चेन्नई : केंद्र सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस परेड के लिए तामिलनाडु की झांकी को अस्वीकृत किए जाने पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों को दर्शाती झांकी को 26 जनवरी को चेन्नई में राज्य सरकार के समारोह में प्रदर्शित किया जाएगा. उन्होंने अपने बयान में कहा, स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की भूमिका को प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाल ही में चेन्नई में आयोजित एक्सपो को आगे बढ़ाते हुए देश के प्रमुख शहरों में फोटो प्रदर्शनी आयोजित करने की व्यवस्था की जाएगी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चिट्ठी को दिखाते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि यह खेद और स्तब्ध करने वाली बात है कि गणतंत्र दिवस के समारोह में तामिलनाडु की झांकी शामिल न किए जाने की वजह तक नहीं बताई गई. 17 जनवरी को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तामिलनाडु की झांकी को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल न किये जाने पर हस्तक्षेप की मांग की थी.
अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि तामिलनाडु की वेल्लोर क्रांति (1806) का राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम योगदान है जिसमें वीराथाई वेलुनचियार (Veerathai Velunachiar), पूलीथेवार (Pulithevar), वीरापांड्या कट्टाबोम्मन (Veerapandia Kattabomman), मारूधु भाइयों (the Marudhu brothers), वीओ चिदंबरम (V.O. Chidambaram) और कवी भरथियार (Bharathiyar) को उनके योगदान के लिए आज भी याद किया जाता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि तमिलनाडु को स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के अवसर से वंचित कर दिया गया है, इसलिए मूल रूप से दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करने के लिए प्रस्तावित झांकी 26 जनवरी को चेन्नई में राज्य सरकार के समारोह का हिस्सा होगी. चूंकि तमिलनाडु को अब राज्य के ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के अवसर से वंचित कर दिया गया है, इसलिए मूल रूप से दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करने के लिए प्रस्तावित झांकी 26 जनवरी को राज्य सरकार के समारोह का हिस्सा होगी.
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