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विपक्ष ने सभापति की कुर्सी पर फेंकी फाइल, राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित

कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा में हंगामा
कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा में हंगामा
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Published : Aug 10, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Aug 10, 2021, 8:00 PM IST

16:11 August 10

राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गई है. कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा सदन में मेज पर चढ़ गए और सभापति के आसन की ओर फाइल फेंक दी. आप सांसद संजय सिंह भी सदन में मेज पर बैठकर नारेबाजी करते नजर आए. अन्य विपक्षी नेताओं ने भी जमकर हंगामा किया. 

पहली बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल आरंभ कराया और सवाल पूछने के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबी दुरई का नाम पुकारा. इसी दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच ही विद्युत मंत्री आर के सिंह ने जलविद्युत परियोजना से जुड़े कुछ सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब दिए. 

इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी. हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने कैंसर, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े पूरक सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए.

इस बीच, उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार प्रश्नकाल सुचारु रूप से चलने देने का आग्रह किया लेकिन हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. 

सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी. इससे पहले, हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया. 

उच्च सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद जब दोपहर दो बजे शुरू हुई तो पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा पुन: शुरू हो गया. पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने हंगामे के बीच ही 'देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान' पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराई. 

चर्चा आरंभ करते हुए भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि जो लोग किसानों के हितों की बात करते हैं, किसानों को बर्बाद भी उन्होंने ही किया है. उन्होंने कहा 'पिछले करीब 70 साल के दौरान देश में अधिकतर समय तक कांग्रेस ने शासन किया लेकिन किसानों को न तो सिंचाई के साधन दिए गए, न भंडारण की व्यवस्था की गई और न ही किसानों की समस्याएं हल की गईं. उनके दस साल का कृषि बजट वर्तमान सरकार के एक साल के कृषि बजट से भी कम था.'

तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए तीनों कृषि कानून लाए गए हैं ताकि किसानों की समस्याएं दूर हों और उनकी हालत सुधरे. उन्होंने कहा कि तीनों कानून अलग अलग समितियों की सिफारिशों के आधार पर बने हैं और इनके लिए विशेषज्ञों की राय भी ली गई थी. उन्होंने कहा कि तीनों कानून किसानों के पक्ष में, उनके हित में हैं.

उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह किसानों के कंधे पर रख कर बंदूक चलाना चाहता है. बीजू जनता दल (बीजद) के प्रसन्न आचार्य ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा 'हंगामे के बावजूद मैं किसानों के मुद्दे पर बोलने का अवसर नहीं छोड़ना चाहता क्योंकि ऐसा करना उनके साथ अन्याय होगा. इस देश की बड़ी आबादी किसानों की है जो अब तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित रही है. सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कई कदम भी उठाए गए हैं. लेकिन उनकी समस्याओं का हल नहीं निकला.'

उन्होंने कहा कि सीमांत किसानों की अपनी समस्याएं हैं. कई किसानों के पास अपनी जमीन नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रों में मंदी का असर देखने को मिला है लेकिन कृषि क्षेत्र में उत्पादन लगातार बढ़ा है. उन्होंने किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने तथा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की.

तीनों कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए आचार्य ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित में गारंटी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा 'आपने किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ.' 

ये भी पढ़ें- OBC List Bill : बिल के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के सांसद हसनैन मसूदी, अनुच्छेद 370 पर भी पूछा सवाल 
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इसी बीच, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने दो बज कर 17 मिनट पर पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दी. पंद्रह मिनट बाद पीठासीन अध्यक्ष ने हंगामे के चलते बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. आधे घंटे बाद यानी दोपहर करीब तीन बजे बैठक जब फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने घोषणा की कि उपसभापति ने विभिन्न दलों के नेताओं को विचारविमर्श के लिए अपने कक्ष में आमंत्रित किया. इसके बाद उन्होंने बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया था. कार्यवाही फिर शुरू हुई तो हंगामे के कारण राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.  

16:11 August 10

राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

नई दिल्ली : पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित हो गई है. कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा सदन में मेज पर चढ़ गए और सभापति के आसन की ओर फाइल फेंक दी. आप सांसद संजय सिंह भी सदन में मेज पर बैठकर नारेबाजी करते नजर आए. अन्य विपक्षी नेताओं ने भी जमकर हंगामा किया. 

पहली बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल आरंभ कराया और सवाल पूछने के लिए ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबी दुरई का नाम पुकारा. इसी दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच ही विद्युत मंत्री आर के सिंह ने जलविद्युत परियोजना से जुड़े कुछ सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब दिए. 

इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी तेज कर दी. हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने कैंसर, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े पूरक सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए.

इस बीच, उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार प्रश्नकाल सुचारु रूप से चलने देने का आग्रह किया लेकिन हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. 

सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी. इससे पहले, हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया. 

उच्च सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद जब दोपहर दो बजे शुरू हुई तो पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा पुन: शुरू हो गया. पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने हंगामे के बीच ही 'देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान' पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराई. 

चर्चा आरंभ करते हुए भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि जो लोग किसानों के हितों की बात करते हैं, किसानों को बर्बाद भी उन्होंने ही किया है. उन्होंने कहा 'पिछले करीब 70 साल के दौरान देश में अधिकतर समय तक कांग्रेस ने शासन किया लेकिन किसानों को न तो सिंचाई के साधन दिए गए, न भंडारण की व्यवस्था की गई और न ही किसानों की समस्याएं हल की गईं. उनके दस साल का कृषि बजट वर्तमान सरकार के एक साल के कृषि बजट से भी कम था.'

तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए तीनों कृषि कानून लाए गए हैं ताकि किसानों की समस्याएं दूर हों और उनकी हालत सुधरे. उन्होंने कहा कि तीनों कानून अलग अलग समितियों की सिफारिशों के आधार पर बने हैं और इनके लिए विशेषज्ञों की राय भी ली गई थी. उन्होंने कहा कि तीनों कानून किसानों के पक्ष में, उनके हित में हैं.

उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह किसानों के कंधे पर रख कर बंदूक चलाना चाहता है. बीजू जनता दल (बीजद) के प्रसन्न आचार्य ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा 'हंगामे के बावजूद मैं किसानों के मुद्दे पर बोलने का अवसर नहीं छोड़ना चाहता क्योंकि ऐसा करना उनके साथ अन्याय होगा. इस देश की बड़ी आबादी किसानों की है जो अब तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित रही है. सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कई कदम भी उठाए गए हैं. लेकिन उनकी समस्याओं का हल नहीं निकला.'

उन्होंने कहा कि सीमांत किसानों की अपनी समस्याएं हैं. कई किसानों के पास अपनी जमीन नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रों में मंदी का असर देखने को मिला है लेकिन कृषि क्षेत्र में उत्पादन लगातार बढ़ा है. उन्होंने किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने तथा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की.

तीनों कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए आचार्य ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित में गारंटी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा 'आपने किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ.' 

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भाषण के बीच टोका गया तो बोले 72 वर्षीय टीएमसी सांसद, 'उम्र हो गई है...'

इसी बीच, विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने दो बज कर 17 मिनट पर पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दी. पंद्रह मिनट बाद पीठासीन अध्यक्ष ने हंगामे के चलते बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. आधे घंटे बाद यानी दोपहर करीब तीन बजे बैठक जब फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने घोषणा की कि उपसभापति ने विभिन्न दलों के नेताओं को विचारविमर्श के लिए अपने कक्ष में आमंत्रित किया. इसके बाद उन्होंने बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया था. कार्यवाही फिर शुरू हुई तो हंगामे के कारण राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.  

Last Updated : Aug 10, 2021, 8:00 PM IST
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