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दिल्ली में कोरोना के गंभीर मरीजों पर दिल्ली सरकार से रिपोर्ट तलब - corona patients in delhi

दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 15 हजार नए कोरोना केस (new corona cases reported in delhi) आए हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति पर जवाब तलब किया है.

new corona cases reported in delh
दिल्ली में कोरोना
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Published : Jan 7, 2022, 2:12 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के (Corona cases increasing in Delhi) बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था पर जवाब तलब किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो बताएं कि दिल्ली में ओमीक्रोन (Omicron new variant of corona) से संक्रमित गंभीर मरीजों का प्रतिशत कितना है. मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी. बता दें कि हाईकोर्ट ने कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा को स्थिति नियंत्रण होने तक टालने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई भी की.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि दूसरी लहर से अभी स्थिति अलग है. अभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत कम पड़ रही है. उन्होंने कहा कि तीन जनवरी तक पॉजीटिविटी रेट 6.46 फीसदी रही. मेहरा ने कहा कि जहां अभी तीसरी लहर में एक मौत के मुकाबले दूसरी लहर के दौरान मरने वालों की संख्या 17 थी. तीसरी लहर के दौरान 420 बेडों की तुलना में दूसरी लहर के दौरान 3226 बेड की जरूरत थी. तीसरी लहर के दौरान जहां तीन सौ ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ी है वहीं, दूसरी लहर के दौरान तीन हजार ऑक्सीजन बेड की जरूरत थी.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में 24 घंटे में 15 हज़ार से ज्यादा नए कोरोना केस

तीसरी लहर के दौरान फिलहाल 113 आईसीयू बेड की तुलना में दूसरी लहर के दौरान 1238 आईसीयू बेड की जरूरत पड़ी थी. मेहरा ने कहा कि इस समय होम आइसोलेशन की समयावधि घटाकर सात दिन कर दी गई है. अभी निगेटिव का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है. मेहरा ने कहा कि कोरोना प्रबंधन की ताजा स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये नोट किया कि केंद्र सरकार ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए तीन जनवरी से एहतियातन वैक्सीन देने की शुरुआत की है. इसके अलावा फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को 10 जनवरी से बूस्टर डोज दी जा रही है. विशेषज्ञों की सलाह पर बूस्टर डोज उन्हें दिया जा रहा है, जिन्हें दूसरी डोज लिए हुए 39 हफ्ते हो चुके हैं.

इसे भी पढ़ेंः UPSC मेन एग्जाम टालने की मांग वाली याचिका खारिज, EXAM को हाईकोर्ट की हरी झंडी

इसके अलावा 60 साल से ऊपर के उन वरिष्ठ नागरिकों को भी बूस्टर डोज दिया जा रहा है जिन्हें दूसरी बीमारियां हैं. बता दें कि अप्रैल और मई 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तो हाईकोर्ट ने आनलाइन सुनवाई करते हुए कई महत्वपूर्ण आदेश जारी किए थे. दूसरी लहर के दौरान जब दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी थी उस समय हाईकोर्ट ने रोजाना पांच-छह घंटे आनलाइन सुनवाई कर महत्वपूर्ण आदेश पारित किए थे. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली और केंद्र सरकार को स्थिति की रोजाना मानिटरिंग करने का निर्देश देने के अलावा अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर नहीं छिपा सकते हैं. हाईकोर्ट ने इस दौरान राजनेताओं की ओर से दवाओं के वितरण पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर को मामले की जांच करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और उनकी एनजीओ पर रोहिणी कोर्ट में केस दर्ज किया गया था.

नई दिल्लीः दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के (Corona cases increasing in Delhi) बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्वास्थ्य व्यवस्था पर जवाब तलब किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो बताएं कि दिल्ली में ओमीक्रोन (Omicron new variant of corona) से संक्रमित गंभीर मरीजों का प्रतिशत कितना है. मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी. बता दें कि हाईकोर्ट ने कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए सिविल सर्विसेज की मुख्य परीक्षा को स्थिति नियंत्रण होने तक टालने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई भी की.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि दूसरी लहर से अभी स्थिति अलग है. अभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरुरत कम पड़ रही है. उन्होंने कहा कि तीन जनवरी तक पॉजीटिविटी रेट 6.46 फीसदी रही. मेहरा ने कहा कि जहां अभी तीसरी लहर में एक मौत के मुकाबले दूसरी लहर के दौरान मरने वालों की संख्या 17 थी. तीसरी लहर के दौरान 420 बेडों की तुलना में दूसरी लहर के दौरान 3226 बेड की जरूरत थी. तीसरी लहर के दौरान जहां तीन सौ ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ी है वहीं, दूसरी लहर के दौरान तीन हजार ऑक्सीजन बेड की जरूरत थी.

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तीसरी लहर के दौरान फिलहाल 113 आईसीयू बेड की तुलना में दूसरी लहर के दौरान 1238 आईसीयू बेड की जरूरत पड़ी थी. मेहरा ने कहा कि इस समय होम आइसोलेशन की समयावधि घटाकर सात दिन कर दी गई है. अभी निगेटिव का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है. मेहरा ने कहा कि कोरोना प्रबंधन की ताजा स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाएगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये नोट किया कि केंद्र सरकार ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए तीन जनवरी से एहतियातन वैक्सीन देने की शुरुआत की है. इसके अलावा फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को 10 जनवरी से बूस्टर डोज दी जा रही है. विशेषज्ञों की सलाह पर बूस्टर डोज उन्हें दिया जा रहा है, जिन्हें दूसरी डोज लिए हुए 39 हफ्ते हो चुके हैं.

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इसके अलावा 60 साल से ऊपर के उन वरिष्ठ नागरिकों को भी बूस्टर डोज दिया जा रहा है जिन्हें दूसरी बीमारियां हैं. बता दें कि अप्रैल और मई 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तो हाईकोर्ट ने आनलाइन सुनवाई करते हुए कई महत्वपूर्ण आदेश जारी किए थे. दूसरी लहर के दौरान जब दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी थी उस समय हाईकोर्ट ने रोजाना पांच-छह घंटे आनलाइन सुनवाई कर महत्वपूर्ण आदेश पारित किए थे. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली और केंद्र सरकार को स्थिति की रोजाना मानिटरिंग करने का निर्देश देने के अलावा अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर नहीं छिपा सकते हैं. हाईकोर्ट ने इस दौरान राजनेताओं की ओर से दवाओं के वितरण पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर को मामले की जांच करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और उनकी एनजीओ पर रोहिणी कोर्ट में केस दर्ज किया गया था.

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