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निर्भया केस पर उपन्यास, राजकमल झा को मिला रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार

पत्रकार और लेखक राजकमल झा को तीसरे रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनको यह सम्मान उनके उपन्यास 'द सिटी एंड द सी' के लिए दिया गया है. यह उपन्यास निर्भया दुष्कर्म मामले पर आधारित है. पढ़ें विस्तार से...

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Published : Dec 7, 2020, 6:04 PM IST

Updated : Dec 7, 2020, 6:14 PM IST

नई दिल्ली : पत्रकार-लेखक राजकमल झा को उनके उपन्यास 'द सिटी एंड द सी' के लिए तीसरे रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह घोषणा सोमवार को आयोजक और प्रकाशक पीटर बुंडालो ने की. कोविड-19 महामारी के कारण पांच हजार डॉलर के पुरस्कार विजेता की घोषणा डेनमार्क के कोपनहेगन में ऑनलाइन की गई.

झा की किताब दिसंबर 2012 के निर्भया बलात्कार एवं हत्या मामले पर आधारित है, जिसे दस किताबों में से पुरस्कार के लिए चुना गया. पुरस्कार की दौड़ में अमिताव घोष की 'गन आईलैंड', निर्मला गोविंदराजन की 'टैबू' और रणजीत होसकोटे की 'जोनाह्वेल' भी शामिल थीं.

ज्यूरी की सदस्य और रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार की निदेशक माजा मार्कुनोविक ने कहा कि यह उपन्यास वर्तमान समाज का आइना है और मानवता के लिए उम्मीद की किरण भी है.

पुरस्कार प्राप्त होने के बाद झा ने कहा कि इस मानवता से अधिक शक्तिशाली कहानी कहने की अनिवार्यता नहीं हो सकती है.

यह भी पढ़ें- छात्रों को हर महीने मिलेगी फैलोशिप और स्कॉलरशिप : यूजीसी

रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार की स्थापना 2018 में अमेरिका के प्रकाशक बुंडालो ने विश्व शांति, साहित्य, कला, शिक्षा और मानवाधिकारों के मंच के तौर पर की थी.

पिछले वर्ष ब्रिटिश मूल के भारतीय उपन्यासकार राणा दासगुप्ता को उनके उपन्यास 'सोलो' के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया था.

नई दिल्ली : पत्रकार-लेखक राजकमल झा को उनके उपन्यास 'द सिटी एंड द सी' के लिए तीसरे रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह घोषणा सोमवार को आयोजक और प्रकाशक पीटर बुंडालो ने की. कोविड-19 महामारी के कारण पांच हजार डॉलर के पुरस्कार विजेता की घोषणा डेनमार्क के कोपनहेगन में ऑनलाइन की गई.

झा की किताब दिसंबर 2012 के निर्भया बलात्कार एवं हत्या मामले पर आधारित है, जिसे दस किताबों में से पुरस्कार के लिए चुना गया. पुरस्कार की दौड़ में अमिताव घोष की 'गन आईलैंड', निर्मला गोविंदराजन की 'टैबू' और रणजीत होसकोटे की 'जोनाह्वेल' भी शामिल थीं.

ज्यूरी की सदस्य और रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार की निदेशक माजा मार्कुनोविक ने कहा कि यह उपन्यास वर्तमान समाज का आइना है और मानवता के लिए उम्मीद की किरण भी है.

पुरस्कार प्राप्त होने के बाद झा ने कहा कि इस मानवता से अधिक शक्तिशाली कहानी कहने की अनिवार्यता नहीं हो सकती है.

यह भी पढ़ें- छात्रों को हर महीने मिलेगी फैलोशिप और स्कॉलरशिप : यूजीसी

रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य पुरस्कार की स्थापना 2018 में अमेरिका के प्रकाशक बुंडालो ने विश्व शांति, साहित्य, कला, शिक्षा और मानवाधिकारों के मंच के तौर पर की थी.

पिछले वर्ष ब्रिटिश मूल के भारतीय उपन्यासकार राणा दासगुप्ता को उनके उपन्यास 'सोलो' के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया था.

Last Updated : Dec 7, 2020, 6:14 PM IST
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