नई दिल्ली: टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा ( Ratan Tata) को बुधवार को पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टी के रूप में नामित किया गया है. बता दें कि किसी भी तरह की आपात स्थिति या संकट की स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की स्थापना की गई थी.
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम केयर्स फंड में तहे दिल से योगदान करने के लिए लोगों की सराहना की है. मोदी ने पीएम केयर्स फंड के न्यासी बोर्ड की एक बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान पीएम केयर्स फंड की मदद से की गई विभिन्न पहल पर एक विवरण प्रस्तुति किया गया, जिसमें पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना भी शामिल है. इस संबंध में पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस योजना से 4,345 बच्चों को फायदा मिल रहा है.
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PM @narendramodi chairs meeting of Board of Trustees of PM CARES Fund
— PIB India (@PIB_India) September 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
PM CARES to work with a larger perspective of responding to emergency & distress situations, not only through relief assistance but also taking mitigation measures & capacity buildinghttps://t.co/exhssrteXy
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साथ ही ट्रस्टियों ने महत्वपूर्ण समय में फंड द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की. इस दौरान यह भी चर्चा की गई कि पीएम केयर्स के पास न केवल राहत सहायता के माध्यम से, बल्कि शमन उपायों और क्षमता निर्माण के माध्यम से, आपात स्थिति और संकट की स्थितियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने का एक बड़ा दृष्टिकोण है. गौरतलब है कि बच्चों के लिए पीए केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना 29 मई, 2021 को शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य उन बच्चों का समर्थन करना है जिन्होंने 11 मार्च, 2020 से शुरू होने वाली अवधि के दौरान अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावकों या दत्तक माता-पिता दोनों को कोविड-19 महामारी में खो दिया है.
पीएमओ के मुताबिक बैठक में यह चर्चा की गई कि ना सिर्फ राहत सहायता बल्कि शमन उपाय और क्षमता निर्माण के जरिए भी पीएम केयर्स के पास आपातकालीन और संकट की स्थितियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए एक बड़ा दृष्टिकोण है. पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि नए न्यासियों और सलाहकारों की भागीदारी से पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली को व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा. उन्होंने कहा, सार्वजनिक जीवन में उनका व्यापक अनुभव, इस कोष को विभिन्न सार्वजनिक आवश्यकताओं के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने में और अधिक उत्साह प्रदान करेगा.
बता दें कि कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद सरकार ने इससे उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी. साल 2019-20 के दौरान इस फंड में 3976 करोड़ रुपया इकट्ठा हुआ था जो 2020-21 में बढ़कर 10,990 करोड़ रुपया हो गया. इस कोष से एक हजार करोड़ रुपये प्रवासी मजदूरों पर खर्च किए गए जबकि 1,392 करोड़ रुपये टीका बनाने के लिए दिया गया. पीएम केयर्स फंड से देश के सभी जिलों में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने में भी बड़ी संख्या में पैसे खर्च किए गए हैं. पीएम केयर्स की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने, संस्थाओं ने और सरकारी निकायों ने भी इसमें योगदान दिया था.
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