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हमारे दिलों में जिंदा हैं रेजांग ला में बहादुरी से मुकाबला करने वाले जवान : राजनाथ सिंह - rajnath eastern ladakh

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सौन्दर्यीकरण के बाद पूर्वी लद्दाख में स्थित युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया. राजनाथ ने इस युद्ध स्मारक को भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस का उदाहरण बताया.

राजनाथ सिंह
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Published : Nov 18, 2021, 5:22 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में स्थित युद्ध स्मारक का सौन्दर्यीकरण के बाद गुरुवार को उद्घाटन किया. इसी स्थान पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का बहादुरी से मुकाबला किया था.

सिंह ने इस युद्ध स्मारक को भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस का उदाहरण बताया और कहा कि 'यह ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में अमर है, बल्कि हमारे दिलों में भी जिंदा है.'

उन्होंने कहा, '18,000 फुट की ऊंचाई पर लड़ी गई रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई की कल्पना आज भी करना मुश्किल है. मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों ने 'अंतिम गोली, अंतिम सांस' तक लड़ाई लड़ी और साहस तथा बहादुरी का नया अध्याय लिखा.'

राजनाथ ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी
राजनाथ ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने 1962 के युद्ध में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में स्थित रेजांग ला तक पहुंचने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, 'रेजांग ला के युद्ध को दुनिया के 10 महानतम और सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य संघर्षों में से एक माना जाता है.'

सौन्दर्यीकरण के बाद स्मारक को ऐसे समय पर जनता के लिए खोला गया है जबकि भारत और चीन के बीच पिछले डेढ़ साल से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.

चीन के आक्रामक रवैये और भारतीय सैनिकों को डराने के असफल प्रयास के बाद भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त में रेजांग लां क्षेत्र की कई पर्वत चोटियों पर नियंत्रण कर लिया. दोनों देशों के बीच गतिरोध पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था.

पढ़ें- राजनीतिक आजादी के बाद अब सामरिक स्वतंत्रता हासिल करेगा भारत : रक्षा मंत्री

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में स्थित युद्ध स्मारक का सौन्दर्यीकरण के बाद गुरुवार को उद्घाटन किया. इसी स्थान पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का बहादुरी से मुकाबला किया था.

सिंह ने इस युद्ध स्मारक को भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस का उदाहरण बताया और कहा कि 'यह ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में अमर है, बल्कि हमारे दिलों में भी जिंदा है.'

उन्होंने कहा, '18,000 फुट की ऊंचाई पर लड़ी गई रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई की कल्पना आज भी करना मुश्किल है. मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों ने 'अंतिम गोली, अंतिम सांस' तक लड़ाई लड़ी और साहस तथा बहादुरी का नया अध्याय लिखा.'

राजनाथ ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी
राजनाथ ने सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने 1962 के युद्ध में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में स्थित रेजांग ला तक पहुंचने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, 'रेजांग ला के युद्ध को दुनिया के 10 महानतम और सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य संघर्षों में से एक माना जाता है.'

सौन्दर्यीकरण के बाद स्मारक को ऐसे समय पर जनता के लिए खोला गया है जबकि भारत और चीन के बीच पिछले डेढ़ साल से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.

चीन के आक्रामक रवैये और भारतीय सैनिकों को डराने के असफल प्रयास के बाद भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त में रेजांग लां क्षेत्र की कई पर्वत चोटियों पर नियंत्रण कर लिया. दोनों देशों के बीच गतिरोध पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था.

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(पीटीआई-भाषा)

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