ETV Bharat / bharat

बिहार में सत्ता और विपक्ष में क्यों बढ़ रहा टकराव, जानें मतभेद की वजह - Tejashwi Yadav

बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हाल लगातार टकराव का संकेत दे रहा है. तेजस्वी यादव की अगुवाई में विपक्ष ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया था, जिसके बाद से इनके बीच बढ़ते मतभेद कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं.

BIHAR
BIHAR
author img

By

Published : Mar 29, 2021, 11:55 AM IST

पटना : बिहार की राजनीति में इन दिनों काफी उबाल है. विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता और विपक्ष के सियासी संबंधों बीच कड़वाहट लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. हद तो तब हो गयी, जब सदन में पुलिस बुलानी पड़ी. फिर अंदर क्या हुआ, इसे फिर से बताने की जरूरत नहीं है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कड़वाहट की शुरूआत तो पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से हार और जीत का फैसला आने के साथ ही हो गया था, जो अब और बढ़ता ही जा रहा है.

आपा खोते दिखे सीएम नीतीश
खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही है. इसकी शुरुआत तब हुई, जब 16 नवंबर तेजस्वी यादव की अगुवाई में विपक्ष ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया था. तब से लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आए दिन टकराव बढ़ने लगे. इसी दौरान अमूमन शांत रहने वाले सीएम नीतीश कुमार भी कई मौकों पर आपा खोते दिखे. उनके चिड़चिड़ेपन को भी लोगों ने देखा.

पढ़ें- शरद पवार को पेट दर्द की शिकायत, 31 मार्च को होंगे भर्ती

वर्षों बाद मिला मजबूत विपक्ष
बिहार में सालों बाद एक मजबूत विपक्ष मिला है. 90 के दशक के बाद से लगातार बिहार में सत्ता पक्ष बेहद मजबूत बहुमत के साथ रहा है. नीतीश कुमार को बतौर सीएम अपने कार्यकाल में कभी नंबर के हिसाब से इतने मजबूत विपक्ष का सामना नहीं करना पड़ा. इस बार 244 सीटों वाली राज्य विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच महज 15 सीटों का अंतर है. सत्ता पक्ष के असहज महसूस करने का यह भी एक वजह है. विपक्ष हमेशा अपना बाहुबल साबित करने की फिराक में रहता है.

बदल गये पुराने समीकरण
बिहार में बढ़ती सियासी सरगर्मी की वजह ये भी है कि भाजपा और राजद की लगभग पूरी टीम बदल गयी है. भाजपा ने जहां चेहरे बदल दिये, वहीं राजद की कमान बदल गयी. इस तरह से सूबे की राजनीति का पूरा गणित ही बदल गया. और नयी पीढ़ी भी बिहार में बढ़ती सियासी तल्खी का कारण है.

पटना : बिहार की राजनीति में इन दिनों काफी उबाल है. विधानसभा के बजट सत्र में सत्ता और विपक्ष के सियासी संबंधों बीच कड़वाहट लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. हद तो तब हो गयी, जब सदन में पुलिस बुलानी पड़ी. फिर अंदर क्या हुआ, इसे फिर से बताने की जरूरत नहीं है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कड़वाहट की शुरूआत तो पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से हार और जीत का फैसला आने के साथ ही हो गया था, जो अब और बढ़ता ही जा रहा है.

आपा खोते दिखे सीएम नीतीश
खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही है. इसकी शुरुआत तब हुई, जब 16 नवंबर तेजस्वी यादव की अगुवाई में विपक्ष ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया था. तब से लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आए दिन टकराव बढ़ने लगे. इसी दौरान अमूमन शांत रहने वाले सीएम नीतीश कुमार भी कई मौकों पर आपा खोते दिखे. उनके चिड़चिड़ेपन को भी लोगों ने देखा.

पढ़ें- शरद पवार को पेट दर्द की शिकायत, 31 मार्च को होंगे भर्ती

वर्षों बाद मिला मजबूत विपक्ष
बिहार में सालों बाद एक मजबूत विपक्ष मिला है. 90 के दशक के बाद से लगातार बिहार में सत्ता पक्ष बेहद मजबूत बहुमत के साथ रहा है. नीतीश कुमार को बतौर सीएम अपने कार्यकाल में कभी नंबर के हिसाब से इतने मजबूत विपक्ष का सामना नहीं करना पड़ा. इस बार 244 सीटों वाली राज्य विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच महज 15 सीटों का अंतर है. सत्ता पक्ष के असहज महसूस करने का यह भी एक वजह है. विपक्ष हमेशा अपना बाहुबल साबित करने की फिराक में रहता है.

बदल गये पुराने समीकरण
बिहार में बढ़ती सियासी सरगर्मी की वजह ये भी है कि भाजपा और राजद की लगभग पूरी टीम बदल गयी है. भाजपा ने जहां चेहरे बदल दिये, वहीं राजद की कमान बदल गयी. इस तरह से सूबे की राजनीति का पूरा गणित ही बदल गया. और नयी पीढ़ी भी बिहार में बढ़ती सियासी तल्खी का कारण है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.