बांसवाड़ा. राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले को यहां की परंपरा खास बनाती है. यहां कई परंपराएं ऐसी हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं. आनंदपुरी क्षेत्र के मुंदरी गांव में भी ऐसा ही कुछ देखा गया, जहां पहले से लिव-इन में रह रही दो महिलाओं ने एक ही पति से एक ही मंडप पर सात फेरे लिए.
मिली जानकारी के अनुसार मुंदरी गांव निवासी कमला शंकर ने 2 महिलाओं से शादी की है. दोनों के ही एक-एक बच्चे बताए गए हैं. यह शादी शुक्रवार रात्रि में हुई है. कमला शंकर ने मडकोला कस्बे की निवासी नानी नाम की युवती को नातरे प्रथा के जरिए अपने घर लाया और उसके साथ रहने लगा, जिससे उसे एक बेटी है. करीब 1 साल बाद ओबरा गांव की टीना को भी नातरे ले आया, जिससे उसे एक बेटा है. अब उसने 23 जून को सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार एक ही मंडप पर दोनों महिलाओं से शादी की है.
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नातरे में रह रही दोनों महिलाएं : आदिवासी अंचल में परंपरा है कि कोई भी व्यक्ति किसी महिला को यदि पसंद करता है और दोनों की रजामंदी बनती है तो वह एक ही घर में रहने लगते हैं. इसे अंग्रेजी में लिव-इन कहते हैं और आदिवासी परंपरा के अनुसार नातरा प्रथा. इसी प्रथा के तहत कमला शंकर अपनी दोनों महिलाओं के साथ रह रहा था, जिनसे उसने सामाजिक रीति रिवाज से शादी की है. इस सामाजिक कार्यक्रम में कमला शंकर और दोनों महिलाओं की बड़ी संख्या में रिश्तेदार और ग्रामीण भी शामिल हुए है. यह शादी पूरे क्षेत्र के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है.