जयपुर : राजस्थान की सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ विधानसभाओं में शनिवार को हुए उपचुनाव में 60.71 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. तीनों विधानसभाओं के 1145 मतदान केंद्रों पर कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों के पालन के साथ सुरक्षित और शांतिपूर्ण मतदान करवाया गया.
27 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में सील हो गया. अब दो मई को मतगणना होगी. बता दें कि सर्वाधिक मतदान राजसमंद विधानसभा में हुआ, जहां 67.18 फीसद मतदाताओं ने मतदान किया. मुख्य निवार्चन अधिकारी ने 'सुरक्षित' और 'शांतिपूर्ण' मतदान के लिए मतदाताओं का आभार जताया.
पढ़ें- पश्चिम बंगाल : निर्वाचन आयोग ने जांगीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव स्थगित किया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सर्वाधिक मतदान राजसमंद विधानसभा में हुआ, जहां 67.18 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा की सहाड़ा विधानसभा में 56.56 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले तो चूरू जिले की सुजानगढ़ विधानसभा में कुल 59.20 प्रतिशत मतदान किया.
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा आम चुनाव में सहाड़ा में 73.56, सुजानगढ़ में 70.68 और राजसमंद में 76.59 फीसदी मतदान दर्ज हुआ था. गुप्ता ने बताया कि कोरोना को देखते सभी मतदान के समय में दो घंटों की बढ़ोतरी की थी. प्रदेश के मतदाताओं ने पूरी समझदारी दिखाते हुए कोरोना संबंधी सभी गाइडलाइन की पालना के साथ मतदान किया. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन की ओर से सभी मतदान केंद्रों को सैनेटाइज करवा दिया गया है. मतदान केंद्र पर बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि मतदान के लिए सभी मतदान केंद्रों पर गोले बनाए गए, जहां मतदाताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मतदान किया.
सुबह से ही मतदान केंद्रों पर दिखी लंबी कतारें
गुप्ता ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल के साथ सुबह सात बजे मतदान प्रारंभ हुआ. सुबह नौ बजे तक 10.56, अपराह्न 11 बजे मतदान का प्रतिशत 23.18 पहुंचा. दोपहर एक बजे तक 36.06 प्रतिशत और दोपहर तीन बजे तक 44.89 व चार बजे तक 48.83 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले. सायं पांच बजे तक 54.07 फीसद मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. मतदान समाप्ति के बाद कुल 60.71 फीसद मतदान दर्ज हुआ.
पढ़ें- 'केवल भाजपा ही घुसपैठ को रोक सकती है, ममता फर्जी धर्मनिरपेक्षता का पालन करती हैं'
दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए किए विशेष प्रयास
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में कुल 28,518 दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग मतदाता हैं. प्रदेश में पहली बार ऐसे मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई. तीनों विधानसभाओं में 904 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान करने के लिए सहमति दी है, जिनमें से 895 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया.
उन्होंने बताया कि सामान्य दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए भी स्थानीय स्तर पर घर से लाने ले जाने के लिए 137 वाहन लगाए गए, जबकि मतदान केंद्रों पर स्काउट गाइड के वॉलेंटियर उनकी मदद करते नजर आए. उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों की मदद के लिए चयनित मतदान केंद्रों पर 925 व्हील चेयर का भी इंतजाम किया गया.
2 करोड़ 85 लाख रुपये मूल्य की सामग्री जब्त
गुप्ता ने बताया कि चुनाव के दौरान अवैध शराब, नकदी, मादक पदार्थों और अन्य सामग्रियों के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में 27 एफएसटी, 54 एसएसटी और पुलिस टीम ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया था. कड़ी निगरानी और मॉनिटरिंग का परिणाम रहा कि दो करोड़ 85 लाख 98 हजार 717 रुपये मूल्य की अवैध सामग्री जब्त की गई. इसमें एक करोड़ 43 लाख रुपये के मादक पदार्थ, 26 लाख की अवैध शराब, 25 लाख की नकद राशि और 90 लाख रुपये मूल्य की अन्य सामग्री जब्त की गई.
पढ़ें- दीदी खुद को समझ रहीं संविधान से ऊपर, दो मई के बाद हो जाएंगी भूतपूर्व सीएम : पीएम मोदी
कम मतदान प्रतिशत ने बढ़ाई राजनीतिक दलों की धड़कनें
प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मतदान प्रतिशत 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने पर राजनीतिक पार्टियों की धड़कनें बढ़ा दी है. अक्सर यह माना जाता है कि जब भी बाय इलेक्शन में मतदान प्रतिशत बढ़ता है तो वह मौजूदा सरकार को नुकसान पहुंचाता है. यह माना जाता है कि सरकार के कामकाज से नाराज जनता ने खिलाफ में वोट डालें इसलिए मतदान प्रतिशत बढ़ा है.
वहीं, विपक्ष यह मानती है कि वोटिंग परसेंटेज बढ़ने से उनकी जीत के आसार बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार तीनों विधानसभा सीटों पर कम हुए मतदान प्रतिशत से दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल इस बात का अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि मतदाता सरकार के कामकाज से नाखूनों के घर से बाहर मतदान के लिए नहीं निकले या फिर कोरोना का बढ़ता सर कम मतदान प्रतिशत की बड़ी वजह है.
राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ में उपचुनाव हो रहे हैं. तीन में से दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था, जबकि एक पर भाजपा काबिज थी. ऐसे में इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है.
पढ़ें- मेरा फोन टैप किया जा रहा है, CID जांच का दिया जाएगा आदेश : ममता
सहाड़ा विधानसभा
कांग्रेस- सहाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के जिन नेताओं की साख दांव पर है. उनमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा, धर्मेंद्र सिंह राठौड़, रामसिंह कस्वा शामिल हैं. इसके साथ ही खेल मंत्री अशोक चांदना, भीलवाड़ा जिला अध्यक्ष रामपाल शर्मा, विधायक रामलाल जाट, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर शामिल हैं.
भाजपा
भाजपा की ओर से सहाड़ा विधानसभा में कई नेताओं की साख दांव पर है, जिनमें भाजपा नेता अलका गुर्जर, पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर, भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेडीया और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी शामिल हैं.
राजसमंद विधानसभा
कांग्रेस-राजसमंद विधानसभा सीट पर कांग्रेस चार बार से विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर रही है. ऐसे में भाजपा के इस किले को भेजने के लिए इन चुनाव की कमान कांग्रेस की ओर से मंत्री उदयलाल आंजना मंत्री प्रमोद जैन भाया और पुष्पेंद्र भारद्वाज के हाथ में रही. इसके साथ ही आशीष परेवा और मुकेश वर्मा की सातवीं यहां से दांव पर है. इन चुनाव में भले ही संवैधानिक पद पर होने के नाते सीपी जोशी प्रचार नहीं करते दिखे हो, लेकिन इस सीट पर हार और जीत कहीं ना कहीं सीपी जोशी से भी जुड़ी होगी.
भाजपा
राजसमंद सीट पर लगातार चार चुनाव से भाजपा काबिज है. ऐसे में इस सीट को बचा कर रखना भी अपने आप में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी. राजसमंद सीट पर भाजपा को सहानुभूति के चलते वोटों की उम्मीद है. इस सीट पर राजसमंद सांसद दीया कुमारी, विधायक मदन दिलावर और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की साख दांव पर है.
पढ़ें- विपक्ष ने तिरुपति (सु) लोकसभा सीट पर उपचुनाव रद्द करने की मांग की
सुजानगढ़ विधानसभा
कांग्रेस
सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने लगातार रैलियां और जनसभा की, क्योंकि डोटासरा का खुद का निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ भी सुजानगढ़ से सटा हुआ है. ऐसे में इस सीट पर सबसे ज्यादा साख का सवाल गोविंद डोटासरा के लिए होगा. डोटासरा के साथ ही मंत्री भंवर सिंह भाटी संगठन की ओर से मंगलाराम गोदारा, डूंगरराम गेदर और नवरंग वर्मा के भी साथ जुड़ी हुई है. वहीं सुजानगढ़ उपचुनाव से चूरू जिले के कद्दावर नेताओं विधायक नरेंद्र बुडानिया, कृष्णा पूनिया, रफीक मंडेलिया, पूसाराम गोदारा और भंवरलाल पुजारी की भी साख दांव पर रहेगी.
भाजपा
सुजानगढ़ में भाजपा के जिन नेताओ की साख दांव पर है, उनमें चुरू जिले के मूलनिवासी भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, चूरू सांसद राहुल कसवां, रतनगढ़ विधायक अभिनेश महर्षि शामिल हैं.