बेंगलुरु/तिरुवनंतपुरम : कर्नाटक और केरल में लगभग नौ महीने के बाद स्कूल और कॉलेज संस्थान वापस खुल रहे हैं. कोरोना महामारी के कारण शिक्षा क्षेत्र पिछले नौ महीनों से बंद हैं और अब एसएसएलसी लिए स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी (PU) कॉलेज आज यानी एक जनवरी से फिर से खुल रहे हैं. इन दोनों राज्यों में सरकार के आदेश के बाद स्कूल कॉलेजों को खोला जा रहा है.
एक दिन में केवल 3-4 कक्षाएं आयोजित की जाएंगी. हर व्यवस्था लागू की जा रही है. कर्नाटक प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने स्कूल को फिर से खोलने के लिए शिक्षकों को पहले ही आरटी-पीसीआर टेस्ट और 55 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को फेस शील्ड पहनने की सलाह दी है.
स्कूल और कॉलेज की इमारतों को पूरी तरह से साफ किया जाता है और सभी एहतियाती उपाय किए जाते हैं. थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर स्कूल और कॉलेजों में उपलब्ध हैं. कक्षाओं में जाने से पहले मास्क पहनना अनिवार्य है, जिन विद्यार्थियों को सर्दी, खांसी हो रही है, वे स्कूल नहीं आ सकते.
विद्यार्थियों को पहले से ही निर्देश दिये गये हैं कि कैसे स्कूल में सामाजिक दूरी को बनाये रखना है. इसके साथ ही स्कूल जाने से पहले सफाई कैसे रखनी है और बनाये रखनी है.
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने भी पुष्टि की है की एसएसएलसी स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी (PU) कॉलेज की परीक्षाएं मार्च के महीने में आयोजित नहीं की जाएंगी.
नये साल की शुरुआत से स्कूल और कॉलेज में शिक्षकों के लिए कक्षाएं संचालित होंगी. जैसा कि कई महीनों बाद स्कूल खुल रहे हैं, छात्र स्कूलों में रंगोली के साथ छात्रों का स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं.
पढ़ें : 2021: नए साल में भारत की प्रमुख आर्थिक चुनौतियां
बेंगलुरु में बीबीएमपी के तहत 15 प्री-यूनिवर्सिटी (PU) कॉलेज हैं और 2070 छात्र हैं. 10वीं में 2,190 छात्रों के साथ 32 हाई स्कूल हैं. योजना और ऑनलाइन के माध्यम से कक्षा का संचालन पहले से ही किया जा रहा है.
केरल में भी खुलेंगे स्कूल
केरल की बात करें तो शुरुआती दिनों में कक्षाएं नहीं आयोजित की जाएंगी. छात्रों का परीक्षाओं को लेकर मार्गरदर्शन किया जाएगा, जिससे उनका मनोबल बना रहे. राजधानी तिरुवनंतपुरम की महापौर आर्या राजेंद्रन ने स्कूलों का दौरा किया और व्यवस्था की समीक्षा की. आर्या ने छात्रों से भी बातचीत की.
इन नौ महीनों में, छात्र केरल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे थे. उनके शरीर का तापमान मापने के लिए स्कूलों के प्रवेश द्वार पर डिजिटल थर्मामीटर लगाया गया है. यह प्रक्रिया अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार अनिवार्य है.
अभिभावकों से सहमति पत्र मिलने के बाद ही उन्हें स्कूल परिसर में प्रवेश दिया गया. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कोविड दिशानिर्देशों के पालन के साथ स्कूलों और कॉलेजों सहित शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने का फैसला किया गया था.
सामान्य शिक्षा विभाग ने अपने दिशा-निर्देशों में साफ कहा है कि स्कूलों में एक बार में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को ही अनुमति दी जाए और पहले सप्ताह में कक्षाओं में एक बेंच पर एक ही छात्र को बैठाया जाए.
असम
असम में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण स्कूलो को बंद किये जाने के दस महीने बाद, शुक्रवार को प्राथमिक स्कूल कड़े दिशा-निर्देशों के साथ फिर से खुल गए.
अधिकारियों ने बताया कि पहली से पांचवी कक्षा तक के छात्रों के लिये प्रदेश में स्कूल खुल गये हैं और नये साल के पहले दिन से कक्षायें शुरू हो गयी हैं. हालांकि, स्कूलों में उपस्थिति आवश्यक नहीं है और छात्र अपने माता-पिता की सहमति से स्कूल आयेंगे.
उन्होंने बताया कि 50 फीसदी से अधिक छात्र मास्क लगा कर और सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर स्कूल में उपस्थित हुये.
स्कूल खोले जाने के बाद कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है. इसमें कक्षा का नियमित सेनिटाइजेशन भी शामिल है. जिला प्रशासन स्थिति पर गहरी नजर रखेगा.
पहली, दूसरी एवं तीसरी कक्षा के छात्र मंगलवार, बृहस्पतिवार एवं शनिवार को स्कूल जायेंगे जबकि चौथी एवं पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र सोमवार, बुधवार एवं शुकवार को स्कूल में उपस्थित रहेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि कक्षायें सुबह नौ बज कर 45 मिनट पर शुरू होंगी और आधे घंटे के भोजनावकाश के साथ दोपहर एक बजकर 45 मिनट तक चलेंगी. उन्होंने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं होगी.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आना चाहते उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी.