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मिलिए सियासत के 'पोपटलाल' से, 12 बार हारने के बाद भी फिर उतरे मैदान में, चुनाव की खातिर संपत्ति तक बेच डाली - Independent candidate Popatlal

विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा अपने परवान पर है. निर्दलीय एवं राजनीतिक दल के प्रत्याशी लगातार प्रसार-प्रसार में जुटे हुए हैं. वहीं राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिन्होंने सरपंच से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक का चुनाव लड़ा है. हालांकि, उन्हें जीत कभी नहीं मिली, लेकिन फिर भी 13वीं बार भी वे सियासी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

Popatlal again in the electoral fray, Popatlal defeated in 12 elections in Siwana
निर्दलीय प्रत्याशी पोपटलाल.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 9, 2023, 9:41 PM IST

निर्दलीय प्रत्याशी पोपटलाल.

बाड़मेर. प्रदेश की सिवाना सीट से एक ऐसे प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल किया है, जो पिछले 12 बार से चुनाव में हार का सामना कर रहे हैं. वहीं अब एक बार फिर इन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. यह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुके हैं. नामांकन दाखिल करने वाला यह प्रत्याशी कोई और नहीं बल्कि पोपटलाल हैं, जो पिछले 12 बार से चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर रहे हैं, साथ ही चुनाव भी लड़ रहे हैं, लेकिन अब तक इन्हें एक भी चुनाव में जीत हासिल नहीं हुई है. हर चुनाव हारने के बाद भी पोपटलाल का हौसला आज भी चट्टान की तरह मजबूत है. इसी वजह से अब वे 13वीं बार चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं.

जायदाद तक बेच डालीः 54 साल के पोपटलाल का चुनाव लड़ने का जुनून जबरदस्त है, उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए अपनी जमीन-जायदाद तक बेच डाली. उनका बेटा और पत्नी दोनों मजदूरी करते हैं. आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के बावजूद भी पोपटलाल हर चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. घर-घर पैदल जाकर चुनाव प्रचार कर लोगों से जीत का आशीर्वाद ले रहे हैं. पोपटलाल वोटरों से अपील कर रहे हैं कि "एक बार मुझे अवसर दो विकास में कोई कमी नही आने दूंगा".

पढ़ें:Rajasthan : 32 बार हारने के बाद भी तीतर सिंह में चुनावी जोश बरकरार, 33वीं बार सियासी धुरंधरों को देंगे टक्कर

12 बार लड़ चुके चुनावः सिवाना विधानसभा सीट पर चुनाव में दिलचस्प मुकाबला बना हुआ है. जहां कई दिग्गज नेता चुनाव में ताल ठोक रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर एक साधारण परिवार से आने वाले पोपटलाल भी इन दिग्गजों के सामने खड़े हैं. पोपटलाल ने 5 बार सरपंच, 1 बार जिला परिषद, 3-3 बार विधानसभा ओर लोकसभा का चुनाव लड़ा है, लेकिन सफलता अब तक नहीं मिली है.

2009 में लोकसभा में तीसरे नंबर पर रहेः साल 2009 में पोपटलाल ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था और तीसरे नम्बर पर रहे थे. इन वोटों से इनका हौंसला बढ़ा. पोपटलाल 13वीं बर चुनावी मैदान में हैं. पोपटलाल बताते हैं कि "उनका सपना है कि गरीब किसान वर्ग के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाए काम करके दिखाऊंगा, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें नेता खूब करते हैं पर होता कुछ नहीं है. मुझे विश्वास है कि 36 कौम के लोग मेरा साथ देंगे". बता दें कि पोपटलाल की तरह ही राजस्थान के श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी तीतर सिंह भी हैं. तीतर सिंह 33वीं बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. वे भी 32 बार चुनाव हार चुके हैं.

निर्दलीय प्रत्याशी पोपटलाल.

बाड़मेर. प्रदेश की सिवाना सीट से एक ऐसे प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल किया है, जो पिछले 12 बार से चुनाव में हार का सामना कर रहे हैं. वहीं अब एक बार फिर इन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. यह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुके हैं. नामांकन दाखिल करने वाला यह प्रत्याशी कोई और नहीं बल्कि पोपटलाल हैं, जो पिछले 12 बार से चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर रहे हैं, साथ ही चुनाव भी लड़ रहे हैं, लेकिन अब तक इन्हें एक भी चुनाव में जीत हासिल नहीं हुई है. हर चुनाव हारने के बाद भी पोपटलाल का हौसला आज भी चट्टान की तरह मजबूत है. इसी वजह से अब वे 13वीं बार चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं.

जायदाद तक बेच डालीः 54 साल के पोपटलाल का चुनाव लड़ने का जुनून जबरदस्त है, उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए अपनी जमीन-जायदाद तक बेच डाली. उनका बेटा और पत्नी दोनों मजदूरी करते हैं. आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के बावजूद भी पोपटलाल हर चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. घर-घर पैदल जाकर चुनाव प्रचार कर लोगों से जीत का आशीर्वाद ले रहे हैं. पोपटलाल वोटरों से अपील कर रहे हैं कि "एक बार मुझे अवसर दो विकास में कोई कमी नही आने दूंगा".

पढ़ें:Rajasthan : 32 बार हारने के बाद भी तीतर सिंह में चुनावी जोश बरकरार, 33वीं बार सियासी धुरंधरों को देंगे टक्कर

12 बार लड़ चुके चुनावः सिवाना विधानसभा सीट पर चुनाव में दिलचस्प मुकाबला बना हुआ है. जहां कई दिग्गज नेता चुनाव में ताल ठोक रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर एक साधारण परिवार से आने वाले पोपटलाल भी इन दिग्गजों के सामने खड़े हैं. पोपटलाल ने 5 बार सरपंच, 1 बार जिला परिषद, 3-3 बार विधानसभा ओर लोकसभा का चुनाव लड़ा है, लेकिन सफलता अब तक नहीं मिली है.

2009 में लोकसभा में तीसरे नंबर पर रहेः साल 2009 में पोपटलाल ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था और तीसरे नम्बर पर रहे थे. इन वोटों से इनका हौंसला बढ़ा. पोपटलाल 13वीं बर चुनावी मैदान में हैं. पोपटलाल बताते हैं कि "उनका सपना है कि गरीब किसान वर्ग के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाए काम करके दिखाऊंगा, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें नेता खूब करते हैं पर होता कुछ नहीं है. मुझे विश्वास है कि 36 कौम के लोग मेरा साथ देंगे". बता दें कि पोपटलाल की तरह ही राजस्थान के श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी तीतर सिंह भी हैं. तीतर सिंह 33वीं बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. वे भी 32 बार चुनाव हार चुके हैं.

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