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वैक्सीन की बर्बादी पर रोक लगाना राज्यों की जिम्मेवारी : केंद्र

केंद्र सरकार ने राज्यों को साफतौर पर कहा है कि वैक्सीन की बर्बादी न हो पाए. मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि राज्यों को वैक्सीन की बर्बादी को लेकर अनावश्यक रूप से टार्गेट किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक फीसदी से भी कम बर्बादी हो. यह उम्मीद उचित, वांछनीय और पूरा करने योग्य है.

कोविड-19 टीकों
कोविड-19 टीकों
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Published : Jun 11, 2021, 5:27 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 8:12 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीका (covid-19 vaccine) एक आवश्यक जन स्वास्थ्य वस्तु है जिसकी दुनिया भर में कमी है. इसलिए इसकी बर्बादी कम से कम होनी चाहिए जिससे कई लोगों को टीका लगाने में मदद मिलेगी.

टीके की शीशी से अतिरिक्त खुराक निकालने का प्रयास

मीडिया की कुछ खबरों में कहा गया है कि टीके की बर्बादी को एक प्रतिशत से कम रखने पर मंत्रालय द्वारा दिया जा रहा जोर अनुपयुक्त हैं. इन खबरों का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि कई राज्यों ने टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) इस तरीके से चलाया है कि न कोई बर्बादी हो बल्कि वे शीशी से अतिरिक्त खुराक निकाल सके.

मंत्रालय ने कहा कि अत: यह उम्मीद करना कि टीके की बर्बादी एक प्रतिशत या इससे भी कम हो, यह अनुचित नहीं है. यह उचित, वांछनीय और पूरा करने योग्य है.

संक्रमण से बचाने के लिए टीका जरूरी

उसने यह भी कहा कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाना लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है. कोविड-19 महामारी को खत्म करने में सुरक्षा और प्रभावी टीकों को समान रूप से उपलब्ध कराना अहम है.

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि टीके बनाने में काफी वक्त लगता है और कई बार इन टीकों के लिए मांग आपूर्ति से कहीं अधिक होती है. अत: यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि महामारी से निपटने में इस कीमती हथियार का इस्तेमाल बेहतर और उचित तरीके से किया जाए. कोविड-19 रोधी टीका एक आवश्यक जन स्वास्थ्य वस्तु है जिसकी दुनिया भर में कमी है. अत: टीकों की बर्बादी कम से कम होनी चाहिए जिससे कई लोगों को टीका लगाने में मदद मिलेगी.

पढ़ेंः जानें, कोविड टीका का दुष्प्रभाव युवाओं पर अधिक क्यों

टीकों की कम से कम बर्बादी पर पीएम ने भी दिया जोर

उसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी समय-समय पर टीकों की कम से कम बर्बादी पर जोर दिया है ताकि अधिक से अधिक लोग टीकों की खुराक ले सके.

बयान में कहा गया है कि टीकों की बर्बादी में कमी का मतलब है कि अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाना और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना. एक टीका बचाने का मतलब है कि एक और व्यक्ति को टीका लगाना.

कोविड-19 रोधी टीकों के लिए अभी इस्तेमाल की जा रही नीति में शीशी को एक बार खोलने के बाद उसे एक निर्धारित समयसीमा के भीतर इस्तेमाल किया जाना होता है.

प्रत्येक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण की सलाह

बयान में कहा गया है कि टीका लगाने वाले व्यक्ति को प्रत्येक शीशी खोलने की तारीख और समय लिखने की सलाह दी जाती है और खोली जा चुकी सभी शीशियों को उसे खोलने के चार घंटों के भीतर इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.

मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को टीकाकरण के प्रत्येक सत्र में कम से कम 100 लोगों को टीका लगाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, दूरवर्ती तथा कम आबादी वाले इलाकों में राज्य कम लोगों के लिए भी टीकाकरण आयोजित कर सकता है लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकों की कोई बर्बादी न हो.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीका (covid-19 vaccine) एक आवश्यक जन स्वास्थ्य वस्तु है जिसकी दुनिया भर में कमी है. इसलिए इसकी बर्बादी कम से कम होनी चाहिए जिससे कई लोगों को टीका लगाने में मदद मिलेगी.

टीके की शीशी से अतिरिक्त खुराक निकालने का प्रयास

मीडिया की कुछ खबरों में कहा गया है कि टीके की बर्बादी को एक प्रतिशत से कम रखने पर मंत्रालय द्वारा दिया जा रहा जोर अनुपयुक्त हैं. इन खबरों का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि कई राज्यों ने टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) इस तरीके से चलाया है कि न कोई बर्बादी हो बल्कि वे शीशी से अतिरिक्त खुराक निकाल सके.

मंत्रालय ने कहा कि अत: यह उम्मीद करना कि टीके की बर्बादी एक प्रतिशत या इससे भी कम हो, यह अनुचित नहीं है. यह उचित, वांछनीय और पूरा करने योग्य है.

संक्रमण से बचाने के लिए टीका जरूरी

उसने यह भी कहा कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाना लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है. कोविड-19 महामारी को खत्म करने में सुरक्षा और प्रभावी टीकों को समान रूप से उपलब्ध कराना अहम है.

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि टीके बनाने में काफी वक्त लगता है और कई बार इन टीकों के लिए मांग आपूर्ति से कहीं अधिक होती है. अत: यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि महामारी से निपटने में इस कीमती हथियार का इस्तेमाल बेहतर और उचित तरीके से किया जाए. कोविड-19 रोधी टीका एक आवश्यक जन स्वास्थ्य वस्तु है जिसकी दुनिया भर में कमी है. अत: टीकों की बर्बादी कम से कम होनी चाहिए जिससे कई लोगों को टीका लगाने में मदद मिलेगी.

पढ़ेंः जानें, कोविड टीका का दुष्प्रभाव युवाओं पर अधिक क्यों

टीकों की कम से कम बर्बादी पर पीएम ने भी दिया जोर

उसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी समय-समय पर टीकों की कम से कम बर्बादी पर जोर दिया है ताकि अधिक से अधिक लोग टीकों की खुराक ले सके.

बयान में कहा गया है कि टीकों की बर्बादी में कमी का मतलब है कि अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाना और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना. एक टीका बचाने का मतलब है कि एक और व्यक्ति को टीका लगाना.

कोविड-19 रोधी टीकों के लिए अभी इस्तेमाल की जा रही नीति में शीशी को एक बार खोलने के बाद उसे एक निर्धारित समयसीमा के भीतर इस्तेमाल किया जाना होता है.

प्रत्येक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण की सलाह

बयान में कहा गया है कि टीका लगाने वाले व्यक्ति को प्रत्येक शीशी खोलने की तारीख और समय लिखने की सलाह दी जाती है और खोली जा चुकी सभी शीशियों को उसे खोलने के चार घंटों के भीतर इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.

मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को टीकाकरण के प्रत्येक सत्र में कम से कम 100 लोगों को टीका लगाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, दूरवर्ती तथा कम आबादी वाले इलाकों में राज्य कम लोगों के लिए भी टीकाकरण आयोजित कर सकता है लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकों की कोई बर्बादी न हो.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 11, 2021, 8:12 PM IST
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