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राकेश टिकैत की किसानों से अपील- चुनावजीवी घर-घर जाएंगे, धर्म और जिन्ना में उलझाएंगे, खेती-किसानी के मुद्दों पर डटे रहना

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों (election in up) में चंद महीने बाकी हैं. ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता अब घरों से निकलकर जनता के बीच दावों और वादों की लंबी फेहरिस्त लेकर जा रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी के नेता पांच साल में हुए विकास का ब्याेरा दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के नेता सत्ताधारी पार्टी पर तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं.

rakesh tikait
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Published : Nov 13, 2021, 9:06 PM IST

नई दिल्ली : आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) से पहले गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसान आंदोलन (kisan andolan) की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait ) ने बयान जारी कर कहा है कि अब चुनावजीवी घर-घर जाएंगे, आपको जाति, धर्म और जिन्ना में उलझाएंगे. हमें किसान-मजदूर ही बने रहना है और खेती-किसानी के मुद्दों पर ही डटे रहना है.

दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत पहले ही साफ कर चुके हैं कि भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक दल नहीं है. चुनाव से किसानों का कोई लेना देना नहीं है. राजनीति करना नेताओं का काम है. किसान सिर्फ कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहें हैं. हालांकि टिकैत विभिन्न राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ में प्रचार करने का खुले मंच से ऐलान कर चुके हैं.

पढ़ेंः ट्रैक्टर और किसान BJP के दिमाग से निकलने नहीं देंगे : टिकैत

पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान संयुक्त किसान मोर्चे के निर्देश पर किसान नेताओं ने भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था. टिकैत का कहना है कि किसानों द्वारा तैयार की गयी दवा का असर भाजपा पर पूरी तरह से हो रहा है. समय जरूर लगेगा लेकिन 2022 तक स्वास्थ्य लाभ होगा.

नई दिल्ली : आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) से पहले गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसान आंदोलन (kisan andolan) की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait ) ने बयान जारी कर कहा है कि अब चुनावजीवी घर-घर जाएंगे, आपको जाति, धर्म और जिन्ना में उलझाएंगे. हमें किसान-मजदूर ही बने रहना है और खेती-किसानी के मुद्दों पर ही डटे रहना है.

दरअसल किसान नेता राकेश टिकैत पहले ही साफ कर चुके हैं कि भारतीय किसान यूनियन राजनीतिक दल नहीं है. चुनाव से किसानों का कोई लेना देना नहीं है. राजनीति करना नेताओं का काम है. किसान सिर्फ कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहें हैं. हालांकि टिकैत विभिन्न राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ में प्रचार करने का खुले मंच से ऐलान कर चुके हैं.

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पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान संयुक्त किसान मोर्चे के निर्देश पर किसान नेताओं ने भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था. टिकैत का कहना है कि किसानों द्वारा तैयार की गयी दवा का असर भाजपा पर पूरी तरह से हो रहा है. समय जरूर लगेगा लेकिन 2022 तक स्वास्थ्य लाभ होगा.

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