नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रंजीत सागर बांध में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद लापता हुए दो पायलटों की तलाश जारी है. सैन्य अधिकारी ने बयान में कहा, सैन्य अधिकारी हेलीकॉप्टर की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जो दो पायलटों के साथ 3 अगस्त, 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया और रंजीत सागर बांध में गिर गया था.
बांध का विस्तार 25 किमी लंबा, 8 किमी चौड़ा और 500 फीट से अधिक गहरा है.
थल सेना नौसेना की गहरी गोताखोर टीम के प्रयासों का समन्वय कर रही है, जिसमें दो अधिकारी, चार जेसीओ और 24 अन्य रैंक शामिल हैं. भारतीय सेना के विशेष बल गोताखोर टीम में दो अधिकारी, एक जेसीओ और 24 अन्य रैंक, मल्टी बीम सोनार, साइड स्कैनर शामिल हैं.
दूर से संचालित वाहन और पानी के नीचे के जोड़तोड़ जो चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई और कोच्चि से लाए गए हैं और बांध के दुर्घटनास्थल पर कार्रवाई में लगाऐ हुए हैं.
खराब मौसम और बारिश के बावजूद तलाशी अभियान बेरोकटोक जारी है. देशभर से सेना, नौसेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गैर सरकारी संगठनों, राज्य पुलिस, बांध प्राधिकरण और निजी फर्मों की विशेषज्ञता और उपकरणों को भी कार्रवाई में लगाया गया है.
यह गहरे पानी के नीचे का ऑपरेशन विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इस मौसम में पानी की कोलाइडल प्रकृति के कारण 50 मीटर से नीचे शून्य दृश्यता के कारण सोनार और अन्य सेंसर की सटीकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
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विशेषज्ञों, विशेष उपकरणों और गोताखोरों को लगातार भेजा जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय सहायता भी मांगी जा रही है.
खोज अभियान को जल्दी पूरा करने के लिए काई प्रयास किया जा रहा है. कोच्चि से भेजे गए विशेष सोनार उपकरण को नियोजित किया जा रहा है ताकि खोज अभियान अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर सके.