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राकेश टिकैत का ऐलान, 60 ट्रैक्टर से करेंगे संसद मार्च

भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार ऐलान किया की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की गारंटी समेत अन्य मुद्दों को लेकर 60 ट्रैक्टरों के साथ संसद के लिए मार्च निकालेंगे.

द मार्च
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Published : Nov 24, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Nov 24, 2021, 11:42 AM IST

कौशाम्बी: भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की गारंटी समेत अन्य मुद्दों को लेकर 60 ट्रैक्टरों के साथ संसद के लिए मार्च निकालेंगे.

उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर के साथ संसद के लिए मार्च निकालेंगे. ट्रैक्टर उन सड़कों से गुजरेंगे, जिन्हें सरकार ने खोल दिया है. हम पर सड़कों को अवरुद्ध रखने का आरोप लगाया गया था. हमने रास्ता नहीं रोका था. सड़क जाम करना हमारा आंदोलन नहीं है. हमारा आंदोलन किसानों की समस्या है. इसके लिए हम सीधे संसद जाएंगे.

पढ़ें : संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुआ फैसला, '29 नवंबर को संसद कूच होगा'

राकेश टिकैत का यह बयान तब आया है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मंजूरी देने की संभावना है, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. टिकैत ने आगे कहा कि पिछली बार 200 लोगों के मुकाबले इस बार एक हजार लोग संसद जाएंगे. हम एमएसपी पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा, पिछले साल में हुई घटनाओंं में 750 किसान मारे गए, सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होगा और 23 दिसंबर तक जारी रहने की उम्मीद है. इस बीच, किसान संघों में एक समयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि राज्यों की राजधानियों में अन्य विरोध प्रदर्शनों के लिए ट्रैक्टर रैलियों का आयोजन किया जाएगा.

एसकेएम ने कहा, 'भारत में लाखों किसानों के लगातार संघर्ष करते हुए एक साल 26 नवंबर को पूरा होने वाला है, इस दिन को यादगार बनाने की तैयारी चल रही है. उस दिन दिल्ली के आसपास हजारों किसानों के मोर्चा स्थलों पर आने की उम्मीद है.' इसमें आगे कहा गया है कि 26 नवंबर को आंदोलन की 'आंशिक जीत' का जश्न मनाया जाएगा, और शेष मांगों पर जोर दिया जाएगा. एसकेएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय किसान संगठनों द्वारा भी दुनिया भर में 'एकजुटता कार्यक्रमों' की योजना बनाई जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन

संगठन की ओर से कहा गया कि 26 नवंबर को दोपहर 12 से 2 बजे GMT के बीच लंदन में भारतीय उच्चायोग में विरोध प्रदर्शन होगा. 30 नवंबर को फ्रांस की राजधानी पेरिस में विरोध प्रदर्शन होगा. 4 दिसंबर को कैलिफोर्निया में एक कार रैली का आयोजन किया जाएगा, और अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक सिटी मार्च का आयोजन किया जाएगा. उस दिन सैन जोस गुरुद्वारा में स्मरणोत्सव और मोमबत्ती जलायी जाएगी. नीदरलैंड में 5 दिसंबर को एक कार्यक्रम और 8 दिसंबर को ऑस्ट्रिया के विएना में एक कार्यक्रम की योजना है. कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन और टेक्सास जैसे अन्य स्थानों में होंगे, इस संबंध में और अधिक विवरण जल्द ही साझा किए जाएंगे.

25 नवंबर को हैदराबाद में महाधरना

इसने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की सालगिरह पर 25 नवंबर को हैदराबाद में महाधरना का आयोजन किया जाएगा. इसमें एसकेएम के कई नेता शामिल होंगे. कई ट्रेड यूनियनों और अन्य जन संगठनों के नेता भी महाधरने में भाग लेंगे. 24 नवंबर को सर छोटू राम की जयंती किसान मजदूर संघर्ष दिवस के रूप में मनाई जाएगी. सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपने एजेंडे में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयक सूचीबद्ध किया है. प्रधानमंत्री द्वारा गुरपुरब पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा की गई थी.

कौशाम्बी: भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की गारंटी समेत अन्य मुद्दों को लेकर 60 ट्रैक्टरों के साथ संसद के लिए मार्च निकालेंगे.

उन्होंने कहा कि 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर के साथ संसद के लिए मार्च निकालेंगे. ट्रैक्टर उन सड़कों से गुजरेंगे, जिन्हें सरकार ने खोल दिया है. हम पर सड़कों को अवरुद्ध रखने का आरोप लगाया गया था. हमने रास्ता नहीं रोका था. सड़क जाम करना हमारा आंदोलन नहीं है. हमारा आंदोलन किसानों की समस्या है. इसके लिए हम सीधे संसद जाएंगे.

पढ़ें : संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुआ फैसला, '29 नवंबर को संसद कूच होगा'

राकेश टिकैत का यह बयान तब आया है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मंजूरी देने की संभावना है, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. टिकैत ने आगे कहा कि पिछली बार 200 लोगों के मुकाबले इस बार एक हजार लोग संसद जाएंगे. हम एमएसपी पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा, पिछले साल में हुई घटनाओंं में 750 किसान मारे गए, सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होगा और 23 दिसंबर तक जारी रहने की उम्मीद है. इस बीच, किसान संघों में एक समयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि राज्यों की राजधानियों में अन्य विरोध प्रदर्शनों के लिए ट्रैक्टर रैलियों का आयोजन किया जाएगा.

एसकेएम ने कहा, 'भारत में लाखों किसानों के लगातार संघर्ष करते हुए एक साल 26 नवंबर को पूरा होने वाला है, इस दिन को यादगार बनाने की तैयारी चल रही है. उस दिन दिल्ली के आसपास हजारों किसानों के मोर्चा स्थलों पर आने की उम्मीद है.' इसमें आगे कहा गया है कि 26 नवंबर को आंदोलन की 'आंशिक जीत' का जश्न मनाया जाएगा, और शेष मांगों पर जोर दिया जाएगा. एसकेएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय किसान संगठनों द्वारा भी दुनिया भर में 'एकजुटता कार्यक्रमों' की योजना बनाई जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन

संगठन की ओर से कहा गया कि 26 नवंबर को दोपहर 12 से 2 बजे GMT के बीच लंदन में भारतीय उच्चायोग में विरोध प्रदर्शन होगा. 30 नवंबर को फ्रांस की राजधानी पेरिस में विरोध प्रदर्शन होगा. 4 दिसंबर को कैलिफोर्निया में एक कार रैली का आयोजन किया जाएगा, और अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक सिटी मार्च का आयोजन किया जाएगा. उस दिन सैन जोस गुरुद्वारा में स्मरणोत्सव और मोमबत्ती जलायी जाएगी. नीदरलैंड में 5 दिसंबर को एक कार्यक्रम और 8 दिसंबर को ऑस्ट्रिया के विएना में एक कार्यक्रम की योजना है. कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन और टेक्सास जैसे अन्य स्थानों में होंगे, इस संबंध में और अधिक विवरण जल्द ही साझा किए जाएंगे.

25 नवंबर को हैदराबाद में महाधरना

इसने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की सालगिरह पर 25 नवंबर को हैदराबाद में महाधरना का आयोजन किया जाएगा. इसमें एसकेएम के कई नेता शामिल होंगे. कई ट्रेड यूनियनों और अन्य जन संगठनों के नेता भी महाधरने में भाग लेंगे. 24 नवंबर को सर छोटू राम की जयंती किसान मजदूर संघर्ष दिवस के रूप में मनाई जाएगी. सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपने एजेंडे में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधेयक सूचीबद्ध किया है. प्रधानमंत्री द्वारा गुरपुरब पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा की गई थी.

Last Updated : Nov 24, 2021, 11:42 AM IST
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