नई दिल्ली : केंद्र ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम अपीलीय अधिकरण (एटीपीएमएलए) में रिक्तियों को भरने के लिए एक 'सर्च कमेटी' में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश या एक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को नामित करने के सिलसिले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से अनुरोध किया गया है.
केंद्र के वकील ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ को बताया कि अधिकरण (सेवा शर्तें) नियमें, 2021 को अधिसूचित किया गया है और नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रधान न्यायाधीश के जवाब का इंतजार है.
केंद्र की ओर से अधिवक्ता मनीष मोहन ने कहा, 'एक बार जब यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, तब यह अपने गंतव्य पर पहुंचने के लिए हर आवश्यक अदालत से होकर गुजरेगी.'
राजस्व विभाग के अवर सचिव द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है, 'राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने अधिकरण (सेवा शर्तें) नियम ,2021 को 15 सितंबर 2021 को अधिसूचित किया है...नियमों की अधिसूचना के बाद, 21 सितंबर को एक पत्र माननीय प्रधान न्यायाधीश को सर्च-सह-चयन समिति (एससीएसएसी) के सदस्य के तौर पर उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायालय को नामित करने के लिए भेजा गया है.'
रिपोर्ट में कहा गया है, 'तब से, इस बारे में माननीय प्रधान न्यायाधीश से एक जवाब का इंतजार है.' न्यायालय ने नियुक्तियों की स्थिति पर केंद्र से आगे की स्थिति रिपोर्ट तलब की है और इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी के लिए सूचीबद्ध कर दी.
न्यायालय फुलरटोन इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस याचिका में धन शोधन सहित विभिन्न कानूनों के तहत आर्थिक अपराध के मामलों से निपटने के लिए पीएमएलए के तहत गठित अपीलीय अधिकरण में पीठासीन अधिकारी के तौर पर एक अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है.
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(पीटीआई-भाषा)