तमिलनाडु : राज्य सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन को एक महीने के पैरोल देने का फैसला किया है. नलिनी के वकील राधाकृष्णन ने बताया कि वह शुक्रवार को (आज) पैरोल पर रिहा होगी.
तमिलनाडु के विशेष सरकारी अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना ने गुरुवार को मद्रास हाई कोर्ट में नलिनी के पैरोल के बारे सरकार के पक्ष रखा. नलिनी के वकील ने बताया कि उसकी बीमार मां पद्मा ने अदालत से पैरोल देने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया. अब नलिनी अपनी बीमार मां पद्मा को देखने जा सकेगी. नलिनी फिलहाल वैल्लोर की विशेष महिला जेल में बंद है.
-
Tamil Nadu: Nalini Sriharan, one of the convicts in Rajiv Gandhi assassination case, was granted a month’s parole by the State Govt at the request of her ailing mother, the Govt told Madras High Court on Thursday
— ANI (@ANI) December 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
(File photo) pic.twitter.com/NEuTP53SaB
">Tamil Nadu: Nalini Sriharan, one of the convicts in Rajiv Gandhi assassination case, was granted a month’s parole by the State Govt at the request of her ailing mother, the Govt told Madras High Court on Thursday
— ANI (@ANI) December 24, 2021
(File photo) pic.twitter.com/NEuTP53SaBTamil Nadu: Nalini Sriharan, one of the convicts in Rajiv Gandhi assassination case, was granted a month’s parole by the State Govt at the request of her ailing mother, the Govt told Madras High Court on Thursday
— ANI (@ANI) December 24, 2021
(File photo) pic.twitter.com/NEuTP53SaB
न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश और न्यायमूर्ति आर हेमलता की पीठ ने पैरोल की अनुमति देते हुए नलिनी के लिए कई नियम तय किए हैं. वह वैल्लोर के सातुवाचेरी में कड़ी पुलिस अभिरक्षा में अपनी मां के साथ एक किराये के मकान में रहेगी. उनके साथ बहन कल्याणी और भाई बाकियानाथन भी रहेगा.
नलिनी की एक अन्य याचिका अदालत में लंबित है, जिसमें उसने जेल के रिहा करने की मांग की है. गौरतलब है कि नलिनी करीब 30 साल से जेल में बंद है. निचली अदालत ने 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे 2000 में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था.
21 मई, 1991 को चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी. इसमें नलिनी और उसके पति समेत सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.