जयपुर. राजस्थान में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष भले ही गहलोत सरकार पर हमला बोल रहा हो, लेकिन सीएम गहलोत ने मणिपुर में हो रही हिंसा की घटना के बहाने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था पर उल्टा प्रहार किया है. सीएम गहलोत ने कहा कि अत्यंत दुख की बात है कि मणिपुर में हिंसा बंद होने का नाम नहीं ले रही है. इससे पूरा देश चिंतित है. भाजपा की लापरवाही की वजह से मणिपुर में अब तक 142 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. मणिपुर को देख कर राजस्थान में लोग पूछ रहे हैं कि भाजपा की सरकारों को कानून व्यवस्था चलाना क्यों नहीं आता ?
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अत्यंत दुख की बात है कि मणिपुर में हिंसा बंद होने का नाम नहीं ले रही। इससे पूरा देश चिंतित है।
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भाजपा की लापरवाही की वजह से मणिपुर में अभी तक 142 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
मणिपुर को देख कर राजस्थान में लोग पूछ रहे हैं कि भाजपा की सरकारों को कानून व्यवस्था चलाना क्यों नहीं…
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भाजपा की लापरवाही की वजह से मणिपुर में अभी तक 142 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
मणिपुर को देख कर राजस्थान में लोग पूछ रहे हैं कि भाजपा की सरकारों को कानून व्यवस्था चलाना क्यों नहीं…अत्यंत दुख की बात है कि मणिपुर में हिंसा बंद होने का नाम नहीं ले रही। इससे पूरा देश चिंतित है।
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भाजपा की लापरवाही की वजह से मणिपुर में अभी तक 142 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
मणिपुर को देख कर राजस्थान में लोग पूछ रहे हैं कि भाजपा की सरकारों को कानून व्यवस्था चलाना क्यों नहीं…
मणिपुर में हिंसा के बहाने पलटवार : दरअसल मणिपुर मैं लगातार हिंसा की घटनाएं बढ़ रही है. इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है. रोजाना हो रही हिंसा की घटना और उसमें हो रही लोगों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. सीएम गहलोत का यह बयान राजस्थान की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे बीजेपी के नेताओं पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है. बता दें कि राजस्थान में पिछले दिनों नाबालिक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म, भरतपुर में गैंगवार और जोधपुर में 4 लोगों को जिंदा जलाने के मामले पर बीजेपी प्रदेश की गहलोत सरकार को कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम करार दे रही है. साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत से इस्तीफे की मांग लगातार कर रही है. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सदन से सड़क तक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
मणिपुर में हिंसा : बता दें कि करीब ढाई महीने से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग और उसके विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद शुरू हुआ झड़पों का सिलसिला लगातार जारी है. हिंसा की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. बताया जा रहा है अब इस हिंसा में करीब 140 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और हजारों संख्या में ही लोग विस्थापित भी हो चुके हैं.
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