारा में दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू कार्यों का जायजा लिया. इसके साथ ही इंदौर से तीसरी हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन रेस्क्यू के लिए पहुंच गई है. इसी बीच खबर आई है कि सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 श्रमिक फंसे हैं.

Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse Rescue
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 12:27 PM IST

Updated : Nov 18, 2023, 7:16 PM IST

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य चल रहा है. आज रेस्क्यू ऑपरेशन का सातवां दिन है. वहीं, बड़ी खबर ये सामने आई है कि सिलक्यारा सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 मजदूर फंसे हुए हैं. सात दिन बाद इसकी जानकारी मिली है. 41वें व्यक्ति का नाम दीपक कुमार (पुत्र शत्रुघ्न) निवासी मुजफ्फरपुर गिजास टोला बिहार बताया गया है. इसके साथ ही इंदौर से एक मशीन एयरलिफ्ट कर मंगवाई गई है जो देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची थी. वहां से घटनास्थल पहुंच चुकी है. मशीन के पार्ट्स भी कंडीसौड़ पहुंच चुके हैं. मशीन को असेंबल किया जाएगा.

वहीं, उत्तरकाशी के सिलक्यारा में रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही देहरादून में भी धामी सरकार सभी श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर प्लानिंग में लगी हुई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अफसरों के साथ मीटिंग की. बैठक में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन कार्यों की समीक्षा की गई.

  • Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami is reviewing with senior officers the relief and rescue operations of the landslide incident that occurred in the under-construction Silkyara Tunnel located on the Uttarkashi-Yamnotri road, at the camp office located at the CM… pic.twitter.com/tkhBcXgGr5

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएमओ से भी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू की मॉनिटरिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट ले रहे हैं तो पीएमओ से अफसर भी सिलक्यारा आकर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं. आज पीएमओ दिल्ली से प्रधानमंत्री दफ्तर के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पहुंचे. मंगेश घिल्डियाल को उत्तराखंड का काफी अनुभव है.

पीएमओ से ये टीम पहुंची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से पांच सीनियर अफसरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पर पहुंची है. टीम में मंगेश घिल्डियाल, डिप्टी सचिव, पीएमओ, वरुण अधिकारी, जियोलॉजिस्ट इंजीनियर, महमूद अहमद, डिप्टी सचिव, भास्कर खुल्वे, ओएसडी, टूरिज्म और अरमांडो कैपलैन, एक्सपोर्ट इंजीनियर शामिल हैं. ये टीम, रेस्क्यू टीम के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी.

नार्वे के विशेषज्ञ सिलक्यारा पहुंचे: सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अब इतना व्यापक हो चुका है कि विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें हाथ बंटा रहे हैं. नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे हैं. इसके साथ ही Rail Vikas Nigam Limited (रेल विकास निगम लिमिटेड) की ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाई गई तीसरी हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी मौके पर पहुंची है.

  • #WATCH | Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue operation | A temple has been built at the main entrance of the tunnel to pray for the stranded victims pic.twitter.com/avPwTeJQ4z

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

रेस्क्यू में क्यों आ रही दिक्कत? सिलक्यारा टनल में दो ऑगर मशीन पहले से ही रेस्क्यू वर्क में लगाई गई हैं. बताया जा रहा है कि इन भारी मशीनों से ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में Vibration (कंपन) हो रहा है. इससे मलबा गिरने का खतरा बढ़ जा रहा है. सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन 1750 Horse Power की है. अभी तक पांच पाइप जोड़े गए हैं. शुक्रवार शाम को एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया था कि अमेरिकी हेवी ऑगर मशीन से 25 मीटर ड्रिलिंग का काम किया जा चुका है. हालांकि, ड्रिल के दौरान ही क्रैक होने जैसी तेज आवाज आई थी जिसके बाद मशीन खराब हो गई और इसके बाद ड्रिल का काम रोका गया था. बताया जा रहा था कि अमेरिकी ऑगर मशीन की बेरिंग में खराबी आ गई थी. इसके बाद एनडीआरएफ और भू-वैज्ञानिकों की टीम ने ड्रिल का निरीक्षण किया और इस बात की जानकारी मिली कि अंदर ऐसा कुछ है जिससे ड्रिल करना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है. ऐसे में ड्रिल करने के लिए इंदौर से दूसरी मशीन मंगाई गई है. मौके पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, मलबे के अंदर किसी भारी सामान को जब पुरानी ड्रिल मशीन काट रही थी उसे समय काफी तेज क्रेक की आवाज आने के साथ ही मशीन खराब हो गई.

मंदिर में प्रार्थना जारी: एक तरफ सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है. दूसरी तरफ भगवान से टनल में फंसे 40 मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए प्रार्थना का दौर भी जारी है. सिलक्यारा की सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए प्रार्थना करने को टनल के मुख्य द्वार पर एक मंदिर बनाया गया है. पुजारी नियमित रूप से इस मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी टनल हादसा: 6 दिन बाद भी गायब हैं उत्तराखंड के मंत्री, विपक्ष ने जिले के प्रभारी प्रेमचंद का मांगा इस्तीफा
ये भी पढ़ें: अपनों की तलाश में सिलक्यारा पहुंच रहे परिजन, टनल में फंसे लोगों को निकाले के लिए हुआ मॉक ड्रिल
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे 7 राज्यों के 40 मजदूर, सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द, रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य चल रहा है. आज रेस्क्यू ऑपरेशन का सातवां दिन है. वहीं, बड़ी खबर ये सामने आई है कि सिलक्यारा सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 मजदूर फंसे हुए हैं. सात दिन बाद इसकी जानकारी मिली है. 41वें व्यक्ति का नाम दीपक कुमार (पुत्र शत्रुघ्न) निवासी मुजफ्फरपुर गिजास टोला बिहार बताया गया है. इसके साथ ही इंदौर से एक मशीन एयरलिफ्ट कर मंगवाई गई है जो देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची थी. वहां से घटनास्थल पहुंच चुकी है. मशीन के पार्ट्स भी कंडीसौड़ पहुंच चुके हैं. मशीन को असेंबल किया जाएगा.

वहीं, उत्तरकाशी के सिलक्यारा में रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही देहरादून में भी धामी सरकार सभी श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर प्लानिंग में लगी हुई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अफसरों के साथ मीटिंग की. बैठक में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन कार्यों की समीक्षा की गई.

  • Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami is reviewing with senior officers the relief and rescue operations of the landslide incident that occurred in the under-construction Silkyara Tunnel located on the Uttarkashi-Yamnotri road, at the camp office located at the CM… pic.twitter.com/tkhBcXgGr5

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पीएमओ से भी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू की मॉनिटरिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट ले रहे हैं तो पीएमओ से अफसर भी सिलक्यारा आकर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं. आज पीएमओ दिल्ली से प्रधानमंत्री दफ्तर के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पहुंचे. मंगेश घिल्डियाल को उत्तराखंड का काफी अनुभव है.

पीएमओ से ये टीम पहुंची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से पांच सीनियर अफसरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पर पहुंची है. टीम में मंगेश घिल्डियाल, डिप्टी सचिव, पीएमओ, वरुण अधिकारी, जियोलॉजिस्ट इंजीनियर, महमूद अहमद, डिप्टी सचिव, भास्कर खुल्वे, ओएसडी, टूरिज्म और अरमांडो कैपलैन, एक्सपोर्ट इंजीनियर शामिल हैं. ये टीम, रेस्क्यू टीम के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी.

नार्वे के विशेषज्ञ सिलक्यारा पहुंचे: सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अब इतना व्यापक हो चुका है कि विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें हाथ बंटा रहे हैं. नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे हैं. इसके साथ ही Rail Vikas Nigam Limited (रेल विकास निगम लिमिटेड) की ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाई गई तीसरी हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी मौके पर पहुंची है.

  • #WATCH | Uttarakhand: Uttarkashi tunnel rescue operation | A temple has been built at the main entrance of the tunnel to pray for the stranded victims pic.twitter.com/avPwTeJQ4z

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रेस्क्यू में क्यों आ रही दिक्कत? सिलक्यारा टनल में दो ऑगर मशीन पहले से ही रेस्क्यू वर्क में लगाई गई हैं. बताया जा रहा है कि इन भारी मशीनों से ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में Vibration (कंपन) हो रहा है. इससे मलबा गिरने का खतरा बढ़ जा रहा है. सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन 1750 Horse Power की है. अभी तक पांच पाइप जोड़े गए हैं. शुक्रवार शाम को एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया था कि अमेरिकी हेवी ऑगर मशीन से 25 मीटर ड्रिलिंग का काम किया जा चुका है. हालांकि, ड्रिल के दौरान ही क्रैक होने जैसी तेज आवाज आई थी जिसके बाद मशीन खराब हो गई और इसके बाद ड्रिल का काम रोका गया था. बताया जा रहा था कि अमेरिकी ऑगर मशीन की बेरिंग में खराबी आ गई थी. इसके बाद एनडीआरएफ और भू-वैज्ञानिकों की टीम ने ड्रिल का निरीक्षण किया और इस बात की जानकारी मिली कि अंदर ऐसा कुछ है जिससे ड्रिल करना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है. ऐसे में ड्रिल करने के लिए इंदौर से दूसरी मशीन मंगाई गई है. मौके पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, मलबे के अंदर किसी भारी सामान को जब पुरानी ड्रिल मशीन काट रही थी उसे समय काफी तेज क्रेक की आवाज आने के साथ ही मशीन खराब हो गई.

मंदिर में प्रार्थना जारी: एक तरफ सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है. दूसरी तरफ भगवान से टनल में फंसे 40 मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू के लिए प्रार्थना का दौर भी जारी है. सिलक्यारा की सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए प्रार्थना करने को टनल के मुख्य द्वार पर एक मंदिर बनाया गया है. पुजारी नियमित रूप से इस मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं.
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Last Updated : Nov 18, 2023, 7:16 PM IST
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