नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए कई उपायों की घोषणा की. साथ ही ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक अचल संपत्ति और आवासीय क्षेत्र को कर्ज देने की अनुमति दी.
ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) को वाणिज्यिक अचल संपत्ति और आवास क्षेत्र को कर्ज देने की अनुमति के रिजर्व बैंक के फैसले का जिक्र करते हुए, शाह ने कहा, इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ हमारे ग्रामीण सहकारी बैंकों का दायरा और बढ़ जाएगा. शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, इसके साथ ही लोगों को सस्ता घर देने के प्रयास को भी गति मिलेगी. अन्य प्रमुख फैसलों में रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को दोगुना तथा ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए आवास ऋण की सीमा को दोगुना से भी अधिक कर दिया है.
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इस निर्णय से टीयर-1 के शहरी सहकारी बैंकों (UCB) के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को ₹30 लाख से बढ़ाकर ₹60 लाख, टीयर-2 UCB के लिए ₹70 लाख से बढ़ाकर ₹1.40 करोड़ और ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) की सीमा को ₹20 लाख व ₹30 लाख से बढ़ाकर क्रमश ₹50 लाख व ₹75 लाख किया गया है।
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— Amit Shah (@AmitShah) June 9, 2022
उन्होंने कहा कि टियर-1 शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा 30 लाख रुपए से बढ़ाकर 60 लाख रुपए कर दी गई है. जबकि टियर-2 यूसीबी के लिए 70 लाख रुपए की सीमा को 1.40 करोड़ रुपए और आरसीबी की सीमा इन टियर वन एवं टियर टू शहरों के लिए क्रमश: 20 लाख रुपए और 30 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए और 75 लाख रुपए की गई है. मंत्री ने कहा कि तीसरे निर्णय में रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों को घर-घर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति दी है.
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उन्होंने कहा, इस फैसले से सहकारी बैंकों को प्रतिस्पर्धी बैंकिंग क्षेत्र में समान अवसर मिलेगा और वे अन्य बैंकों की तरह ग्राहकों को घर पर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा सकेंगे. शाह ने यह भी उल्लेख किया कि सहकारी क्षेत्र में देश के किसानों, कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और सशक्तीकरण की अपार संभावनाएं हैं. शाह ने ट्वीट किया, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सहकार से समृद्धि के मंत्र के साथ सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है.