जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टरों और राजस्थान सरकार के बीच चल रही खींचतान अब खत्म हो गई है. सरकार और निजी डॉक्टर के बीच 8 सूत्री मांगों पर सहमति बन गई है. मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ डॉक्टरों की मंगलवार को उनके आवास (मुख्य सचिव) पर बैठक हुई, जिसमें मांगों पर सहमति बनी है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हड़ताल खत्म करने का औपचारिक ऐलान कर दिया है. एसोसिएशन के मुताबिक कल सुबह 8:00 बजे से सभी चिकित्सक काम पर लौट आएंगे. IMA राजस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील चुघ और मुख्य मीडिया प्रभारी डॉ संजीव गुप्ता ने ये जानकारी दी है.
ये बनी सहमति : डॉक्टर्स और सरकार के बीच समझौता सामने आया है उसके अनुसार, राइट टू हेल्थ में 50 बेड क्षमता वाली मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अलावा बिना किसी सरकारी मदद के चल रहे निजी अस्पताल इस विधेयक के बाहर होंगे. वहीं, राइट टू हेल्थ के दायरे में निजी मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल आएंगे. साथ ही वह अस्पताल जिन्होंने रियायती दरों पर सरकार से जमीन ली है, अस्पताल जो ट्रस्ट की तरफ से संचालित किए जा रहे हैं वह इसके के दायरे में आएंगे.
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चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान पुलिस केस या अन्य तरह के मुकदमों को रद्द किया जाएगा. अस्पतालों से जुड़े मामलों में अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा. अग्निशमन एनओसी हर 5 साल में कंसीडर की जाएगी. भविष्य में किसी तरह के नियम कायदे बनाए जाने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 2 प्रतिनिधियों की भी मंजूरी ली जाएगी. कोटा मॉडल और सिंगल विंडो ग्रीवेंस सिस्टम लागू करने पर सहमति बनी.
सीएम ने जताई खुशी : डॉक्टर्स और सरकार के बीच समझौता होने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट किया और लिखा- मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है. मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी.
कब पास हुआ था राइट टू हेल्थ बिल, जानिए: राजस्थान विधानसभा में 21 मार्च 2023 दिन मंगलवार को राइट-टू-हेल्थ बिल पास हुआ था. बिल पेश करते हुए विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा था कि इस बिल को विपक्ष के कहने पर ही प्रवर समिति को भेजा गया था. इस पर प्रवर समिति की 6 बैठकें हुई थी. हेल्थ मिनिस्टर ने कहा था कि सभी सदस्यों की बातों को इस बिल में शामिल किया गया है. हालांकि, इस बिल के विरोध में निजी चिकित्सक आंदोलन कर रहे थे.
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इस बिल में महत्वपूर्ण बात क्या है? : राइट टू हेल्थ बिल से निजी अस्पतालों को आपातकाल या इमरजेंसी की स्थिति में निःशुल्क इलाज करना पड़ेगा. स्वास्थ्य के अधिकार वाले इस बिल में गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज को रेफर किए जाने के हालत में अस्पताल को एंबुलेंस की व्यवस्था खुद करना पडे़गा. इसके तहत प्राइवेट हॉस्पिटल्स को सरकारी योजना के अनुसार, हर बीमारी का फ्री इलाज होगा. आरटीएच बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनके जरिए आम जनता को वक्त पर और सही इलाज मिल सकेगा.
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मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
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मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।#RightToHealth
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— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 4, 2023
मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।#RightToHealthमुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
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मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।#RightToHealth
RTH से मिलेगा आम जनता को लाभ : चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव टी रविकांत ने कहा कि सोमवार को सचिवालय में डॉक्टर्स से लगभग दो घंटे बातचीत हुई. इसके बाद जिन बता पर सहमति बनी, उनको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया गया. मंगलवार सुबह समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. रविकांत ने कहा कि सीएम की भावना अनुसार RTH लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है. स्वास्थ्य अधिकार लागू होने से प्रदेश की आम जनता को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा.
कोटा मॉडल क्या है : कोटा मॉडल को लेकर टी रविकांत कहा कि कोटा में जिस तरह से डॉक्टर ने अपने मकान में क्लीनिक खोल लिए थे, उन्हें रेगुलराइज किया गया था. उसी तरह से राजस्थान के अन्य शहरों में जहां डॉक्टर अपने मकान में किलनिक चला रहे हैं, उसे नियमित किया जाएगा. बता दें कि कोटा में जिन डॉक्टर्स ने घरों में किलनिक खोल रखे थे, उनको अभियान के जरिए कानूनी अनुमति देते हुए उनकी जमीन को कोटा नगर विकास न्यास ने रेगुलराइज किया था.
राइट टू हेल्थ बिल भारत जोड़ो यात्रा का परिणामः राजस्थान में बीते 17 दिनों से चल रही निजी डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर हुई वार्ता में मांगों पर सहमति बनने के बाद सरकार ने भी राहत की सांस ली है. आज से राजस्थान की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राइट टू हेल्थ बिल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की देन है. यह दावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने किया है. जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर अपनी बात लिखते हुए कहा कि राजस्थान सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पूरे देश के लिए एक मॉडल है. अब राइट टू हेल्थ कानूनी अधिकार है, यह एक और परिवर्तनकारी कदम है, जिससे राजस्थान देश के लिए एक मिसाल बना है. यह भारत जोड़ो यात्रा का ही नतीजा है.