रायपुर : कथित शराब घोटाले के मामले में आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई. सोमवार को कारोबारी अनवर ढेबर , नितेश पुरोहित , शराब कारोबारी पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी को जज अजय सिंह राजपूत की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. जहां सुनवाई के बाद न्यायधीश ने चारों अभियुक्तों को 4 दिन की रिमांड पर भेजा है.
अभियुक्तों के वकील की दलील : चारों अभियुक्तों के वकील फैजल रिजवी ने ईटीवी भारत को बताया कि " ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित ,पप्पू ढिल्लन और CSMCL के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को कोर्ट में पेश किया. ईडी की ओर से किसी के लिए 9 दिन , 5 दिन और 4 दिन की रिमांड मांगी गई थी. न्यायालय ने सभी को कस्टोडियल रिमांड दी है.19 मई को सभी को 1 बजे को फिर से पेश किया जाएगा. ईडी ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि अभियुक्तों से मोबाइल और लैपटॉप जब्त हुए हैं. जिनसे डाटा निकालना है. ईडी ने पिछले बार भी यही कहा था कि डाटा निकालना बाकी है. डाटा निकलने के बाद ही पूछताछ कर सकते हैं. कुछ दस्तावेज मिले हैं जिस संबंध में अभियुक्तों से पूछताछ करनी है.अभी तक कोर्ट में ईडी ने कोई पुख्ता चीज पेश नहीं की है. पूछताछ कर साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं. इसलिए ईडी ने समय मांगा है.''
क्या कहना है ईडी के वकील का : ईडी के वकील डॉ सौरभ पांडे ने ईटीवी भारत ने बताया " जब से अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित ,पप्पू ढिल्लन, एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया. 7 मई और 10 मई को ईडी ने सर्च ऑपरेशन चलाया. सर्च के दौरान बहुत सारे बहुत सारे डॉक्यूमेंट सीज किए गए. मोबाइल के डेटा निकाले गए हैं. उनमें अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित के मोबाइल डेटा निकाले है. हमें जो दस्तावेज मिले हैं. उसमें पूछताछ करना जरुरी है. उन सभी डॉक्यूमेंट को लेकर वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है.अभियुक्तों ने सेक्शन 50 पीएमएलए स्टेस्टमेट के तहत बातें कही है. जिनमें त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन के चार्टर्ड अकाउंटेंट आए थे. इसके अलावा अन्य लोग आए थे, जिन्होंने अपने सेक्शन 50 स्टेटमेंट में अपनी बातें बताई है. अभियुक्तों से कन्फर्म करवाना जरूरी है कि जो दस्तावेज हैं वो सही है या गलत.''
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पेशी के दौरान डॉक्टर भी पहुंचे : सोमवार को सुनवाई के दौरान डॉक्टर भी पेशी में आए हुए थे. यदि कोई व्यक्ति, न्यायालय की कार्रवाई को समझने में सक्षम नहीं है तो इस बात की सत्यता के लिए न्यायालय इंक्वायरी करता है. सिविल सर्जन के मेडिकल परीक्षण के बाद न्यायालय इंक्वायरी करता है. इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचा जाता है कि अरेस्टेड व्यक्ति न्यायालय की कार्रवाई समझने में सक्षम है या नहीं. नितेश पुरोहित को 10 मई को अरेस्ट कर जब कोर्ट में पेश किया गया था. उस दौरान उनकी तबीयत खराब हुई थी. तब एम्स में साइकेट्रिस्ट से उनका परीक्षण कराया गया था. वह रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई.न्यायालय ने जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन का ज्ञापन जारी किया था. सिविल सर्जन ने जिला चिकित्सालय के साइकेट्रिस्ट आज पेशी में आए थे. उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया. उसमें न्यायालय फैसला सुनाएगी.