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Farmers Protest : सरकार के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने दिया जवाब, कहा- कल तय होगा - Farmers Protest

किसान नेता टिकैत (farmers leader rakesh tikait) ने कहा कि हमने सरकार के लेटर को रिसीव कर लिया है. उसे हम कल देखेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे. उस लेटर में क्या लिखा है, इस पर उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया है कि वो सभी मांगें मान रहे हैं, लेकिन किसान आंदोलन खत्म कर दें.

rakesh tikait
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Published : Dec 7, 2021, 8:13 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukta kisan morcha) की बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (farmers leader rakesh tikait) गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से पत्र आया है. उस पर हमारे कुछ मुद्दे हैं, जिन पर हम कल यानी बुधवार को सरकार को पत्र लिखेंगे (rakesh tikait reaction on government letter).

किसान नेता टिकैत (farmers leader rakesh tikait) ने कहा कि हमने सरकार के लेटर को रिसीव कर लिया है. उसे हम कल देखेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे. उस लेटर में क्या लिखा है, इस पर उन्होंने बताया कि उसमें सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया है कि वो सभी मांगें मान रहे हैं, लेकिन किसान आंदोलन खत्म कर दें.

सरकार के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने दिया जवाब.

राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से पूछते हैं कि हमें पहले ये बताए कि यहां किसानों को एक साल से क्यों बैठा रखा था. सरकार ने अभी स्थिति क्लियर नहीं की है. सरकार की ओर से आए पत्र में कोई बात स्पष्ट नहीं है. सरकार की ओर से आए प्रस्ताव पर कल यानी बुधवार को दोपहर दो बजे चर्चा की जाएगी और चिट्ठी का जवाब दिया जाएगा. जो हमारे एतराज हैं, हम उन पर सरकार से स्पष्ट पूछेंगे.

ये भी पढ़ें- केंद्र ने किसानों को प्रस्ताव भेजा, आंदोलन पर फैसला कल

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि जो भी बातचीत होगी, वह बैठकर होगी. सरकार टेबल पर आए और आमने-सामने की बैठक करे. उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukta kisan morcha) की बैठक में शामिल होकर नहीं आया हूं. बल्कि मैं उत्तराखंड गया था, वहां से लौटकर आया हूं.

ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- फैसला अभी हवा में, मिल कुछ नहीं रहा


गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से जाने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि जब यहां से ट्रैक्टर जाएंगे तो उन्हें यहां से जाने में भी आठ दिन लगेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई थानों में किसानों के ट्रैक्टर रखे हुए हैं. यहां से जाने के बाद किसी भी किसान की हिम्मत नहीं होगी कि वो दिल्ली आकर अपने ट्रैक्टर लेकर चला जाए. हम यहां से तभी जाएंगे, जब हमारा हिसाब पूरा हो जाएगा, उससे पहले हम यहां से नहीं जाएंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukta kisan morcha) की बैठक खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (farmers leader rakesh tikait) गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से पत्र आया है. उस पर हमारे कुछ मुद्दे हैं, जिन पर हम कल यानी बुधवार को सरकार को पत्र लिखेंगे (rakesh tikait reaction on government letter).

किसान नेता टिकैत (farmers leader rakesh tikait) ने कहा कि हमने सरकार के लेटर को रिसीव कर लिया है. उसे हम कल देखेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे. उस लेटर में क्या लिखा है, इस पर उन्होंने बताया कि उसमें सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया है कि वो सभी मांगें मान रहे हैं, लेकिन किसान आंदोलन खत्म कर दें.

सरकार के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने दिया जवाब.

राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से पूछते हैं कि हमें पहले ये बताए कि यहां किसानों को एक साल से क्यों बैठा रखा था. सरकार ने अभी स्थिति क्लियर नहीं की है. सरकार की ओर से आए पत्र में कोई बात स्पष्ट नहीं है. सरकार की ओर से आए प्रस्ताव पर कल यानी बुधवार को दोपहर दो बजे चर्चा की जाएगी और चिट्ठी का जवाब दिया जाएगा. जो हमारे एतराज हैं, हम उन पर सरकार से स्पष्ट पूछेंगे.

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राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि जो भी बातचीत होगी, वह बैठकर होगी. सरकार टेबल पर आए और आमने-सामने की बैठक करे. उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukta kisan morcha) की बैठक में शामिल होकर नहीं आया हूं. बल्कि मैं उत्तराखंड गया था, वहां से लौटकर आया हूं.

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गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से जाने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि जब यहां से ट्रैक्टर जाएंगे तो उन्हें यहां से जाने में भी आठ दिन लगेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई थानों में किसानों के ट्रैक्टर रखे हुए हैं. यहां से जाने के बाद किसी भी किसान की हिम्मत नहीं होगी कि वो दिल्ली आकर अपने ट्रैक्टर लेकर चला जाए. हम यहां से तभी जाएंगे, जब हमारा हिसाब पूरा हो जाएगा, उससे पहले हम यहां से नहीं जाएंगे.

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