नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने मौजूदा क्षेत्रीय स्थिति की पृष्ठभूमि में रक्षा सहयोग की समीक्षा की और दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों को लेकर संतोष जताया.
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति की समीक्षा की और सशस्त्र बलों के बीच संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई. बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों ने मंत्रिस्तरीय 'टू प्लस टू' वार्ता जल्द आयोजित करने की अपनी इच्छा जताई.
दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग का विस्तार करने के समग्र लक्ष्य के तहत विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 'टू प्लस टू' वार्ता की शुरुआत की गई थी. अमेरिका और जापान सहित कुछ देशों के साथ भारत इस तरह की बातचीत करता रहा है.
'टू प्लस टू' वार्ता जल्द आयोजित करने पर जोर
बातचीत के बाद राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ समग्र रणनीतिक भागीदारी लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और दोनों देश मंत्री स्तर की अगली 'टू प्लस टू' वार्ता को जल्द आयोजित करने के लिए आशान्वित हैं.
सिंह ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन से कोविड-19 महामारी के खिलाफ दोनों देशों द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर बात हुई. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक भागदारी के आधार पर लोगों के बीच गर्मजोशी भरे संबंध हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह उल्लेख करना जरूरी होगा कि ऑस्ट्रेलियाई सैन्य बलों ने कोविड-19 से निपटने में भारत का भरपूर सहयोग किया है.'
एक दूसरे के सैन्य ठिकानों तक पहुंच को लेकर हुआ था समझौता
पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच डिजिटल शिखर वार्ता के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया ने समग्र रणनीतिक भागीदारी की थी और साजो-सामान की मदद के लिए एक दूसरे के सैन्य ठिकानों तक पहुंच को लेकर एक अहम समझौता किया था.
ऑस्ट्रेलियाई नौसेना पिछले साल नवंबर में भारत द्वारा आयोजित मालाबार नौसेना अभ्यास में शामिल हुई थी. उसमें अमेरिका और जापान की नौसेनाएं भी शामिल हुई थीं.
यह भी पढ़ें- भारत-पाक संघर्ष विराम पर बनी सहमति का पूरा पालन कर रहे : जनरल जोशी
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी इस बढ़ी हुई, साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर रही है.
ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों क्वॉड या चतुष्पक्षीय गठबंधन में शामिल हैं. अमेरिका और जापान इस समूह के अन्य दो सदस्य हैं.