अजमेर. फिल्म आदि पुरुष रिलीज होने के साथ ही उसका विरोध भी शुरू हो चुका है. फिल्म का विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि फिल्म निर्माता ने फिल्म के घटिया डायलॉग से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई है. अजमेर में आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता तरुण अग्रवाल ने सिविल लाइंस थाने में परिवाद पेश कर फिल्म आदि पुरुष के निर्माता-निर्देशक ओम राऊत समेत फिल्म से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति और कलाकारों के अलावा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
कई धाराओं में केस दर्ज करने का आग्रहः फिल्म आदि पुरुष के निर्माता निदेशक ओम राऊत के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइन थाने में अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता तरुण अग्रवाल ने परिवाद पेश किया है. अग्रवाल का आरोप है कि फिल्म के माध्यम से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है. उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 295(A), 298, 465, 467, 468, 471, 500 और 34 भारतीय दंड संहिता में प्राथमिकी दर्ज करने का सिविल लाइन थाना प्रभारी से आग्रह किया गया.
शिकायत में सभी को आरोपी बनाया गयाः अग्रवाल ने बताया कि फिल्म आदि पुरुष के निर्माता निर्देशक अंधेरी वेस्ट, मुंबई सिटी, आजाद नगर ओम राऊत, फिल्म प्रोड्यूसर नई दिल्ली दरियागंज के अंसारी रोड स्थित वाइट हाउस निवासी भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी, फिल्म में राम का किरदार करने वाले कलाकार प्रभास, सीता का किरदार करने वाली एक्ट्रेस कृति सेनन, हनुमान का किरदार करने वाले देवदत्त नागे, अजमेर में फिल्म का प्रसारण करने वाले जयपुर रोड स्थित सिनेमाघर संचालक और अपराध में शामिल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अन्य व्यक्ति आरोपित हैं.
ये भी पढ़ेंः Film Adipurush Controversy : जयपुर में 'आदिपुरुष' का विरोध, संत समाज ने दी ये चेतावनी
लोगों की भावनाओं को पहुंची ठेसः अधिवक्ता एवं RTI कार्यकर्ता तरुण अग्रवाल ने बताया कि हिंदू महाकाव्य रामायण पर आधारित फिल्म आदि पुरुष का निर्माण कर 16 जून को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है. बातचीत में परिवाद पेश करने वाले तरुण अग्रवाल ने बताया कि वाल्मीकि रचित रामायण और तुलसीदास रचित राम चरित मानस को आधुनिकता में दिखाते हुए नई फिल्म बनाई गई है आदिपुरुष. आधुनिकता की दौड़ में फिल्म कलाकारों ने रामायण के पात्रों के साथ इतना अन्याय किया है कि लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है.
संवाद बहुत फूहड़ तरीके से बोले गएः रामायण के पात्र राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, अंगद, हनुमान यानी प्रत्येक पात्र के संवादों को हल्का और फूहड़ बना दिया गया है. फिल्म को देखने पर एक बार तो विश्वास नहीं होता कि कोई इस तरह से हिंदू देवी देवताओं पर फिल्म बना सकता है. उन्होंने कहा कि फिल्म देखने के बाद मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इसलिए सोमवार को सिविल लाइन थाने में आरोपित दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए परिवाद पेश किया है.
फिल्म में मेघनाथ और हनुमान का विवादास्पद संवाद: परिवादी तरुण अग्रवाल ने बताया कि फिल्म में हनुमान और मेघनाद संवाद काफी अभद्र तरीके पेश किया गया है. भगवान हनुमान हमारे आराध्य देवता हैं. फिल्म में उनके पात्र को घटिया संवाद के साथ दिखाया गया है. फिल्म में एक किरदार निभा रहा कलाकार यह भी कह रहा है कि यह तेरी बुआ का बगीचा है जो यहां घूमने आ गया. फिल्म में कई फूहड़ता भरे संवाद है.
पूरे भारत में प्रदर्शित हो रही है फिल्मः इस फिल्म को पूरे भारत में प्रदर्शित किया जा रहा है. इस फिल्म के माध्यम से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है. माता सीता के पात्र को कम वस्त्रों में दिखाया गया. खड़ाऊ की जगह जूते पहने हुए दिखाया गया है. रामायण में सभी पात्रों को जिस तरह से चित्रित किया गया है वैसा फिल्म में बिल्कुल नहीं है. सिविल लाइंस थाना प्रभारी दलबीर फौजदार ने बताया कि फिल्म आदि पुरुष को लेकर तरुण अग्रवाल की ओर से परिवाद पेश किया गया है. फिलहाल परिवाद पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.