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भारत में 10 करोड़ से ज्यादा स्पूतनिक-V डोज तैयार करेगी हेटेरो कंपनी

भारत की बड़ी फार्मा कंपनी हेटेरो ने रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष से समझौता किया है. दोनों मिलकर 2021 के शुरुआत में स्पूतनिक-V के 10 करोड़ से ज्यादा डोज भारत में तैयार करेंगे.

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Published : Nov 27, 2020, 3:50 PM IST

नई दिल्ली: कोविड संकट से जूझ रहे देश के लिए अच्छी खबर है, रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और भारत की बड़ी फार्मा कंपनी हेटेरो में बड़ा समझौता हुआ है. दोनों 2021 के शुरुआत में स्पूतनिक-V के 10 करोड़ से ज्यादा डोज भारत में तैयार करेंगे. इस समझौते की जानकारी एक संयुक्त घोषणा-पत्र में दी गई है. भारत पहले से ही रूसी वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल कर रहा है.

हेटेरो लैब्स लिमिटेड के निदेशक बी मुरली कृष्ण रेड्डी ने कहा, 'हम भारत में मानव परीक्षण की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में हमें विश्वास है कि स्थानीय स्तर पर प्रोडक्ट के उत्पादन से वैक्सीन मरीजों तक जल्द पहुंचना संभव हो सकेगा. भारत के प्रधानमंत्री की मुहिम 'मेक इन इंडिया' के उद्देश्य को साकार करने के लिए यह हमारा संकल्प है.'

परीक्षण में असरदार साबित हुआ स्पूतनिक-V
रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V के हवाले से दावा किया गया था कि उसने तीसरे चरण के मानव परीक्षण में 91.4 फीसद असर दिखाया है. इसका मूल्यांकन स्वयंसेवकों के बीच किया गया था. रूसी वैक्सीन की विशिष्टता मानव एडिनोवायरस पर आधारित दो अलग-अलग वैक्टरों के उपयोग में है, जो दो खुराक के लिए एक और एक ही वेक्टर का उपयोग करके वैक्सीन की तुलना में अधिक मजबूत और दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की अनुमति देता है.

पढ़ें- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'गेमचेंजर' साबित हो सकती है ये 10 वैक्सीन

तीसरे चरण के ​​परीक्षणों को भी मंजूरी दे दी गई है, जो बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला और अन्य देशों में चल रहा है. भारत ने भी दूसरे और तीसरे चरण के लिए वैक्सीन के मानव परीक्षण की मंजूरी दी है. भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण कोरिया के साथ कम से कम 50 देशों को वैक्सीन मुहैया कराएगा.

नई दिल्ली: कोविड संकट से जूझ रहे देश के लिए अच्छी खबर है, रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और भारत की बड़ी फार्मा कंपनी हेटेरो में बड़ा समझौता हुआ है. दोनों 2021 के शुरुआत में स्पूतनिक-V के 10 करोड़ से ज्यादा डोज भारत में तैयार करेंगे. इस समझौते की जानकारी एक संयुक्त घोषणा-पत्र में दी गई है. भारत पहले से ही रूसी वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल कर रहा है.

हेटेरो लैब्स लिमिटेड के निदेशक बी मुरली कृष्ण रेड्डी ने कहा, 'हम भारत में मानव परीक्षण की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में हमें विश्वास है कि स्थानीय स्तर पर प्रोडक्ट के उत्पादन से वैक्सीन मरीजों तक जल्द पहुंचना संभव हो सकेगा. भारत के प्रधानमंत्री की मुहिम 'मेक इन इंडिया' के उद्देश्य को साकार करने के लिए यह हमारा संकल्प है.'

परीक्षण में असरदार साबित हुआ स्पूतनिक-V
रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V के हवाले से दावा किया गया था कि उसने तीसरे चरण के मानव परीक्षण में 91.4 फीसद असर दिखाया है. इसका मूल्यांकन स्वयंसेवकों के बीच किया गया था. रूसी वैक्सीन की विशिष्टता मानव एडिनोवायरस पर आधारित दो अलग-अलग वैक्टरों के उपयोग में है, जो दो खुराक के लिए एक और एक ही वेक्टर का उपयोग करके वैक्सीन की तुलना में अधिक मजबूत और दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की अनुमति देता है.

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तीसरे चरण के ​​परीक्षणों को भी मंजूरी दे दी गई है, जो बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला और अन्य देशों में चल रहा है. भारत ने भी दूसरे और तीसरे चरण के लिए वैक्सीन के मानव परीक्षण की मंजूरी दी है. भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण कोरिया के साथ कम से कम 50 देशों को वैक्सीन मुहैया कराएगा.

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