ETV Bharat / bharat

95 साल पुराना है काशी का राम रमापति बैंक, यहां पैसे नहीं राम नाम को होता लेन-देन - रमापति बैंक

दुनिया भर में धर्मनगरी के नाम से प्रसिद्ध और भारत के प्रचीनतम शहर काशी के गंगा तट पर आस्था की भी गंगा बहती  है. जिसमें देश-विदेश के भक्त न सिर्फ डुबकी लगाने आते हैं, बल्कि अपनी आस्था को सहेज कर भी रखते हैं. बाबा विश्वनाथ की नगरी में एक अनूठा बैंक है, जो पैसे से नहीं बल्कि राम नाम से चलता है.

story
story
author img

By

Published : Oct 15, 2021, 3:29 PM IST

वाराणसी : असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व विजयादशमी पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. भगवान राम की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है. विजयादशमी के दिन आज हम आपको एक ऐसे बैंक के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. विश्व की प्राचीनतम शहर में से एक काशी मां गंगा के तट पर बसाया बाबा विश्वनाथ का शहर है. काशी में अनूठा बैंक है, जो पैसे से नहीं बल्कि राम नाम से चलता है.

राम रमापति बैंक

राम रमापति बैंक जिले के त्रिपुर भैरवी गली में स्थित है. 1926 बैंक का स्थापना हुआ था. दास छन्नूलाल ने रामलला के बाल स्वरूप इस घर में स्थापित किया. चारों पहर भगवान के बाल स्वरूप की पूजा होती है और इस मंदिर में आपको चारों तरफ राम नाम की गति दिखाई देगी. या भक्त हर साल राम नाम लिखकर अपने मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए यहां जमा करते हैं. आज चौथी पीढ़ी इस बैंक का कार्यभार देख रही है.

वाराणसी में राम रमापति बैंक.

19 अरब से अधिक राम नाम की प्रदर्शनी रामनवमी को लगाया जाता है.इस बैंक में कर्ज के रूप में पैसे नहीं बल्कि राम का नाम लोन मिलता है. इस बैंक की कार्यप्रणाली और बैंकों की ही तरह है. अंतर है कि बस यहां पैसे के स्थान पर जमा होता है राम का नाम. धर्म में आस्था रखने वाले इस बैंक के ग्राहक बनकर पुण्य कमाते हैं.

देश-विदेश से आते हैं लोग

सुमित मल्होत्रा ने बताया यह राम रमापति बैंक है. यह बैंक पिछले 94 वर्षों से लोगों के आस्था और विश्वास का केंद्र बना है. .इस बैंक में विश्व के कोने-कोने से लोग आते हैं. अपनी मनोकामना के साथ उसके पूर्ति के लिए राम नाम का अनुष्ठान करते हैं. हमारा और हमारे साथ जुड़े हुए लाखों लोगों का विश्वास है. राम नाम का अनुष्ठान करने से उनकी असंभव से असंभव मनोकामना पूर्ण होती है. यही आस्था और विश्वास लोगों को यहां तक खींच कर लाता है.

तीन क्रिया से जुड़ सकते बैंक से

राम रमापति बैंक के मैनेजर ने आगे बताया बैंक से जुड़ने के लिए व्यक्ति किसी भी जाति या संप्रदाय का हो वह जुड़ सकता है. बताए हुए नियमों के अनुसार उसको जुड़ना पड़ता है. वह यहां का सदस्य बन सकता है. राम नाम का अनुष्ठान तीन क्रियाओं के तहत दिया जाता है. राम नाम लेखन, जाप और पाठ इसमें सबसे ज्यादा लोगों के लिए लोकप्रिय राम नाम लेखन है.

बैंक के नियम

मैनेजर ने बताया कि जो 8 महीने 10 दिन का होता है. इसमें कुछ नियम का पालन करने होते हैं. रोज में 500 राम नाम लिखने होते हैं. लिखने की सभी सामग्री कागज, स्याही, कलम-दवाद बैंक से निशुल्क दिया जाता है.

श्रद्धा और भक्ति से आपको रोज 500 राम नाम के हिसाब से 8 महीने 10 दिन में सवा लाख राम नाम लिखा जा सकता है. इतने दिनों तक आपको प्याज, लहसुन, मांस, मछली, शराब जूठन, अशुद्ध भोजन का सेवन नहीं करना होता है. बैंक में फॉर्म भरना होता है. इस बार में उनका नाम पते के साथ उनके मनोरथ को भी लिखा जाता है, जिसे पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है.

राशि से देखते हैं शुभ दिन

इतना सब नियम को पालन करने की आप अनुमति देते हैं फॉर्म भरते हैं. उसके बाद आपको राम रमापति बैंक से राम नाम लिखने को दिया जाएगा. अपने घर में जाकर राम नाम लिखते हैं. पूरा होने के बाद आकर यहां पर जमा कर दिया जाता है.

बैंक में जमा है 19 अरब से अधिक राम नाम

इस प्रकार पिछले 94 वर्षों से लाखों लोगों द्वारा लिखित 19 अरब से ऊपर राम नाम हस्तलिखित राम नाम इस राम रमापति बैंक में संग्रहित है. इतना बड़ा राम नाम का संग्रह जो 19 अरब 22 करोड़, 62 लाख 75 हजार से ऊपर हो चुका है. विश्व में कहीं नहीं है. 11 राम के नाम में लोगों की श्रद्धा और भक्ति देखने को मिलती है.

यह भी पढ़ें-20 नवंबर को बंद होंगे भगवान बदरीनाथ के कपाट, जानें कब संपन्न होगी यमुनोत्री यात्रा

अब तक तीन बार अनुष्ठान कर चुका हूं राम नाम का

चेतन मल्होत्रा ने बताया मैं तीन बार राम नाम लिख चुका हूं. वर्तमान में चौथी दफा में लिख रहा हूं. तीन बार मैंने जिस मनोकामना से भगवान का यह लेखन शुरू किया, वह सारी मनोकामना हमारी पूरी हुई. 8 महीने 10 दिन के लिए सवा लाख राम नाम का कर्ज दिया जाता है.

रोज 500 राम नाम लिखने होते हैं, तब जाकर सवा लाख राम नाम पूरा होता है, तभी या कर्ज पूरा होता है. बैंक द्वारा बताए सभी नियमों का पालन करना पड़ता है. राम नाम लिखने का उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त से लेकर अमृतवेला यानी सुबह चेतन मल्होत्रा 4 से लेकर सुबह 7 बजे तक लिखना पड़ता है.

वाराणसी : असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व विजयादशमी पूरे देश में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. भगवान राम की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है. विजयादशमी के दिन आज हम आपको एक ऐसे बैंक के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. विश्व की प्राचीनतम शहर में से एक काशी मां गंगा के तट पर बसाया बाबा विश्वनाथ का शहर है. काशी में अनूठा बैंक है, जो पैसे से नहीं बल्कि राम नाम से चलता है.

राम रमापति बैंक

राम रमापति बैंक जिले के त्रिपुर भैरवी गली में स्थित है. 1926 बैंक का स्थापना हुआ था. दास छन्नूलाल ने रामलला के बाल स्वरूप इस घर में स्थापित किया. चारों पहर भगवान के बाल स्वरूप की पूजा होती है और इस मंदिर में आपको चारों तरफ राम नाम की गति दिखाई देगी. या भक्त हर साल राम नाम लिखकर अपने मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए यहां जमा करते हैं. आज चौथी पीढ़ी इस बैंक का कार्यभार देख रही है.

वाराणसी में राम रमापति बैंक.

19 अरब से अधिक राम नाम की प्रदर्शनी रामनवमी को लगाया जाता है.इस बैंक में कर्ज के रूप में पैसे नहीं बल्कि राम का नाम लोन मिलता है. इस बैंक की कार्यप्रणाली और बैंकों की ही तरह है. अंतर है कि बस यहां पैसे के स्थान पर जमा होता है राम का नाम. धर्म में आस्था रखने वाले इस बैंक के ग्राहक बनकर पुण्य कमाते हैं.

देश-विदेश से आते हैं लोग

सुमित मल्होत्रा ने बताया यह राम रमापति बैंक है. यह बैंक पिछले 94 वर्षों से लोगों के आस्था और विश्वास का केंद्र बना है. .इस बैंक में विश्व के कोने-कोने से लोग आते हैं. अपनी मनोकामना के साथ उसके पूर्ति के लिए राम नाम का अनुष्ठान करते हैं. हमारा और हमारे साथ जुड़े हुए लाखों लोगों का विश्वास है. राम नाम का अनुष्ठान करने से उनकी असंभव से असंभव मनोकामना पूर्ण होती है. यही आस्था और विश्वास लोगों को यहां तक खींच कर लाता है.

तीन क्रिया से जुड़ सकते बैंक से

राम रमापति बैंक के मैनेजर ने आगे बताया बैंक से जुड़ने के लिए व्यक्ति किसी भी जाति या संप्रदाय का हो वह जुड़ सकता है. बताए हुए नियमों के अनुसार उसको जुड़ना पड़ता है. वह यहां का सदस्य बन सकता है. राम नाम का अनुष्ठान तीन क्रियाओं के तहत दिया जाता है. राम नाम लेखन, जाप और पाठ इसमें सबसे ज्यादा लोगों के लिए लोकप्रिय राम नाम लेखन है.

बैंक के नियम

मैनेजर ने बताया कि जो 8 महीने 10 दिन का होता है. इसमें कुछ नियम का पालन करने होते हैं. रोज में 500 राम नाम लिखने होते हैं. लिखने की सभी सामग्री कागज, स्याही, कलम-दवाद बैंक से निशुल्क दिया जाता है.

श्रद्धा और भक्ति से आपको रोज 500 राम नाम के हिसाब से 8 महीने 10 दिन में सवा लाख राम नाम लिखा जा सकता है. इतने दिनों तक आपको प्याज, लहसुन, मांस, मछली, शराब जूठन, अशुद्ध भोजन का सेवन नहीं करना होता है. बैंक में फॉर्म भरना होता है. इस बार में उनका नाम पते के साथ उनके मनोरथ को भी लिखा जाता है, जिसे पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है.

राशि से देखते हैं शुभ दिन

इतना सब नियम को पालन करने की आप अनुमति देते हैं फॉर्म भरते हैं. उसके बाद आपको राम रमापति बैंक से राम नाम लिखने को दिया जाएगा. अपने घर में जाकर राम नाम लिखते हैं. पूरा होने के बाद आकर यहां पर जमा कर दिया जाता है.

बैंक में जमा है 19 अरब से अधिक राम नाम

इस प्रकार पिछले 94 वर्षों से लाखों लोगों द्वारा लिखित 19 अरब से ऊपर राम नाम हस्तलिखित राम नाम इस राम रमापति बैंक में संग्रहित है. इतना बड़ा राम नाम का संग्रह जो 19 अरब 22 करोड़, 62 लाख 75 हजार से ऊपर हो चुका है. विश्व में कहीं नहीं है. 11 राम के नाम में लोगों की श्रद्धा और भक्ति देखने को मिलती है.

यह भी पढ़ें-20 नवंबर को बंद होंगे भगवान बदरीनाथ के कपाट, जानें कब संपन्न होगी यमुनोत्री यात्रा

अब तक तीन बार अनुष्ठान कर चुका हूं राम नाम का

चेतन मल्होत्रा ने बताया मैं तीन बार राम नाम लिख चुका हूं. वर्तमान में चौथी दफा में लिख रहा हूं. तीन बार मैंने जिस मनोकामना से भगवान का यह लेखन शुरू किया, वह सारी मनोकामना हमारी पूरी हुई. 8 महीने 10 दिन के लिए सवा लाख राम नाम का कर्ज दिया जाता है.

रोज 500 राम नाम लिखने होते हैं, तब जाकर सवा लाख राम नाम पूरा होता है, तभी या कर्ज पूरा होता है. बैंक द्वारा बताए सभी नियमों का पालन करना पड़ता है. राम नाम लिखने का उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त से लेकर अमृतवेला यानी सुबह चेतन मल्होत्रा 4 से लेकर सुबह 7 बजे तक लिखना पड़ता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.