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इलाज के लिए जुटाए थे रुपये, तिजोरी से निकाला तो होश हो गए फाख्ता

ट्यूमर का इलाज कराने के लिए सब्जी विक्रेता ने किसी तरह से दो लाख रुपये जुटाए. कुछ दिनों बाद जब तिजोरी से रुपये निकाले तो उसके होश उड़ गए. तिजोरी में रखे 500-500 के नोटों को चूहों ने पूरी तरह से कुतर दिया था. अब सब्जी विक्रेता ने उन रुपयों को बदलने और इलाज कराने के लिए तेलंगाना सरकार से गुहार लगाई है.

Rats Have torned
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Published : Jul 17, 2021, 7:58 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 6:27 PM IST

हैदराबाद : एक किसान की जमापूंजी उसकी फसल की पैदावार होती है. जिसे बेचकर वह अपनी मेहनत की कमाई घर लाता है. लेकिन वही कमाई अगर डूब जाए तो उसपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है. तेलंगाना का एक सब्जी विक्रेता ऐसी ही परेशानी का सामना कर रहा है. महबूबाबाद जिले के सब्जी विक्रेता रेडया की कमाई को चूहों ने कुतर दिया. बैंक के अधिकारियों ने भी रुपये बदलने से इनकार कर दिया और हैदराबाद रिजर्व बैंक जाने का सुझाव दिया.

जानकारी के अनुसार, महबूबाबाद जिले के इंदिरानगर निवासी बुजुर्ग रेडया सब्जी बेचकर अपना खर्च चलाता है. अचानक एक दिन बुजुर्ग रेडया की तबीयत खराब हो गई. वह एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने जांच की. जांच में पता चला कि रेडया के पेट में ट्यूमर है. डॉक्टर ने बताया कि उसकी सर्जरी करनी पड़ेगी और इलाज में लगभग चार लाख रुपये लगेंगे.

नोटों को चूहों ने कुतरा.

सब्जी विक्रेता रेडया ने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं थे. लेकिन उसे जल्द से जल्द ट्यूमर का इलाज कराना था. क्योंकि उसका दर्द बढ़ता ही जा रहा था, जो असहनीय था. उसने सब्जी बेचकर और उधार लेकर पैसा एकत्र किया. उसने दो लाख रुपये अपने इलाज के लिए जुटाए और पैसों को अपने घर के तिजोरी में रख दिया.

चूहों ने नोटों को कुतरा.
चूहों ने नोटों को कुतरा.

कुछ दिनों बाद जब उसने तिजोरी में रखे पैसे निकाले तो उसके होश उड़ गए. सारे पैसों को चूहों ने कुतर दिया था. स्थानीय लोगों ने उसे बैंक जाकर पैसे बदलने की सलाह दी. इस पर वह बैंक गया, लेकिन यहां भी उसे मायूसी ही हाथ लगी. बैंक अधिकारियों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और हैदराबाद के रिजर्व बैंक जाने की सलाह दी.

वहीं रेडया ने तेलंगाना सरकार से कुतरे हुए नोट बदलने और उसका इलाज कराने की गुहार लगाई है.

पढ़ेंः बिकरु कांड : खुशी दुबे को नहीं मिली जमानत, कहा था- कोई भी पुलिस वाला जिंदा बचकर न जाने पाए

हैदराबाद : एक किसान की जमापूंजी उसकी फसल की पैदावार होती है. जिसे बेचकर वह अपनी मेहनत की कमाई घर लाता है. लेकिन वही कमाई अगर डूब जाए तो उसपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है. तेलंगाना का एक सब्जी विक्रेता ऐसी ही परेशानी का सामना कर रहा है. महबूबाबाद जिले के सब्जी विक्रेता रेडया की कमाई को चूहों ने कुतर दिया. बैंक के अधिकारियों ने भी रुपये बदलने से इनकार कर दिया और हैदराबाद रिजर्व बैंक जाने का सुझाव दिया.

जानकारी के अनुसार, महबूबाबाद जिले के इंदिरानगर निवासी बुजुर्ग रेडया सब्जी बेचकर अपना खर्च चलाता है. अचानक एक दिन बुजुर्ग रेडया की तबीयत खराब हो गई. वह एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने जांच की. जांच में पता चला कि रेडया के पेट में ट्यूमर है. डॉक्टर ने बताया कि उसकी सर्जरी करनी पड़ेगी और इलाज में लगभग चार लाख रुपये लगेंगे.

नोटों को चूहों ने कुतरा.

सब्जी विक्रेता रेडया ने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं थे. लेकिन उसे जल्द से जल्द ट्यूमर का इलाज कराना था. क्योंकि उसका दर्द बढ़ता ही जा रहा था, जो असहनीय था. उसने सब्जी बेचकर और उधार लेकर पैसा एकत्र किया. उसने दो लाख रुपये अपने इलाज के लिए जुटाए और पैसों को अपने घर के तिजोरी में रख दिया.

चूहों ने नोटों को कुतरा.
चूहों ने नोटों को कुतरा.

कुछ दिनों बाद जब उसने तिजोरी में रखे पैसे निकाले तो उसके होश उड़ गए. सारे पैसों को चूहों ने कुतर दिया था. स्थानीय लोगों ने उसे बैंक जाकर पैसे बदलने की सलाह दी. इस पर वह बैंक गया, लेकिन यहां भी उसे मायूसी ही हाथ लगी. बैंक अधिकारियों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और हैदराबाद के रिजर्व बैंक जाने की सलाह दी.

वहीं रेडया ने तेलंगाना सरकार से कुतरे हुए नोट बदलने और उसका इलाज कराने की गुहार लगाई है.

पढ़ेंः बिकरु कांड : खुशी दुबे को नहीं मिली जमानत, कहा था- कोई भी पुलिस वाला जिंदा बचकर न जाने पाए

Last Updated : Jul 18, 2021, 6:27 PM IST
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