चमोली जिले में हुई भीषण तबाही के बाद रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों पर सर्च एंड रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. अभियान में 6 टीमें अलकनंदा नदी किनारे मलबे को साफ कर शवों की खोजबीन में जुटी हैं. वहीं तीन अन्य स्थानों पर राफ्ट के जरिये सर्च एंड रेस्क्यू चल रहा है. बचाव और राहत का काम जोशीमठ क्षेत्र में धौली गंगा नदी और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में भी लगातार जारी है. तपोवन एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट की एक टनल के अंदर फसे 33 लोगों को अभी भी लगातार रेस्क्यू करने का काम जारी है.
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे अलग-अलग जगहों पर छः शवों को बरामद किया गया. ये शव रुद्रप्रयाग के पपड़ासू, जवाड़ी बायपास, बेला, सारी, पुरानी तहसील में मिले. इन शवों को मलबे से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सलय भेजा गया.
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू अभियान निरन्तर जारी है. चमोली में हुई भीषण आपदा के बाद रुद्रप्रयाग में विभिन्न स्थानों में टीम गठित कर राहत व खोज-बचाव कार्य चल रहा है. अलकनंदा नदी में तीन स्थानों पर राफ्ट के माध्यम से सर्च एंड रेस्क्यू का अभियान चलाया जा रहा है.
इसके अलावा छह अन्य टीम भी बचाव व खोज अभियान में जुटी हुई हैं. अलकनंदा नदी में तीन राफ्ट टीम से खोज व बचाव अभियान जारी है. गौचर के सारी से रुद्रप्रयाग तक पहली राफ्ट, रुद्रप्रयाग से खांकरा तक दूसरी राफ्ट तथा खांकरा से धारी देवी मंदिर तक तीसरी राफ्ट तैनात की गई है, जो लगातार सर्च व रेस्क्यू कर रही हैं.
सर्च अभियान के टीम प्रभारी भगवान सिंह रौथाण ने बताया कि अलकनंदा नदी किनारे टीम सर्च अभियान चलाए हुए हैं. नदी में मछलियां मर रही है, जो किनारे पर आ रही हैं. जबकि लकड़ियां भी बहकर आ रही हैं. इसके अलावा भारी मात्रा में मलबा आया हुआ है. शवों की ढूंढने को लेकर जगह-जगह पर मलबे को साफ किया जा रहा है.
32 शव बरामद, ब्लॉक सुरंग की 60 मीटर खुदाई बाकी
मंगलवार को पूरे दिन चले रेस्क्यू अभियान की ताजा हालातों की जानकारी देते हुए एसडीआरएफ डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि अब तक कुल 32 शव बरामद किए जा चुके हैं. जिनमें से 8 लोगों की शिनाख्त भी की जा चुकी है. जिसमें 4 व्यक्ति ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम करने वाले और 3 लोग ऋत्विक कम्पनी के हैं. SDRF से मिली ताजा जानकारी के अनुसार रेस्क्यू के मुख्य बिंदु तपोवन में एनटीपीसी प्रोजेक्ट की टनल में लगातार मलवा हटाने का काम जारी है. अब तक डेढ़ सौ मीटर तक मलबा साफ किया गया है, लेकिन अभी 60 मीटर और अंदर खुदाई की जरूरत है. डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जैसे-जैसे टनल में खुदाई अंदर तक की जा रही है.
SDRF की 13 अलग-अलग टीमें निकली है मिशन पर
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि चमोली आपदा को लेकर एसडीआरएफ ने अपनी 13 अलग-अलग टीम गठित की हैं. जिनमें से 6 टीमें जोशीमठ से श्रीनगर तक अंडर वॉटर सर्च रेस्क्यू का काम रही हैं. जिसमें SDRF की टीम नदी में जाकर, कई अत्याधुनिक तकनीकों से लैस राफ्ट और अंडर वाटर सोनार के जरिए शवों को ढूंढने का काम कर रही हैं. इसके अलावा 3 टीमें आसपास के प्रभावित गांवों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर राहत के साथ साथ गुमशुदा लोगों का डाटा संकलन कर रही हैं. वहीं इसके अलावा SDRF की 3 टीमें ऋषिगंगा प्रोजेक्ट से लेकर तपोवन एनटीपीसी प्रोजेक्ट तक मलबे में शवों को ढूंढने का काम कर रही है. जिसमें 4 स्निफर डॉग भी शामिल हैं.
जियोग्राफिकल मैपिंग से जल्द स्पष्ट होगी स्थिति
उत्तराखंड एसडीआरएफ द्वारा तपोवन एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट की टनल में रेस्क्यू को लेकर ज्योग्राफिकल मैपिंग के लिए आज CSIR संस्थान के साथ मिल कर श्रीनगर से एक हेलीकॉप्टर को उड़ाया गया. जिसने तपोवन ब्लॉक टनल की पूरी तरह से मैपिंग की. उसके बाद यह गौचर में लैंड हुआ. रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि CSIR का जियोग्राफिकल मैपिंग इक्यूपमेंट श्रीनगर में ही मौजूद था. ब्लॉक टनल की मैपिंग कर टनल के अंदर मलबे और पानी की वास्तविक स्थिति का आकलन किया गया. जिसको लेकर वैज्ञानिक अभी विश्लेषण में लगे हैं. कल सुबह तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.