नई दिल्ली: संसद में यूनियन बजट 2023 पेश किया जा रहा है. इसमें कई बड़े एलान किए जा सकते हैं. इस बार आम बजट से देश के सभी वर्गों को काफी उम्मीदें हैं. बजट को लेकर नेता, विशेषज्ञ,अर्थशास्त्री अपनी अलग- अलग राय रख रहे हैं.
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बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई: कांग्रेस सांसद शशि थरूर, दिल्ली pic.twitter.com/rsFLBrZLRc
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">बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई: कांग्रेस सांसद शशि थरूर, दिल्ली pic.twitter.com/rsFLBrZLRc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई: कांग्रेस सांसद शशि थरूर, दिल्ली pic.twitter.com/rsFLBrZLRc
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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था. सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई.
निर्मला सीतारमण के पांचवे बजट पर विपक्ष की प्रतिक्रिया फीकी रही. कभी एनडीए के साथी रहे जेडीयू के महासचिव के सी त्यागी का कहना है कि ये शहरी भारत का बजट है, ग्रामीण भारत का नहीं. त्यागी ने कहा, 'किसानों के लिए, गरीबों के लिए ऐसा कोई रोड मैप तैयार नहीं किया गया जो आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रश्स्त करे. मिडिल क्लास के लिए जो राहत दी गई है, वो स्वागत योग्य है. लेकिन 60 लाख रुपये से कम आमदनी वाले भारत के लिए इस बजट में क्या है? 85 करोड़ लोगों को भारत सरकार 5 किलो राशन मुहैया करवा रही है. जो गरीबी की रेखा के नीचे हैं, उनके लिए कोई राहत नहीं है.
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हिंदुस्तान में गरीबी, बेरोजगारी-महंगाई बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए। बजट पेश होने के बाद पता चलेगा कि सरकार हमारी उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहींः कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी pic.twitter.com/x7XL2SoPpf
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">हिंदुस्तान में गरीबी, बेरोजगारी-महंगाई बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए। बजट पेश होने के बाद पता चलेगा कि सरकार हमारी उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहींः कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी pic.twitter.com/x7XL2SoPpf
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नकवी बोले- यह बजट देश के सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण का गजट है: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश वित्त वर्ष 2023-24 का बजट देश के सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण का गजट है. नकवी ने एक बयान में कहा, 'यह बजट आत्मनिर्भर, सशक्त, समर्थ भारत के सफल सफर का हमसफ़र' है.
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Delhi | This will be the best budget. This will be a pro-poor, pro-middle class budget: Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi, on #UnionBudget2023 pic.twitter.com/vRYkAXVOfF
— ANI (@ANI) February 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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यह बजट पूरी दुनिया की आर्थिक तंगी और मंदी को पछाड़ता हुआ और बकवास बहादुरी को परास्त करता हुआ देश के समावेशी विकास, गांव-गरीब, किसान, झुग्गी-झोपडी के इंसान, खेत-खलिहान के सरोकार को समर्पित है.' उनका कहना था, 'यह बजट देश के सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण का गजट है.' नकवी ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व का यह नतीजा है कि आज तमाम तरह के संकटों, कंटकों के दौरान भी भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं हो पाई है.'
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देश ने कोविड से अच्छी रिकवरी की है। आर्थिक सर्वेक्षण को देखें तो सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से 10वें स्थान पर था, आज 5वें स्थान पर है: वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, दिल्ली pic.twitter.com/KROrAUYMHt
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">देश ने कोविड से अच्छी रिकवरी की है। आर्थिक सर्वेक्षण को देखें तो सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से 10वें स्थान पर था, आज 5वें स्थान पर है: वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, दिल्ली pic.twitter.com/KROrAUYMHt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023देश ने कोविड से अच्छी रिकवरी की है। आर्थिक सर्वेक्षण को देखें तो सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से 10वें स्थान पर था, आज 5वें स्थान पर है: वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, दिल्ली pic.twitter.com/KROrAUYMHt
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आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा,'मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें. संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा. रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की. ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हिंदुस्तान में गरीबी, बेरोजगारी-महंगाई बढ़ रही है. इसे ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए. बजट पेश होने के बाद पता चलेगा कि सरकार हमारी उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहीं.
कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह बजट 2024 के आम चुनावों और कुछ राज्यों के चुनावों में लाभ के लिए विचार करेगा. पिछले 3 बजट कॉर्पोरेट और उच्च वर्ग पर केंद्रित था. मध्यम वर्ग और आम लोगों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया.
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#UnionBudget2023 will meet the expectations of every section of society. Modi govt has always worked in the favour of the people of the country: MoS Finance Pankaj Chaudhary pic.twitter.com/I0EiNAIZiA
— ANI (@ANI) February 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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आम बजट लोकोन्मुखी नहीं : महबूबा मुफ्ती - पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि 2023-24 का आम बजट लोकोन्मुखी नहीं है और इसे कुछ कारोबारियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट वैसा ही है जैसा पिछले आठ-नौ वर्षों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार द्वारा पेश किया गया था. उन्होंने कहा, 'करों में वृद्धि हुई है और कल्याणकारी योजनाओं या सब्सिडी मद में खर्च नहीं किया जा रहा है। करों को अपने करीबी पूंजीपतियों के लिए एकत्र किया जा रहा है। लगाए गए करों से लोगों को लाभ होना चाहिए लेकिन आम लोगों की कमर तोड़ दी गई है.' पीडीपी नेता ने कहा, "लोगों को लाभ देने के बदले, कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी को हटाया जा रहा है. देश में स्थिति ऐसी बन गई है कि जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए थे, वे एक बार फिर गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट कुछ कारोबारियों के लिए तैयार किया गया है. उन्होंने कहा, यह बजट भारत के लोगों की खातिर नहीं है, गरीबों की खातिर नहीं है. महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'यह लोकोन्मुखी बजट नहीं है. कर बढ़ाए गए हैं, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) बढ़ा दिया गया है. गरीबों की जेब से पैसे निकाल कर बड़े व्यापारियों को दिए जाएंगे.'
बजट सिर्फ शब्दों की जादूगरी है : तनवीर सादिक - नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता तनवीर सादिक ने कहा, 'इस बजट का एक ही सकारात्मक बिंदु है- एक महिला मंत्री ने एक महिला अध्यक्ष के सामने बजट पेश किया. मध्यम वर्ग के लिए और बागवानी के लिए कुछ नहीं है. यह सिर्फ शब्दों की जादूगरी है. उन्होंने कहा कि गरीब और गरीब हो गए हैं जबकि अमीर और अमीर हो गए हैं.
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India's economy is expected to grow at 6.8%. It will be a pro-people #Budget that will support the growth of the economy: Karnataka CM Basavaraj Bommai pic.twitter.com/J5TEQTyWrb
— ANI (@ANI) February 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) February 1, 2023India's economy is expected to grow at 6.8%. It will be a pro-people #Budget that will support the growth of the economy: Karnataka CM Basavaraj Bommai pic.twitter.com/J5TEQTyWrb
— ANI (@ANI) February 1, 2023
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के 6.8 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यह एक जन-समर्थक बजट होगा जो अर्थव्यवस्था के विकास का समर्थन करेगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह सबसे अच्छा बजट होगा. यह गरीब-समर्थक, मध्यम वर्ग-समर्थक बजट होगा. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट 2023 समाज के हर वर्ग की उम्मीदों पर खरा उतरेगा. मोदी सरकार ने हमेशा देश की जनता के हित में काम किया है.
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने नई दिल्ली में कहा,'देश ने कोविड से अच्छी रिकवरी की है. आर्थिक सर्वेक्षण को देखें तो सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है. अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है. 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से 10वें स्थान पर था, आज 5वें स्थान पर है.
सीपीआई (एम) ने बजट को जनविरोधी बताया- केंद्रीय बजट 2023-24 को जन-विरोधी करार देते हुए, सीपीआई (एम) ने कहा कि बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को ठीक करने में विफल रहा है क्योंकि यह कोरोना महामारी से प्रभावित था और महामारी के दो वर्षों और बाद के दौरान और खराब हो गया था. पार्टी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी का महामारी से उबरने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. पार्टी ने 22 से 28 फरवरी तक इस बजट की जनविरोधी होने के खिलाफ देशव्यापी विरोध कार्रवाई करने का फैसला किया है. पार्टी ने अपने बयान में कहा है कि यह बजट इस स्थिति को पूरा करने में विफल है. इसके विपरीत, यह अमीरों को और कर रियायतें देते हुए राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सरकारी खर्चों को कम करता है.
कांग्रेस ने बुलाई अपने सांसदों की बैठक: संसद में बजट पेश होने से पहले कांग्रेस ने रणनीति बनाने के लिए अपने लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है. यह बैठक लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुलाई है. राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, बजट केवल लेखांकन अभ्यास नहीं है बल्कि भारत के भविष्य के पथ को दर्शाता है.
जवाबदेही इसका एक अनिवार्य हिस्सा है. उम्मीद है कि वित्त मंत्री अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर आयकर, एसएफआईपी, ईडी और सेबी द्वारा पूर्ण ऑडिट और जांच की घोषणा करेंगी. सीतारमण 2023-24 के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करेंगी. वह निचले सदन में वित्त विधेयक 2023 पेश करेंगी.