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राजू श्रीवास्तव ने इस गांव में किया था अपना पहला स्टेज शो, गजोधर नाम भी यही खोजा था

उन्नाव के मगरायर गांव में राजू श्रीवास्तव ने पहला स्टेज शो किया था. मगरायर में राजू का ननिहाल है. यहां उनका बचपन बीता और शुरुआती शिक्षा भी यहीं पर हुई.

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राजू श्रीवास्तव
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Published : Sep 21, 2022, 8:56 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 6:37 AM IST

उन्नाव: दुनिया को हंसाने वाले गुदगुदाने वाले राजू श्रीवास्तव ने बुधवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. राजू श्रीवास्तव की यादें उन्नाव से भी जुड़ी हुई हैं. उन्नाव के मगरायर गांव में राजू श्रीवास्तव का ननिहाल (Raju Srivastava maternal grandmother house) था. यहां उनका बचपन बीता और यहीं से शुरुआती शिक्षा हुई. राजू श्रीवास्तव ने पहला स्टेज शो भी उन्नाव के मगरायर गांव में किया था. यहां उन्होंने खाए के पान बनारस वाला गाना गाकर लोगों को सुनाया था.

राजू श्रीवास्तव का ननिहाल.



राजू श्रीवास्तव के ननिहाल मगरायर में रहने वाले वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के निधन का बहुत दुख है. वेद प्रकाश ने बताया कि राजू बचपन में गांव आते थे और हम सब खूब खेलते थे. यहां पर जब शिवरात्रि का मेला लगता था, तब राजू श्रीवास्तव ने पहली बार स्टेज शो किया था. राजू की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह इतने बड़े कलाकार होने के बावजूद अपनी मातृभाषा व यहां के लोगों को नहीं भूले थे. गजोधर नाम जो वह अपने शो में लेते थे, वह व्यक्ति इसी गांव के रहने वाला था.

वहीं, मगरायर गांव के रहने वाले हीरा लाल सोनी ने कि कहा कि राजू श्रीवास्तव 2011 में उनके घर आए थे, तब उन्होंने साथ में खाना खाया था. वह राजू श्रीवास्तव से लगभग 10 से 12 साल छोटे हैं. उनके पिता से राजू श्रीवास्तव का काफी लगाव था. 1993 में राजू श्रीवास्तव की शादी हुई थी. हीरा लाल सोनी ने बताया कि राजू का तिलक व हमारी बारात दोनों एक ही दिन थे. इससे वह उनकी बारात में नहीं आए थे. राजू श्रीवास्तव की जब पहली बेटी हुई थी, तब उन्होंने हमारे यहां न्यौता भेजा था. हम हीरालाल सोनी के पिता राजू जी के यहां गए थे. मगरायर में ही राजू श्रीवास्तव ने स्टेज शो किया था, जिसमें उन्होंने "खईके पान बनारस वाला" गाना गाया था.

यह भी पढे़ें:राजू श्रीवास्तव के निधन से नम हुईं आंखें, मालिनी अवस्थी व सांसद रविकिशन समेत कलाकारों ने दी श्रद्धांजलि

नवल किशोर बाजपेई ने बताया कि राजू श्रीवास्तव के निधन का हमें दुख है. वह हमारे गांव आते रहते थे. उन्होंने अपना पहला प्रोग्राम और ड्रामा यही मगरायर में किया था. नवल किशोर ने राजू श्रीवास्तव को याद करते हुए बताया कि जब वह बहुत बड़े कलाकार बन गए थे तो वह हमारे घर आए थे और दो घंटे रहे थे. तब हमने राजू जी से कहा था कि हमें कैसे विश्वास हो कि आप टीवी पर आते हैं. तब राजू श्रीवास्तव ने हमें दस तरह की बोली बोलकर सुनाई थी. बस यही बात हमें राजू की बहुत याद दिलाती है.

यह भी पढे़ें:Raju Srivastava Death: राजू श्रीवास्तव के निधन से टूटीं पत्नी शिखा, बोलीं- वो आखिरी सांस तक लड़े

उन्नाव: दुनिया को हंसाने वाले गुदगुदाने वाले राजू श्रीवास्तव ने बुधवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. राजू श्रीवास्तव की यादें उन्नाव से भी जुड़ी हुई हैं. उन्नाव के मगरायर गांव में राजू श्रीवास्तव का ननिहाल (Raju Srivastava maternal grandmother house) था. यहां उनका बचपन बीता और यहीं से शुरुआती शिक्षा हुई. राजू श्रीवास्तव ने पहला स्टेज शो भी उन्नाव के मगरायर गांव में किया था. यहां उन्होंने खाए के पान बनारस वाला गाना गाकर लोगों को सुनाया था.

राजू श्रीवास्तव का ननिहाल.



राजू श्रीवास्तव के ननिहाल मगरायर में रहने वाले वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के निधन का बहुत दुख है. वेद प्रकाश ने बताया कि राजू बचपन में गांव आते थे और हम सब खूब खेलते थे. यहां पर जब शिवरात्रि का मेला लगता था, तब राजू श्रीवास्तव ने पहली बार स्टेज शो किया था. राजू की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह इतने बड़े कलाकार होने के बावजूद अपनी मातृभाषा व यहां के लोगों को नहीं भूले थे. गजोधर नाम जो वह अपने शो में लेते थे, वह व्यक्ति इसी गांव के रहने वाला था.

वहीं, मगरायर गांव के रहने वाले हीरा लाल सोनी ने कि कहा कि राजू श्रीवास्तव 2011 में उनके घर आए थे, तब उन्होंने साथ में खाना खाया था. वह राजू श्रीवास्तव से लगभग 10 से 12 साल छोटे हैं. उनके पिता से राजू श्रीवास्तव का काफी लगाव था. 1993 में राजू श्रीवास्तव की शादी हुई थी. हीरा लाल सोनी ने बताया कि राजू का तिलक व हमारी बारात दोनों एक ही दिन थे. इससे वह उनकी बारात में नहीं आए थे. राजू श्रीवास्तव की जब पहली बेटी हुई थी, तब उन्होंने हमारे यहां न्यौता भेजा था. हम हीरालाल सोनी के पिता राजू जी के यहां गए थे. मगरायर में ही राजू श्रीवास्तव ने स्टेज शो किया था, जिसमें उन्होंने "खईके पान बनारस वाला" गाना गाया था.

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नवल किशोर बाजपेई ने बताया कि राजू श्रीवास्तव के निधन का हमें दुख है. वह हमारे गांव आते रहते थे. उन्होंने अपना पहला प्रोग्राम और ड्रामा यही मगरायर में किया था. नवल किशोर ने राजू श्रीवास्तव को याद करते हुए बताया कि जब वह बहुत बड़े कलाकार बन गए थे तो वह हमारे घर आए थे और दो घंटे रहे थे. तब हमने राजू जी से कहा था कि हमें कैसे विश्वास हो कि आप टीवी पर आते हैं. तब राजू श्रीवास्तव ने हमें दस तरह की बोली बोलकर सुनाई थी. बस यही बात हमें राजू की बहुत याद दिलाती है.

यह भी पढे़ें:Raju Srivastava Death: राजू श्रीवास्तव के निधन से टूटीं पत्नी शिखा, बोलीं- वो आखिरी सांस तक लड़े

Last Updated : Sep 22, 2022, 6:37 AM IST
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