उदयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर अब सियासी पारा चढ़ने लगा है, लेकिन इन सब के बीच भाजपा ने कन्हैयालाल हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बनाकर राज्य की गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है. मौजूदा आलम यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य सभी नेता चुनावी सभाओं में इस मुद्दे को उठा कर राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमले कर रहे हैं.
कन्हैया हत्याकांड को भाजपा ने बनाया चुनावी मुद्दा - राजस्थान के उदयपुर में 28 जून, 2022 को कन्हैयालाल नाम के एक टेलर की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के विरोध में देश व प्रदेशभर में प्रदर्शनों का दौर चला था, लेकिन अब इस हत्याकांड को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बना दिया है और इसकी गूंज प्रधानमंत्री की सभाओं में भी सुनाई पड़ रही है. पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तक अपनी सभाओं में उक्त मुद्दे को उठा चुके हैं. वहीं, ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक विश्लेषक श्याम सुंदर शर्मा और कन्हैयालाल टेलर के बेटे यश से खास बात की.
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पीएम ने अपनी सभा में किया था घटना का जिक्र - बीते 2 अक्टूबर को चित्तौड़गढ़ में आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र किया था. ऐसे में पीएम मोदी के उक्त मुद्दे को उठाने जाने को लेकर राजनीतिक विश्लेषक श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को लगातार उठाकर राज्य की गहलोत सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को उठाकर भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाना चाहती है.
साथ ही जनता तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि अगर प्रदेश में कानून व्यवस्था दुरुस्त होती ऐसी घटना न घटती. हालांकि, इस पर गहलोत सरकार का कहना है कि बिना समय गंवाए आरोपियों को पकड़ा गया और फिर मामला केंद्रीय जांच एजेंसी के पास चला गया. वहीं, कन्हैया के बेटे यश का कहना है कि उनके पिता के हत्यारों को जल्द से जल्द सजा दी जाए.
क्या कहा था पीएम ने - बीते 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्तौड़गढ़ के दौरे पर थे, जहां सांवरिया जी में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कन्हैयालाल हत्याकांड के मुद्दे को उठाया था. राजनीतिक विश्लेषक श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि पहली बार ऐसा हो रहा है, जब पीएम किसी स्थानीय मुद्दे को इस तरह से उठा रहे हैं और इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि जैसा उदयपुर में हुआ, वैसी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. जिस राजस्थान में दुश्मनों पर भी धोखे से वार नहीं करने की परंपरा रही हो, वहां की धरती पर इतना बड़ा पाप हुआ. सरेआम आतंकी आए और एक टेलर का गला रेतकर चले गए.
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असम के सीएम ने दिया था ये बयान - असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते दिनों कोटा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि अगर उनके राज्य में ऐसी घटना होती तो वो पांच मिनट में हिसाब बराबर कर देते. कुछ ही मिनटों में टीवी पर दूसरी घटना की खबर भी प्रसारित हो चुकी होती. लेकिन अशोक गहलोत जैसे लोग सिर्फ कुर्सी पर बैठे हैं. इन्हें राज्य के नागरिकों से ज्यादा कुर्सी की फिक्र सताती है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कही थी ये बात - बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उदयपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राज्य की गहलोत सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर जमकर निशाना साधा था. साथ ही उन्होंने सीएम गहलोत पर आरोप लगाया कि अगर इस सरकार ने दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के मामले में विशेष अदालत का गठन किया होता तो फिलहाल तक दोषियों को फांसी की सजा हो गई होती, लेकिन इस सरकार ने ऐसा नहीं किया. शाह ने कहा कि आरोपियों को एनआईए ने पकड़ा था. हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री के इस बयान पर सीएम गहलोत ने ट्वीट कर पलटवार किया था.