नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में ईएनटी सर्जन ने कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों में एक घातक म्यूकोरमायकोसिस फंगस (Mucormycosis fungus) पाया है. सर्जन ने 125 दिनों के भीतर कोरोना से उबरे 12 से ज्यादा मामलों में इस घातक फंगस का अध्ययन किया है.
जिसमें पाया गया है कि यह फंगस आंखों की रोशनी गायब करने, नाक और ठुड्डी की हड्डी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने का काम करता है और इसमें मस्तिष्क की भी भागीदारी होती है.
सर गंगा राम की ईएनटी और आई टीम को पिछले 15 दिनों में लगभग 10 रोगियों में रिसेक्शन प्रक्रिया करनी पड़ी, जिसमें लगभग 50 मरीज अपनी आंखों की रोशनी को हमेशा के लिए खो चुके थे. अन्य जटिलताओं के चलते इनमें से पांच रोगियों को ज्यादा देखभाल की जरूरत थी.
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विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस के रोगियों में इस घातक फंगस के होने की संभावना अधिक होती है. उनका कहना है कि यह एक ऐसा कवक है, जो पौधों, जानवरों और हवा तक में मौजूद है, लेकिन सिर्फ कोरोना से ठीक हुए मरीजों पर ही हमला कर रहा है. क्योंकि उन्हें स्टेरॉयड्स दिए गए हैं, जो स्थिति को और भी बदतर बनाते हैं.