वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हो रही है. सात जुलाई को होने वाली सुनवाई जिला जज के छुट्टी पर रहने की वजह से आगे नहीं बढ़ी और 12 जुलाई की तिथि 7 मुकदमों को एक साथ सुनने को लेकर मुकर्रर की गई है. इस बीच हिंदू पक्ष की तरफ से विश्व वैदिक सनातन संघ और राखी सिंह की ओर से दाखिल किए गए सभी मुकदमों और वाद की पैरवी करने के लिए कुंडा के पूर्व नरेश उदय प्रताप सिंह ने शुक्रवार को जिला जज न्यायालय में विश्व सनातन संघ की तरफ से मुकदमों के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी दाखिल की है.
इस बारे में विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि राजा भैया के पिता और कुंडा प्रतापगढ़ के पूर्व नरेश उदय प्रताप सिंह की तरफ से अब राखी सिंह और विश्व वैदिक सनातन संघ के सभी मुकदमों को देखने का निर्णय उनके द्वारा लिया गया है. जिसके बाद वह वाराणसी पहुंचे थे और उन्होंने जिला जज न्यायालय में राखी सिंह की तरफ से पावर ऑफ अटॉर्नी दाखिल की है.
अजीत सिंह की तरफ से बताया गया कि ज्ञानवापी प्रकरण में राखी सिंह की तरफ से दाखिल बाद में पैरवी करने के लिए उनके द्वारा कुंडा के पूर्व नरेश उदय प्रताप सिंह को अपना मुख्तार नियुक्त किया गया है. इसके लिए उदय प्रताप सिंह ने अपने अधिवक्ता अनूप कुमार सिंह और अधिवक्ताओं के एक ग्रुप के साथ जिला जज के यहां पावर ऑफ अटॉर्नी दाखिल की थी, लेकिन जिला जज के अवकाश पर होने की वजह से इसे अधिवक्ताओं के साथ महाराजा ने जिला जज प्रथम की अदालत में इसे दाखिल करके इसकी सूचना जिला अध्यक्ष कार्यालय को दी है. आगे से सभी मामलों की पैरवी अब उदय प्रताप सिंह की तरफ से ही की जाएगी. उन्होंने शुक्रवार को कचहरी पहुंचकर विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से मुकदमे की पैरवी करने के लिए नियुक्त किए गए 65 वकीलों के समूह से भी मुलाकात की है.
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष दो अलग-अलग हिस्से में बट गया है. एक हिस्से में विष्णु शंकर जैन और हरि शंकर जैन के साथ चार अन्य वादी महिलाएं मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी शामिल हैं, जबकि दूसरे हिस्से में विश्व वैदिक सनातन संघ और राखी सिंह अलग-अलग मुकदमे की पैरवी कर रही हैं. इस मामले में पिछले दिनों विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से सभी मुकदमे से नाम वापसी की घोषणा भी की गई थी.
हालांकि, बाद में दिल्ली पहुंचकर कुंडा के महाराज उदय प्रताप सिंह ने मामले में हस्तक्षेप करके सभी पक्ष को एक साथ लाने की बात कहते हुए राखी सिंह की तरफ से मुकदमे को आगे बढ़ाने की बात कही थी. जिसके बाद शुक्रवार को वह वाराणसी पहुंचे और उन्होंने कोट पहुंचकर राखी सिंह और विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से दिए गए पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेज को कोर्ट में दाखिल किया. जिस पर अब 12 जुलाई को सुनवाई होगी.