जयपुर. देश की सेवा करने के बाद दुनिया से जाते-जाते सीकर का देवता मानव सेवा कर गया. पूर्व सैनिक रिछपाल सिंह जाखड़ का ब्रेन डेड होने के बाद वो तो दुनिया से चले गए. लेकिन चार लोगों को नया जीवनदान दे (Ex Army man donated organs to 4 patients) गए. रिछपाल की एक किडनी एसएमएस अस्पताल और दूसरी मणिपाल अस्पताल पहुंचाई गई. जबकि हार्ट इटर्नल हॉस्पिटल और लीवर महात्मा गांधी अस्पताल ट्रांसप्लांट के लिए ले जाया गया. जयपुर के ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए ग्रीन कोरिडोर बनाकर सभी अंग आवंटित अस्पतालों तक पहुंचाए गए.
17 वर्षों तक 24 राजपूत रेजीमेंट में नायक के पद पर सेवा दे चुके सीकर निवासी 57 वर्षीय रिछपाल सिंह जाखड़ का 29 अगस्त को एक्सीडेंट हो गया था. अपने घर के पास मार्केट से घर का सामान लेकर बाइक से लौट रहे रिछपाल को सामने से आ रही कार ने टक्कर मार दी. टक्कर में रिछपाल गंभीर रूप से घायल हो गए. जहां पर उन्हें सीकर स्थित एसके अस्पताल में भर्ती करवाया गया और वहां से गंभीर हालात होने के कारण उन्हें जयपुर स्थित मणिपाल अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
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मणिपाल में भर्ती होने के बाद से ही रिछपाल की हालत गंभीर बनी हुई थी. 30 अगस्त को चिकित्सकों की टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया. यहां अस्पताल के ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर और चिकित्सकों की समझाइश के बाद रिछपाल के पुत्र कुलदीप सिंह और अन्य परिजनों ने अंगदान करने की सहमति प्रदान की. सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन (सोटो) की ओर से एक किडनी मणिपाल अस्पताल दूसरी किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल, लिवर महात्मा गांधी अस्पताल और हार्ट को इटर्नल हार्ट केयर सेन्टर को आवंटित किया गया.
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हालांकि, गणेश चतुर्थी पर्व और जयपुर के ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए सोटो राजस्थान की ओर से राजस्थान पुलिस की सहायता से ग्रीन कोरिडोर बनाकर एक किडनी को सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल और हार्ट को इटर्नल हार्ट केयर सेन्टर में जयपुर में पहुंचाया गया. रिछपाल के अंगदान से 4 लोगों का जीवन बचाया जाना संभव हो पाया है. ये प्रदेश का 48वां अंगदान है.