रक्षाबंधन के त्योहार पर इस बार भद्रा का साया है. ऐसे में रक्षाबंधन इस साल 11 अगस्त को मनाया जाए या 12 को इसको लेकर ज्योतिषाचार्यों की अलग-अलग राय है, लेकिन सभी का कहना है कि 11 अगस्त को रात में ही राखी का त्योहार (Raksha Bandhan 2022) मनाया जाए तो बेहतर है. पंडितों और ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह त्योहार भद्रा में नहीं मनाना चाहिए इससे भाई के साथ परिवार को भी हानि होती है. वहीं बाजारों में हर वैरायटी की राखी मौजूद है, जिसे बहनें अपने भाइयों के लिए खरीद रही है.
क्या दो दिन मनाई जाएगी राखी: 11 अगस्त को राखी का त्योहार है, लेकिन इस दिन भद्रा होने के चलते यह त्योहार सभी के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है. लोग त्योहार को 11 अगस्त को मनाए या 12 को इसको लेकर दुविधा में हैं. कहते हैं जब भद्रा होती है तो उस समय ना होली मनाई जाती है और ना ही राखी. ऐसे में अब यह त्योहार कब मनाया जाए इसका जवाब ज्योतिषाचार्य विष्णु राजोरिया (Vishnu Rajoria Astrologer) ने बताया है. उन्होंने कहा है कि 11 अगस्त को दिन भर भद्रा रहेगी और रात को 8:47 के बाद ही यह खत्म होगी. इसके बाद ही राखी बांधना उत्तम रहेगा. इस लिहाज से कहा जा सकता है कि 11 तारीख को राखी रात में ही बांधी जाएगी और यह सिलसिला अगले दिन 12 अगस्त तक चलेगा.(Raksha Bandhan Bhadra)
राखी बांधने का समय: ज्योतिषाचार्य विष्णु राजोरिया के अनुसार भद्रा में राखी बांधने से भाई को हानि होती है. साथ ही परिवार के सामने भी विपदा आती है. इसलिए भद्रा में शुभ कार्य नहीं किया जाता है, यह वर्जित है. इस लिहाज से जो भी बहनें भाइयों को राखी बांधना चाहती हैं वह 11 अगस्त को रात में ही राखी बांधे. अगर रात में वह राखी नहीं बांधना चाहतीं तो अगले दिन भी राखी बांध सकतीं हैं.
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राखी का शुभ मुहुर्त: आचार्य शिव मल्होत्रा (Acharya Shiv Malhotra) का कहना है कि श्रावण पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को प्रातः 10:38 से अगले दिन 12 अगस्त प्रातः 07:05 पर समाप्त हो रही है. 12 अगस्त को सूर्योदय उदयकालिक पूर्णिमा तिथि रहेगी. उदया तिथि होने के कारण 12 अगस्त शुक्रवार को उदयकालिक पूर्णिमा में भी राखी बांधना शुभ रहेगा. 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा तिथि प्रारंभ होगी जो रात में 08:50 मिनट तक भद्रा तिथि रहेगी. हालांकि, विशेष परिस्थिति में भद्रा के समय राखी का पर्व मनाया जा सकता है. यानी की 11 अगस्त की शाम 05:21 से लेकर 06:23 मिनट कर आप अपने भाई को राखी बांध सकती हैं.(Auspicious time of rakhi)
वहीं पंडित विनोद गौतम का मानना है कि भद्रा होने के चलते राखी के दिन त्योहार को कुछ विशेष समय मनाया जा सकता है. क्योंकि भद्रा पाताल में होती है इसलिए इसका असर पृथ्वी पर कम होता है. ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त में सुबह और शाम को जब भद्रा के जाने का समय होता है 6:00 बजे के बाद राखी बांधी जा सकती है.
राखी से सजा बाजार : राखी के त्योहार को लेकर भाई-बहनों में खूब उत्साह देखने को मिलता है. बहनें कई दिनों पहले से ही राखी खरीदने के लिए बाजार में आने लगती है. इस वजह से बाजार भी सजा रहता है. इसमें बहनें अपने भाइयों के लिए राखी खरीद रही हैं. बाजार में डोरेमोन, मोटू-पतलू ,स्पाइडर मैन, भीम से लेकर तमाम तरह की राखियां सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
राखी पर महंगाई की मार : अगर महंगाई की बात की जाए तो इस बार भी राखी पर महंगाई का थोड़ा असर नजर आया है, पिछली बार जो राखी 30 रुपए की थी, वह इस बार 40 रुपए में बिक रही है. जबकि फैंसी और आर्टिफिशियल डायमंड की राखियां 100 से 250 रुपए के बीच बाजार में मिल रही है. राखी खरीदने आई श्रुति का कहना है कि भले ही राशियों पर महंगाई का असर हो, लेकिन त्योहार साल में एक बार ही आता है. ऐसे में मुझे अपने भाइयों के लिए राखी अच्छी वाली खरीदनी है. फिलहाल तो सभी को राखी का इंतजार है, लेकिन भद्रा के चलते इस बार राखी दिन की जगह रात में ही मनाई जाएगी. (Raksha Bandhan 2022)