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केंद्रीय शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए बोले निशंक- मातृ भाषाओं को मिलेगी अलग पहचान - Education Minister Nishank on new education policy

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई शिक्षा नीति 2020 की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि देश की मातृ भाषाओं को इससे अलग पहचान मिलेगी.

Nishank praised new education policy
निशंक ने नई शिक्षा नीति की प्रशंसा की
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Published : Jan 8, 2021, 6:16 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 6:33 PM IST

देहरादून : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक आज देहरादून पहुंचे. उन्होंने सीबीएसई के रीजनल कार्यालय में वर्चुअल माध्यम से अंतरराष्ट्रीय महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के दीक्षांत समारोह में भाग लिया. निशंक ने केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 की जमकर सराहना की. उन्होंने नई शिक्षा नीति को विश्व स्तर पर देश की मातृ भाषाओं को अलग पहचान दिलाने का एक बेहतरीन माध्यम बताया.

डॉ. निशंक ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से देश की 22 मातृ भाषाओं को अलग पहचान मिलेगी. इससे ये भाषाएं और अधिक सशक्त हो सकेंगी. इसके साथ ही इस एकमात्र नीति के माध्यम से ही डॉक्टर, इंजीनियर बनाने का सपना भी सच हो सकेगा. ऐसे में सरकार का प्रयास है कि शिक्षा नीति 2020 को देश के सभी स्कूलों के साथ ही सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों और केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों में जल्द से जल्द लागू कर एक मॉडल के तौर पर इसे विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया जाए.

पढ़ें: बराबर बदल रही है तकनीक, खुद को अपडेट रखना जरूरी

बता दें कि केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 5वीं तक मातृ और अन्य स्थानीय क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई का प्रावधान किया गया है. इसे कक्षा आठ या इससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं, इसमें विदेशी भाषाओं की पढ़ाई को सेकेंडरी लेवल से कराने का प्रावधान किया गया है.

देहरादून : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक आज देहरादून पहुंचे. उन्होंने सीबीएसई के रीजनल कार्यालय में वर्चुअल माध्यम से अंतरराष्ट्रीय महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के दीक्षांत समारोह में भाग लिया. निशंक ने केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 की जमकर सराहना की. उन्होंने नई शिक्षा नीति को विश्व स्तर पर देश की मातृ भाषाओं को अलग पहचान दिलाने का एक बेहतरीन माध्यम बताया.

डॉ. निशंक ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से देश की 22 मातृ भाषाओं को अलग पहचान मिलेगी. इससे ये भाषाएं और अधिक सशक्त हो सकेंगी. इसके साथ ही इस एकमात्र नीति के माध्यम से ही डॉक्टर, इंजीनियर बनाने का सपना भी सच हो सकेगा. ऐसे में सरकार का प्रयास है कि शिक्षा नीति 2020 को देश के सभी स्कूलों के साथ ही सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूलों और केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों में जल्द से जल्द लागू कर एक मॉडल के तौर पर इसे विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया जाए.

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बता दें कि केंद्रीय शिक्षा नीति 2020 में कक्षा 5वीं तक मातृ और अन्य स्थानीय क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई का प्रावधान किया गया है. इसे कक्षा आठ या इससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं, इसमें विदेशी भाषाओं की पढ़ाई को सेकेंडरी लेवल से कराने का प्रावधान किया गया है.

Last Updated : Jan 8, 2021, 6:33 PM IST
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