नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul gandhi) और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्का-मुक्की की घटना को बृहस्पतिवार को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया और इसके तथा पेगासस जासूसी विवाद एवं केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया. इसीक्रम में राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है कि देश के इतिहास में पहली बार राज्यसभा के सदस्यों के साथ मारपीट की गई और उन्हें शारीरिक रूप से पीटा गया, यह लोकतंत्र की हत्या से कम नहीं था.
राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई, इस संसद सत्र में देश के 60 फीसदी लोगों की आवाज को दबाया गया, अपमानित किया गया तथा विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया गया.
वहीं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया. इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं. बैनर पर 'हम किसान विरोधी काले कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं' लिखा हुआ था. विपक्षी नेताओं ने 'जासूसी बंद करो', 'काले कानून वापस लो' और 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' के नारे भी लगाए.
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इससे पहले, विपक्षी नेताओं की बैठक में खड़गे, राहुल गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश एवं आनंद शर्मा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए.
(पीटीआई-भाषा)