नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार का ध्यान इस ओर दिलाना आवश्यक है, हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ये मांग उठाई है. केंद्रीय मंत्री ने इस सवाल पर कि आपकी गठबंधन की सरकार है और पिछले नौ साल से आप सत्ता में हैं फिर आपने पहले ये मांग क्यों नहीं उठाई और लागू करवाई? क्या इसे चुनावी एजेंडे की तरह देखा जाए? उन्होंने कहा कि अगर सरकारी क्षेत्र प्राइवेट होता है और उसपर एससी एसटी कानून लागू होता है तो उसमें भी रिजर्वेशन लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की मांग पर ही वो प्रधानमंत्री से इस बात को रखें. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो भारत सरकार से ये भी मांग करते हैं कि खासतौर से प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाना चाहते हैं कि केंद्र प्रमोशन में आरक्षण लागू करे और इसके लिए कमिटी बनाई जाए. ये हमारी पार्टी की मांग है और आज नहीं तो कल सरकार सुनेगी इसपर मुद्दे पर हम पीएम से मिलनेवाले हैं.
साथ ही केंद्रीय रामदास आठवले ने ये भी मांग उठाई है कि देश में 20 हजार करोड़ एकड़ खाली सरकारी जमीन पड़ी है और केंद्र चाहे तो ये भूमिहीनों को दे सकती है. साथ ही विनोबा भावे की तरह भी बड़े ठेकेदारों को जमीन दान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये फ्रीबीज नहीं होगी, ये भूमिहीनों को जमीन देने की बात सामाजिक समरसता की बात होगी. बीजेपी लोगों का विकास करने वाली पार्टी है और लोगों के लिए काम करती है, इसलिए इसे चुनाव का विषय नहीं बनाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने रामनवमी में हुई हिंसा को देखते हुए कहा कि ये राज्य सरकारों की गलती है और बिहार और बंगाल सरकार दोनों ही कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पाए. बात बंगाल की है जहां ममता बनर्जी की सरकार है, वहां दंगा फसाद ज्यादा हो रहा है. इसी तरह नीतीश कुमार भी लॉ ऑर्डर को नियंत्रित करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं.
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