पटना: किसान नेता राकेश टिकैत आज पटना पहुंचे हैं. राकेश टिकैत तीन दिवसीय बिहार यात्रा पर आए हैं. इस दौरान वे जहां-जहां किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन बैठे हुए हैं, वहां-वहां जाकर उनसे मुलाकात करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे. मुख्य रूप से सासाराम, कैमूर, भभुआ के साथ-साथ पटना के बिहटा में भी किसान अपनी जमीन अधिग्रहण के मामले को लेकर धरने पर बैठे हैं. राकेश टिकैत ने पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंडी कानून व्यवस्था को लागू करने की मांग की.
राकेश टिकैत ने लालू यादव को लिखी चिट्ठी: पटना पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को एक पत्र भी लिखा है. पत्र के माध्यम से राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार में किसानों की हालत जर्जर है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यहां एमएसपी दर किसानों को नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि देश भर में लगने वाले मजदूरों की मंडी में सिर्फ बिहारी मजदूर नजर आते हैं. साथ ही राकेश टिकैत ने लालू से निवेदन किया है कि बिहार में एमएसपी दर पर किसानों से सम्पूर्ण खाद्यान्नों की खरीदारी सुनिश्चित की जाए.
धान अधिप्राप्ति के नियमों में परिवर्तन की मांग: राकेश टिकैत ने आगे कहा है कि धान का फसल तैयार हो रहा है, दिसम्बर से यहां धान की खरीदारी शुरू होती है. पटना, मगध और शाहाबाद प्रमण्डल का मुख्य फसल धान है. इन इलाकों में पैक्स के जरिए धान की खरीदारी होती है, जो कुल उत्पादन का सिर्फ 30 प्रतिशत खरीददारी ही संभव हो पाता है. ऐसे में उन्होंने लालू यादव से मांग की है कि धान अधिप्राप्ति के नियमों में परिवर्तन कराकर ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे अधिक से अधिक एमएसपी दर पर किसानों से धान की खरीद हो सके. इसके लिए जरूरी है कि सभी प्रखण्डों में धान का विशेष क्रय केन्द्र खोला जाए, साथ ही धान / गेहूं खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए मल्टीपल एजेंसियों को शामिल किया जाए.
"बिहार में किसानों की संख्या ज्यादा है, लेकिन यहां पर किसानों की माली हालत खराब है और अगर उसको लेकर कोई दोषी है तो वह यहां की सरकार है. किसानों के लिए जो योजनाएं चलाई जाती हैं, ठीक ढंग से उसको लागू नहीं किया जाता है. सिंचाई विभाग बना हुआ है किसानों के भूमि के सिंचाई करने के लिए और उसकी राशि कहीं और खर्च की जाती है. बिहार में भूमि अधिग्रहण का मामला बहुत ज्यादा है और यहां पर उचित कीमत किसी को भी नहीं मिल रहा है."- राकेश टिकैत, किसान नेता
सवाल-1: बिहार में किसान आंदोलन की जरूरत है?: ईटीवी भारत से किसान नेता राकेश टिकैत ने खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में किसान आंदोलन की जरूरत है. बाजार समिति बहाल होने की जरूरत है. राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार के किसानों की जमीन का सस्ते दरों अधिग्रहण किया जा रहा है. अब हमारा नारा है आज की जमीन आज का रेट.
सवाल-2: क्या बिहार में संगठित किसान है?: बिहार में संगठित किसानों के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार में संगठित किसान फिलहाल नहीं है लेकिन धीरे-धीरे हो जाएंगे. छोटे-छोटे मूवमेंट करके सभी को संगठित करना पड़ेगा. अब तो देश में संयुक्त किसान मोर्चा है. अब सब एकजुट होंगे.
सवाल-3: कैसे करेंगे बिहार के किसानों को संगठित?: राकेश टिकैत ने सरकार पर किसानों को तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ये बड़ी पॉलिसी है कि किसानों को जाति,धर्म और फसलों में बांट दो. जिस तरह से पॉलिटिकल पार्टियों को तोड़ा जाता है वैसे ही किसान आंदोलन को भी तोड़ा जा रहा है. हमारे साथ बीजेपी के लोग भी हैं.
'बिहार में किसान आंदोलन की सख्त जरूरत': वहीं आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा किसान आंदोलन की जरूरत है. क्योंकि बिहार के किसान सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. यहां का किसान सबसे सस्ता अनाज बेचता है. खेती घाटे की होने के कारण पलायन करते हैं. समय के साथ बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.
"हम किसानों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार से मांग करेंगे कि मंडी कानून की स्थापना करें.मिनिमम सपोर्ट की गारंटी का कानून बनाएं. भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव लाया जाए. ये सभी हमारी प्रमुख मांगें हैं. जहां किसानों की जमीन औने-पौने दामों पर लूटी जा रही है, वहां हमारा प्रदर्शन का कार्यक्रम है. पांच जिले में प्रदर्शन होगा. हमारी लड़ाई आर्थिक आधार की लड़ाई है."- सुधाकर सिंह, आरजेडी विधायक
राकेश टिकैत और सुधाकर सिंह का विरोध क्यों?: सुधाकर सिंह बिहार में मंडी व्यवस्था लागू करने की मांग करते रहे हैं. उन्हें किसान नेता राकेश सिंह टिकैत का भी साथ मिल रहा है. इससे पहले राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पत्र लिखा था और मंडी व्यवस्था लागू करने की मांग की थी. राकेश टिकेत तीन दिनों के बिहार दौरे पर उस वक्त आए हैं, जब राष्ट्रपति 18 अक्टूबर को पटना में चौथे कृषि रोड मैप की विधिवत शुरुआत करने वाली हैं. दोनों भी इस कृषि रोड मैप को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.