जयपुर: मरूभूमि के धोरों में ऐसा बहुत कुछ है जो दुनिया को लुभाता और चौंकाता है. ऐतिहासिकता को समेटे इस राज्य ने 2020 में कोरोना के कहर को झेला, 2021 के पहले 6 महीने भी कोविड की भेंट चढ़ा. लॉकडाउन ने कई लोगों की उम्मीदों को तोड़ कर रख दिया. फिर अनलॉक के साथ ही लोगों की खुशियां भी धीरे-धीरे अनलॉक होने लगीं. आंकड़े बताते हैं कि घुमक्कड़ों ने राजस्थान को चुना और यहां की रंगीनियों को समेटने पहुंचते रहे. साल 2021 के खत्म (Year ender 2021) होने से ठीक पहले दो शादियों ने राजस्थान को एक अहम मुकाम पर पहुंचा दिया.
कटरीना-विक्की की शादी (Katrina Vicky Ki Royal Wedding) और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel Son Wedding In Rajasthan) के बेटे की शादी ने सुर्खियां खूब बटोरीं. डेस्टिनेशन वेडिंग के तौर पर राजस्थान फिर लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गया. वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े जानकार मान रहे हैं कि साल 2022 में राजस्थान के कई हिस्सों में चर्चित शादियां होंगी. इन शाही शादियों के लिए बुकिंग का सिलसिला परवान पर है.
Birlas की बारी
हाल ही में कटरीना कैफ- विकी कौशल और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के बेटे की रॉयल वेडिंग राजस्थान में हुई है. आने वाले समय में बिरला परिवार से रॉयल वेडिंग के लिए होटल और डेस्टिनेशन बुक हो चुका है. इसके अलावा कई नामी हस्तियां और कारोबारी फैमिली के लोगों की वेन्यू भी बुक करवाई गई है. जानकारों की मानें तो आने वाले समय में एक बॉलीवुड अभिनेत्री की भी राजस्थान में शादी होने की जानकारी सामने आई है. रॉयल वेडिंग्स के लिए जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, पुष्कर, माउंट आबू और सवाई माधोपुर टॉप वेन्यू में शामिल है. रॉयल वेडिंग से टेंट, डेकोरेटर, टेंट, कैटरिंग, गार्डन, होटल, लाइटिंग, बैंड- लवाजमा, फोटोग्राफर, ब्यूटी पार्लर समेत अन्य व्यापारियों को रोजगार मिलता है.
कटरीना के बाद Aaliya Ranbir!
प्रदेश में आने वाले समय में बिड़ला फैमिली की तरफ से होटल और डेस्टिनेशन जयपुर में बुक करवाया गया है. गोयनका फैमिली और एक नामी चाय कारोबारी की तरफ से भी वेन्यू की बुकिंग हुई है. बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट और अभिनेता रणबीर कपूर के भी राजस्थान में शादी करने की चर्चाएं हैं. आलिया भट्ट और रणबीर कपूर पिछले दिनों जोधपुर आए थे, तब चर्चा हुई थी कि वह शादी के लिए जगह देखने आए थे.
अभिनेत्री कियारा आडवाणी और अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा का भी 2022 में राजस्थान में किसी ऐतिहासिक स्थान पर विवाह हो सकता है. हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के बेटे की राजधानी जयपुर के एक होटल में शादी समारोह आयोजित हुआ था. जिसके बाद माना जा रहा है कि कई पॉलिटिशियन भी राजस्थान में रॉयल वेडिंग्स के लिए आ सकते हैं. टॉलीवुड से भी कुछ अभिनेता अभिनेत्री शादियों के लिए राजस्थान में डेस्टिनेशन वेडिंग की इच्छा जाहिर कर रहे हैं. पिछले दिनों हीरो ग्रुप के फैमिली से भी जयपुर के होटल रामबाग पैलेस में विवाह समारोह आयोजित हुआ था. जिसके बाद बिड़ला फैमिली और गोयनका फैमिली से भी अब रॉयल वेडिंग जयपुर में होने की चर्चाएं हैं.
Destination Wedding Venue के तौर पर स्थापित होता राजस्थान
वेडिंग प्लानर महेश शर्मा ने बताया कि कटरीना कैफ और विक्की कौशल की शादी के बाद शाही शादियों के लिए राजस्थान की तरफ रुझान बढ़ रहा है. आने वाले समय में भी कई रॉयल फैमिली की शाही शादियों की Pre Booking इसी ओर इशारा करती है. राजस्थान में रॉयल वेडिंग्स होने से यहां के लोगों को बिजनेस भी मिलता है. एक रॉयल वेडिंग पर करीब 15 से 20 करोड़ रुपये सामान्य तौर पर खर्च होता है. इससे होटल, ट्रैवल्स, वेंडर्स समेत काफी लोगों को फायदा पहुंचता है. राजधानी जयपुर समेत प्रदेश में कई जगहों पर शादियों की बुकिंग जारी है. राजस्थान में पुराने किले, महल समेत कई ऐतिहासिक स्थान हैं. जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, पुष्कर समेत अन्य जगहों पर भी लोग वेडिंग्स के लिए आ रहे हैं.
शादियों से मार्केट में आया बूम
होटल इंडाना पैलेस से चंदन सिंह नेगी ने बताया कि शादियों पर मेहमानों की पाबंदी हटने के बाद होटल्स और वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के लिए काफी फायदा है. राजस्थान में रॉयल वेडिंग्स का मार्केट बूम पर है. आने वाले समय में पूरे प्रदेश भर में सैकड़ों शादियां होने का अनुमान है, जिससे करीब 10,000 करोड़ से अधिक का कारोबार होगा. हाल ही में कटरीना कैफ- विक्की कौशल और राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के बेटे की रॉयल वेडिंग प्रदेश में हुई है. जनवरी से मार्च के बीच राजस्थान में कई रॉयल वेडिंग्स (Royal Wedding In Rajasthan) होने की उम्मीद है. शादियों को लेकर होटल्स में एडवांस बुकिंग आने लगी है. करोना काल में होटल इंडस्ट्री की हालत बुरी हो गई थी. लेकिन एक बार फिर कोरोना का कहर कम होने से बिजनेस की उम्मीदें जगने लगी है.
डेस्टिनेशन वेडिंग का एक कारण ये भी
होटल एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हुसैन खान ने बताया कि देश में कोरोना से पहले विदेशी पर्यटको का आवागमन होता था. लेकिन कोरोना के बाद विदेशों में फ्लाइटों का संचालन बंद होने से विदेशी पर्यटक नहीं पहुंच रहे. राजस्थान पूरे वर्ल्ड में हेरिटेज के रूप में जाना जाता है. विशेष तौर पर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर समेत शेखावाटी की पुरानी हवेलियां पूरे विश्व में पहचान बनाए हुए हैं. रॉयल फैमिली से जुड़े लोग कुछ अलग और खास करने के लिए राजस्थान की तरफ रुख करते हैं.
हाई प्रोफाइल लोगों की शाही शादी में करीब 20 करोड़ रुपये कम से कम खर्च होते हैं. देश के विभिन्न राज्यों से लोग राजस्थान में आकर शादियां करना पसंद कर रहे हैं. जिसके लिए एडवांस बुकिंग होना भी शुरू हो गई है. आने वाले समय में करीब 500 राजस्थान में होने की उम्मीद है, जिनसे करीब 10,000 करोड़ से अधिक का कारोबार होगा. देश के अन्य राज्यों से बड़े बिजनेसमैन, सेलिब्रिटी और हाई प्रोफाइल लोग शादियों के लिए राजस्थान में रुख कर रहे हैं. जिससे होटल्स, ट्रैवल्स, शोरूम, हैंडीक्राफ्ट्स समेत वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को रोजगार मिलता है.
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हुसैन खान ने बताया कि दिसंबर और जनवरी में पर्यटकों का पीक सीजन (Rajasthan Peak Season Of Tourism) रहता है. पहले कोरोना की वजह से कई शादियां कैंसिल हो गई थीं. लेकिन अब लोग फिर से शादियों की तैयारियों में जुट गए हैं. हालांकि Omicron ने थोड़ी चिंता बढ़ा दी है. वैसे कोरोना का प्रभाव कम रहा तो आने वाले समय में राजस्थान के लोगों को काफी फायदा होगा. राजस्थान में करीब 12, 000 होटल है. राजधानी जयपुर में करीब 1,000 से अधिक होटल हैं. ऐसे में उम्मीद पूरी है कि पावणों से राजस्थान गुलजार होगा.
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Political Tourism की भी चर्चा खूब
इस साल प्रमुख राजनैतिक पार्टियों ने भी राजस्थान को अपनी आवाज बनाने के लिए खूब चुना. ऐतिहासिक कुम्भलगढ़ में भाजपा का दो दिवसीय चिंतन शिविर हो या फिर दिसंबर में कांग्रेस का महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल देश दुनिया के मैप पर चर्चा खूब हुई. चर्चा अमित शाह की भी हुई और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी कारणों से राजस्थान आने की भी. 2019 से लेकर 2021 तक अपना किला बचाने की कवायद में राजस्थान political Tourism का गवाह भी बना.
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चार राज्यों की सियासी बाड़ेबंदी यहां हुई. विपक्ष से दूर रखने के लिहाज से अपने विधायकों व प्रत्याशियों की सियासी बाड़ेबंदी प्रदेश में लगातार होती रही है. इस लिहाज से जयपुर और जैसलमेर को विपक्ष की पहुंच से दूर रखने के लिए सबसे मुफीद माना गया. जगह मानी गई. असम विधानसभा चुनाव परिणाम आने से पहले कांग्रेस ने अपने सहयोगी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेट फ्रंट (एआइडीयूएफ) के 19 में से 17 प्रत्याशियों को जयपुर लाकर बाड़ेबंदी की . इससे पहले महाराष्ट्र, गुजरात,मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों को भाजपा की पहुंच से दूर यहां रखा गया था.
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