ETV Bharat / bharat

जयपुर में खुद को PMO में रजिस्ट्रार बता ठगे 33 लाख, मुकदमा दर्ज

राजस्थान की राजधानी के अलग-अलग लोगों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश, राजनीतिक पद और महंगा कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के नाम पर एक शातिर ठग ने 33 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. इस संबंध में सिंधी कैंप थाने में कोर्ट इस्तगासे से मुकदमा दर्ज हुआ है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 2, 2023, 1:44 PM IST

जयपुर. खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में रजिस्ट्रार बताने वाले एक शख्स ने जयपुर के कई लोगों को शिकार बनाते हुए 33 लाख रुपए से ज्यादा रुपए ठग लिए हैं. इसके लिए उसने एक कंसल्टेंसी फर्म के मार्केटिंग हेड को मोहरा बनाया. अब वो न तो कॉल अटेंड कर रहा है और न ही रुपए लौटा रहा है. इस संबंध में कोर्ट इस्तगासे के जरिए सिंधी कैंप थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है.

मूलतः कन्नौर (केरल) हाल जयपुर के श्रीनाथ होटल निवासी रामदास तुलसीदास ने कोर्ट इस्तगासे के मार्फत सिंधी कैंप थाने में मनोज गुप्ता और बिंदू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. इसमें उसने बताया कि वो रोटोन कंसल्टेंसी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत है. नवंबर 2021 में किसी काम से वो दिल्ली गया था. जहां उसके मित्र नितिन साडेकर ने उसे बिंदू सिंह नाम की एक महिला से मिलवाया. उस महिला ने ही उसे मनोज गुप्ता नाम के एक शख्स से मिलवाया. जिसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय के शिक्षा विभाग में रजिस्ट्रार बताया. अपनी जान पहचान और रसूख के दम पर उसने कोई भी काम निकलवाने की बात कही थी.

परिवादी (रामदास तुलसीदास) का आरोप है कि दिसंबर 2021 में उसके पास मनोज गुप्ता ने कॉल किया और कहा कि मेडिकल कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. पांच लाख एडवांस देने पर वह किसी भी बच्चे के कम अंक आने पर भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिला सकता है. कुछ दिन बाद वो जयपुर में सिंघी कैंप के पास होटल जयपुर सेंट्रल में परिवादी से मिला. उसने अपने परिचित डॉ. जसवंत, राकेश चौधरी और प्रवीण को आरोपी मनोज गुप्ता से मिलवाया और उनकी बेटियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए बात की. आरोपी मनोज गुप्ता के कहने पर उन्होंने 3,20,000 रुपए उसकी पत्नी साक्षी गुप्ता के खाते में बतौर एडवांस ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद परिवादी ने राकेश चौधरी के दोस्त वीरेंद्र सिंह की मुलाकात भी आरोपी मनोज गुप्ता से करवाई. उसने वीरेंद्र सिंह को एप्रोच लगाकर केंद्र में बड़ा राजनीतिक ओहदा दिलाने के नाम पर अपने झांसे में ले लिया. उससे भी 9 लाख रुपए अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करवा लिए. जबकि एक लाख रुपए दिल्ली की एक होटल में नकद भी ले लिए.

पढ़ें सरकारी योजना के नाम पर हो रही है ठगी, केंद्र ने फर्जी वेबसाइटों से किया सावधान

इसी तरह व्यापारी और कॉन्ट्रेक्टर धीरज जोशी को रसूख के दम पर बड़ा कॉन्ट्रेक्ट दिलवाने का झांसा दिया और जनवरी 2022 में होटल जयपुर सेंट्रल में उससे भी 7,20,000 रुपए ले लिए. इन सभी से रकम लेने के बाद उसने जल्द काम करवाने का भरोसा दिलाया. इसके बाद जब भी उससे काम को लेकर बात होती तो वो (आरोपी मनोज गुप्ता) कोई न कोई बहाना बनाकर बात को टालता रहा. पिछले साल दिसंबर में जब उससे बात हुई तो खुद बीमार होने का बहाना बनाकर टाल गया. इसके बाद से कॉल रिसीव करना बंद कर दिया और उसने उन लोगों (पीड़ितों) के नंबर भी ब्लॉक कर दिए.

सच पता चला तो पैरों तले जमीन खिसक गई : कई बार संपर्क करने के बाद भी जब काम नहीं हुआ और लंबे समय तक आरोपी मनोज गुप्ता ने परिवादी व अन्य लोगों का कॉल नहीं उठाया. तब थक हारकर पीड़ितों ने उसके (मनोज गुप्ता) बारे में जांच पड़ताल की तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. उन्हें पता चला कि मनोज गुप्ता और बिंदू सिंह इस तरह से कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं. हर बार मोबाइल नंबर और पता बदलकर वे कई लोगों को शिकार बना चुके हैं. परिवादी का आरोप है कि उसे बीच में रखकर उसने अलग-अलग लोगों से कुल 33,20,000 रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.

मुकदमा दर्ज, कर रहे हैं अनुसंधान : सिंधी कैंप थाने के एएसआई और मुकदमे की जांच कर रहे राजेंद्र सिंह का कहना है कि रामदास तुलसीदास की रिपोर्ट के आधार पर मनोज गुप्ता और बिंदू सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस की जांच पड़ताल जारी है. उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही दोषी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

जयपुर. खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में रजिस्ट्रार बताने वाले एक शख्स ने जयपुर के कई लोगों को शिकार बनाते हुए 33 लाख रुपए से ज्यादा रुपए ठग लिए हैं. इसके लिए उसने एक कंसल्टेंसी फर्म के मार्केटिंग हेड को मोहरा बनाया. अब वो न तो कॉल अटेंड कर रहा है और न ही रुपए लौटा रहा है. इस संबंध में कोर्ट इस्तगासे के जरिए सिंधी कैंप थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है.

मूलतः कन्नौर (केरल) हाल जयपुर के श्रीनाथ होटल निवासी रामदास तुलसीदास ने कोर्ट इस्तगासे के मार्फत सिंधी कैंप थाने में मनोज गुप्ता और बिंदू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. इसमें उसने बताया कि वो रोटोन कंसल्टेंसी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत है. नवंबर 2021 में किसी काम से वो दिल्ली गया था. जहां उसके मित्र नितिन साडेकर ने उसे बिंदू सिंह नाम की एक महिला से मिलवाया. उस महिला ने ही उसे मनोज गुप्ता नाम के एक शख्स से मिलवाया. जिसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय के शिक्षा विभाग में रजिस्ट्रार बताया. अपनी जान पहचान और रसूख के दम पर उसने कोई भी काम निकलवाने की बात कही थी.

परिवादी (रामदास तुलसीदास) का आरोप है कि दिसंबर 2021 में उसके पास मनोज गुप्ता ने कॉल किया और कहा कि मेडिकल कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. पांच लाख एडवांस देने पर वह किसी भी बच्चे के कम अंक आने पर भी मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिला सकता है. कुछ दिन बाद वो जयपुर में सिंघी कैंप के पास होटल जयपुर सेंट्रल में परिवादी से मिला. उसने अपने परिचित डॉ. जसवंत, राकेश चौधरी और प्रवीण को आरोपी मनोज गुप्ता से मिलवाया और उनकी बेटियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए बात की. आरोपी मनोज गुप्ता के कहने पर उन्होंने 3,20,000 रुपए उसकी पत्नी साक्षी गुप्ता के खाते में बतौर एडवांस ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद परिवादी ने राकेश चौधरी के दोस्त वीरेंद्र सिंह की मुलाकात भी आरोपी मनोज गुप्ता से करवाई. उसने वीरेंद्र सिंह को एप्रोच लगाकर केंद्र में बड़ा राजनीतिक ओहदा दिलाने के नाम पर अपने झांसे में ले लिया. उससे भी 9 लाख रुपए अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करवा लिए. जबकि एक लाख रुपए दिल्ली की एक होटल में नकद भी ले लिए.

पढ़ें सरकारी योजना के नाम पर हो रही है ठगी, केंद्र ने फर्जी वेबसाइटों से किया सावधान

इसी तरह व्यापारी और कॉन्ट्रेक्टर धीरज जोशी को रसूख के दम पर बड़ा कॉन्ट्रेक्ट दिलवाने का झांसा दिया और जनवरी 2022 में होटल जयपुर सेंट्रल में उससे भी 7,20,000 रुपए ले लिए. इन सभी से रकम लेने के बाद उसने जल्द काम करवाने का भरोसा दिलाया. इसके बाद जब भी उससे काम को लेकर बात होती तो वो (आरोपी मनोज गुप्ता) कोई न कोई बहाना बनाकर बात को टालता रहा. पिछले साल दिसंबर में जब उससे बात हुई तो खुद बीमार होने का बहाना बनाकर टाल गया. इसके बाद से कॉल रिसीव करना बंद कर दिया और उसने उन लोगों (पीड़ितों) के नंबर भी ब्लॉक कर दिए.

सच पता चला तो पैरों तले जमीन खिसक गई : कई बार संपर्क करने के बाद भी जब काम नहीं हुआ और लंबे समय तक आरोपी मनोज गुप्ता ने परिवादी व अन्य लोगों का कॉल नहीं उठाया. तब थक हारकर पीड़ितों ने उसके (मनोज गुप्ता) बारे में जांच पड़ताल की तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. उन्हें पता चला कि मनोज गुप्ता और बिंदू सिंह इस तरह से कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं. हर बार मोबाइल नंबर और पता बदलकर वे कई लोगों को शिकार बना चुके हैं. परिवादी का आरोप है कि उसे बीच में रखकर उसने अलग-अलग लोगों से कुल 33,20,000 रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.

मुकदमा दर्ज, कर रहे हैं अनुसंधान : सिंधी कैंप थाने के एएसआई और मुकदमे की जांच कर रहे राजेंद्र सिंह का कहना है कि रामदास तुलसीदास की रिपोर्ट के आधार पर मनोज गुप्ता और बिंदू सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस की जांच पड़ताल जारी है. उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही दोषी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.