नई दिल्ली : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (rahul gandhi bharat jodo yatra) की बड़ाई वीएचपी के नेता और राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुंह से निकलते ही राजनीति में एक बहस छिड़ गई है. कांग्रेस इस बात को लेकर यहां तक दावे कर रही की ये यूपी में जलवायु परिवर्तन के संकेत हैं. हालांकि चंपत राय की टिप्पणी बीजेपी के नेताओं की भी समझ से बाहर है और वो दलील दे रहे हैं कि चंपत राय ने ये बात राहुल गांधी को तंज में कही है.
बहरहाल मामला चाहे जो कुछ भी हो, शुरुआत राहुल गांधी ने ही ये कहते हुए की थी कि वो आरएसएस और बीजेपी को अपना गुरु मानते हैं, क्योंकि वही उन्हें रास्ता दिखाते हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं, वो जितना आक्रमण करते हैं उन्हें उसका उतना ही फायदा होता है.
मगर क्या ये मात्र तंज है या इससे एक कदम आगे बढ़कर कुछ और, क्योंकि चंपत राय ने मात्र राहुल के यात्रा की बड़ाई ही नहीं की बल्कि उनकी तारीफ भी की. साथ ही साथ राम मंदिर ट्रस्ट के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने तो राहुल गांधी की यात्रा की सफलता के लिए भगवान से प्रार्थना तक की बात कह डाली. अब ये मुद्दा कई राष्ट्रव्यापी संगठन को नागवार गुजर रहा है और वो राम मंदिर ट्रस्ट के इन सदस्यों की टिप्पणी को गलत बता रहे हैं.
हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि (Swami chakrapani maharaj) का कहना है कि 'जिस राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की निंदा की, उस राहुल गांधी की यात्रा का राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय जी का समर्थन करना अत्यंत निंदनीय है और ये वीर सावरकर का अपमान है.' हिंदू महासभा के अध्यक्ष ने यहां तक मांग की है की यदि चंपत राय अपनी टिप्पणी पर माफी नहीं मांगते तो उन्हे तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए. उन्होंने यहां तक कहा कि चंपत राय को राम मंदिर ट्रस्ट में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
अठावले बोले, राहुल को 'बेगारी यात्रा' निकालने का मौका दिया जाएगा : वहीं. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (Ramdas athawale) से जब ईटीवी भारत ने सवाल पूछा तो वे चंपत राय पर बोलने से वो बचते रहे मगर राहुल गांधी की यात्रा पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारत को जोड़ने का काम बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान बनाकर कर दिया था और बाकी का काम नरेंद्र मोदी की सरकार पिछले साढ़े आठ वर्षों से कर रही है, जिसमे सबका साथ और सबका विकास किया जा रहा है. राहुल गांधी को चिंता की जरूरत नही है.
अठावले ने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री बनने का मौका भी राहुल गांधी तब गंवा चुके हैं जब सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष थी,और अब विपक्ष में काफी नेता सपने संजो कर बैठे है मगर 2024 में सरकार नरेंद्र मोदी की ही बनेगी. राहुल गांधी को एक और यात्रा 'बेगारी यात्रा' निकालने का मौका दिया जाएगा.