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राजस्थान : करौली में आज राकेश टिकैत करेंगे किसान सभा आयोजित - Kisan Mahapanchayat

किसान नेता राकेश टिकैत बीते कुछ हफ्तों से लगातार महापंचायतों में हिस्सा ले रहे हैं और सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. अपने हर संबोधन में वो सरकार को चुनौती देते हुए नजर आते हैं. वहीं आज राकेश टिकैत भरतपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले करौली जिले में किसान सभा को संबोधित करेंगे.

राकेश टिकैत
राकेश टिकैत
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Published : Feb 25, 2021, 8:32 AM IST

जयपुर : राजस्थान के भरतपुर स्थित करौली जिले में आज किसान सभा का आयोजन होगा, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शिरकत करेंगे. टिकैत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान एकजुट हैं. इसके अलावा राजस्थान में भी लगातार किसान महापंचायत की जा रही है, जिससे किसान आंदोलन को और तेज गति दी जा सके.

बातचीत के दौरान टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही, उसके वावजूद भी किसान लगातार आंदोलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि MSP पर कानून बनना चाहिए, कृषि बिल वापस होना चाहिए. उससे देश के किसानों को फायदा होगा और ये देश की आम जनता समझ चुकी है. अगर MSP पर कानून नहीं है तो बड़ी कंपनियां सस्ते में माल खरीदेंगी. अपने गोदाम में स्टॉक करेंगी और महंगे रेट पर बेचेंगी. यह बात आम जनता की समझ में आ गया है, ये आम जनता की लड़ाई है और मजदूरों की लड़ाई है.

राकेश टिकैत करेंगे किसान सभा आयोजित

इसके अलावा आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि देश को आजाद करवाने की लड़ाई 90 साल तक चली. लेकिन हमारी लड़ाई को सिर्फ 30 से 35 साल हुए हैं. ये लड़ाई लंबी चलेगी, ये लड़ाई भारत सरकार की पॉलिसी से है किसी पार्टी विशेष के खिलाफ ये लड़ाई नहीं है. ये एक बैचारिक क्रांति है और जो क्रांति विचार से शुरू होती है वह विचार पर ही खत्म होती है. यह क्रांति डंडे से और बंदूक से खत्म नहीं होगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को राकेश टिकैत राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, कान खोल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे. अबकी बार आह्वान संसद का होगा. कहकर जाएंगे संसद पर. इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे.

यह भी पढ़ें: सरकार आंदोलन को बदनाम करने के लिए सभी हथकंडे अपना रही - चौधरी युद्धवीर सिंह

उन्होंने कहा कि किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा. साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा. किसान नेता ने कहा, 26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई. देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं.

जयपुर : राजस्थान के भरतपुर स्थित करौली जिले में आज किसान सभा का आयोजन होगा, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शिरकत करेंगे. टिकैत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान एकजुट हैं. इसके अलावा राजस्थान में भी लगातार किसान महापंचायत की जा रही है, जिससे किसान आंदोलन को और तेज गति दी जा सके.

बातचीत के दौरान टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही, उसके वावजूद भी किसान लगातार आंदोलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि MSP पर कानून बनना चाहिए, कृषि बिल वापस होना चाहिए. उससे देश के किसानों को फायदा होगा और ये देश की आम जनता समझ चुकी है. अगर MSP पर कानून नहीं है तो बड़ी कंपनियां सस्ते में माल खरीदेंगी. अपने गोदाम में स्टॉक करेंगी और महंगे रेट पर बेचेंगी. यह बात आम जनता की समझ में आ गया है, ये आम जनता की लड़ाई है और मजदूरों की लड़ाई है.

राकेश टिकैत करेंगे किसान सभा आयोजित

इसके अलावा आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि देश को आजाद करवाने की लड़ाई 90 साल तक चली. लेकिन हमारी लड़ाई को सिर्फ 30 से 35 साल हुए हैं. ये लड़ाई लंबी चलेगी, ये लड़ाई भारत सरकार की पॉलिसी से है किसी पार्टी विशेष के खिलाफ ये लड़ाई नहीं है. ये एक बैचारिक क्रांति है और जो क्रांति विचार से शुरू होती है वह विचार पर ही खत्म होती है. यह क्रांति डंडे से और बंदूक से खत्म नहीं होगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को राकेश टिकैत राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, कान खोल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे. अबकी बार आह्वान संसद का होगा. कहकर जाएंगे संसद पर. इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा. साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा. किसान नेता ने कहा, 26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई. देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं.

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