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सशस्त्र बलों में भर्ती अग्निपथ योजना के आधार पर ही होगी: रक्षा सचिव - रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार इंटरव्यू

सेना भर्ती की केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) का बीते दिनों व्यापक विरोध हुआ. रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार (Defence Secretary Dr ajay Kumar ) ने 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय से कहा है कि सशस्त्र बलों में भर्ती अब इस 'अल्पकालिक' योजना के आधार पर ही होगी.

Agnipath scheme
अग्निपथ योजना
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Published : Jun 28, 2022, 4:24 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 5:11 PM IST

नई दिल्ली : अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि भारतीय वायु सेना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में हैं. आर्मी और भारतीय नौसेना के लिए यह 1 जुलाई से शुरू होगा. पहले चरण में कुल 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी, जिसमें भारतीय सेना के लिए 40,000 और भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए तीन-तीन हजार जवानों को भर्ती किया जाएगा. अगले कुछ वर्षों में यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ेगी.' सशस्त्र बलों में भर्ती अग्निपथ योजना के आधार पर ही होगी.

अग्निपथ योजना
अग्निपथ योजना

डॉ. कुमार ने कहा कि अग्निपथ एक प्रमुख क्रांतिकारी योजना है जिसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को अधिक युवा और तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर युद्ध क्षमता और परिचालन प्रभावशीलता में सुधार करना है. कुमार ने कहा, 'इस योजना का उद्देश्य एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित, प्रेरित और कुशल युवा शक्ति के साथ राष्ट्र निर्माण करना है, जिससे सशस्त्र बल समग्र राष्ट्रीय विकास के लिए आसानी से उपलब्ध हो.'

यह पूछे जाने पर कि क्या अग्निपथ योजना को लागू करने से भारत के रक्षा क्षेत्र का वित्तीय बोझ कम होगा. डॉ. कुमार ने कहा कि वित्तीय पहलू और योजना के बीच कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और सैनिकों के कल्याण के संबंध में कोई वित्तीय बाधा नहीं है.'
दरअसल चार साल का कोर्स पूरा करने के बाद अग्निवीरों के लिए कोई पेंशन योजना नहीं है. चर्चा है कि योजना तीनों सेनाओं के वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के लिए शुरू की गई है.

अग्निवीरों की भविष्य की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर रक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि सशस्त्र बलों को छोड़ने के बाद अग्निवीरों के पास एक अलग करियर बनाने के विभिन्न अवसर होंगे. गृह मंत्रालय पहले ही सीएपीएफ और असम राइफल्स में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर चुका है. रक्षा सचिव ने कहा कि कई राज्य सरकारें पहले ही इस तरह के उपायों की घोषणा कर चुकी हैं. भविष्य में अन्य मंत्रालयों और हितधारकों द्वारा इस तरह के और प्रोत्साहन और निर्णयों की घोषणा की जा सकती है.

रक्षा सचिव ने कहा, 'वे (अग्निवीर) सेवा निधि पैकेज और बैंकों द्वारा स्थानीय गारंटी के साथ अपने स्वयं के स्टार्टअप, व्यवसाय, दूसरे करियर को आगे बढ़ा सकते हैं. उद्योग और विभिन्न अन्य मंत्रालयों ने भी पूर्व अग्निवीरों के समर्थन के उपायों में कदम रखा है.' डॉ. कुमार ने कहा कि अग्निपथ कार्यक्रम के कारण सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. युवाओं के आने से सेना की क्षमता बढ़ेगी. तीनों सेना प्रमुखों ने भी इस पर जोर दिया है.

उन्होंने कहा कि अग्निवीर जब नौकरी पूरी करने के बाद निकलेंगे तो वह ज्यादा कुशल हो चुके होंगे. दसवीं कक्षा उत्तीर्ण अग्निवीर बारहवीं कक्षा के समकक्ष होगा, जिससे कई सरकारी नौकरियों के लिए दरवाजे खुलेंगे. इसी तरह, बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण अग्निवीर को ग्रेजुएशन के लिए 50 प्रतिशत क्रेडिट मिलेगा और वे आसानी से ग्रेजुएशन पूरा कर सकते हैं.' डॉ. कुमार ने कहा कि सशस्त्र बलों के उत्कृष्ट प्रशिक्षण और कार्य अनुभव के साथ वह अनुशासन और सॉफ्ट स्किल्स भी सीखेंगे जो उन्हें अन्य उम्मीदवारों से कहीं बेहतर बनाएगा.

पढ़ें- दो साल में 254 बैठकों में गहन चर्चा के बाद लागू की गई है अग्निपथ स्कीम

पढ़ें- Agnipath Scheme: NSA अजित डोभाल ने अग्निवीरों का किया समर्थन, कहा- सुधार समय की जरूरत

पढ़ें- रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी, पुराने सैनिकों को 'अग्निवीर' में भेजने की अफवाह फर्जी: रक्षा मंत्रालय

पढ़ें- तीनों सेनाओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस-अग्निपथ योजना फायदेमंद, सेवा शर्तों में कोई भेदभाव नहीं

पढ़ें: Agnipath Scheme: वायुसेना ने अग्निपथ योजना की दी जानकारी, 1 करोड़ का बीमा, कैंटीन सुविधा, 30 दिन छुट्टी की मिलेंगी सुविधाएं

नई दिल्ली : अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि भारतीय वायु सेना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में हैं. आर्मी और भारतीय नौसेना के लिए यह 1 जुलाई से शुरू होगा. पहले चरण में कुल 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी, जिसमें भारतीय सेना के लिए 40,000 और भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए तीन-तीन हजार जवानों को भर्ती किया जाएगा. अगले कुछ वर्षों में यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ेगी.' सशस्त्र बलों में भर्ती अग्निपथ योजना के आधार पर ही होगी.

अग्निपथ योजना
अग्निपथ योजना

डॉ. कुमार ने कहा कि अग्निपथ एक प्रमुख क्रांतिकारी योजना है जिसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को अधिक युवा और तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर युद्ध क्षमता और परिचालन प्रभावशीलता में सुधार करना है. कुमार ने कहा, 'इस योजना का उद्देश्य एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित, प्रेरित और कुशल युवा शक्ति के साथ राष्ट्र निर्माण करना है, जिससे सशस्त्र बल समग्र राष्ट्रीय विकास के लिए आसानी से उपलब्ध हो.'

यह पूछे जाने पर कि क्या अग्निपथ योजना को लागू करने से भारत के रक्षा क्षेत्र का वित्तीय बोझ कम होगा. डॉ. कुमार ने कहा कि वित्तीय पहलू और योजना के बीच कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और सैनिकों के कल्याण के संबंध में कोई वित्तीय बाधा नहीं है.'
दरअसल चार साल का कोर्स पूरा करने के बाद अग्निवीरों के लिए कोई पेंशन योजना नहीं है. चर्चा है कि योजना तीनों सेनाओं के वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के लिए शुरू की गई है.

अग्निवीरों की भविष्य की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर रक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि सशस्त्र बलों को छोड़ने के बाद अग्निवीरों के पास एक अलग करियर बनाने के विभिन्न अवसर होंगे. गृह मंत्रालय पहले ही सीएपीएफ और असम राइफल्स में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर चुका है. रक्षा सचिव ने कहा कि कई राज्य सरकारें पहले ही इस तरह के उपायों की घोषणा कर चुकी हैं. भविष्य में अन्य मंत्रालयों और हितधारकों द्वारा इस तरह के और प्रोत्साहन और निर्णयों की घोषणा की जा सकती है.

रक्षा सचिव ने कहा, 'वे (अग्निवीर) सेवा निधि पैकेज और बैंकों द्वारा स्थानीय गारंटी के साथ अपने स्वयं के स्टार्टअप, व्यवसाय, दूसरे करियर को आगे बढ़ा सकते हैं. उद्योग और विभिन्न अन्य मंत्रालयों ने भी पूर्व अग्निवीरों के समर्थन के उपायों में कदम रखा है.' डॉ. कुमार ने कहा कि अग्निपथ कार्यक्रम के कारण सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. युवाओं के आने से सेना की क्षमता बढ़ेगी. तीनों सेना प्रमुखों ने भी इस पर जोर दिया है.

उन्होंने कहा कि अग्निवीर जब नौकरी पूरी करने के बाद निकलेंगे तो वह ज्यादा कुशल हो चुके होंगे. दसवीं कक्षा उत्तीर्ण अग्निवीर बारहवीं कक्षा के समकक्ष होगा, जिससे कई सरकारी नौकरियों के लिए दरवाजे खुलेंगे. इसी तरह, बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण अग्निवीर को ग्रेजुएशन के लिए 50 प्रतिशत क्रेडिट मिलेगा और वे आसानी से ग्रेजुएशन पूरा कर सकते हैं.' डॉ. कुमार ने कहा कि सशस्त्र बलों के उत्कृष्ट प्रशिक्षण और कार्य अनुभव के साथ वह अनुशासन और सॉफ्ट स्किल्स भी सीखेंगे जो उन्हें अन्य उम्मीदवारों से कहीं बेहतर बनाएगा.

पढ़ें- दो साल में 254 बैठकों में गहन चर्चा के बाद लागू की गई है अग्निपथ स्कीम

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Last Updated : Jun 28, 2022, 5:11 PM IST
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