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अखिलेश से खटास के बाद भाजपा के नजदीक आ रहे राजा भैया

राजा भैया को पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहचानने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद राजा भैया लगातार मोदी और योगी की तारीफ कर रहे हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि वह निकट भविष्य में भाजपा के सहयोगी दल के रूप में सामने आ सकते हैं. तथ्य यह भी है कि पिछले 4 साल में अनेक माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है, मगर राजा भैया पर सरकार ने अब तक नजर सीधी ही रखी है.

raja bhaiya coming closer to bjp after political souring with akhilesh
अखिलेश से खटास के बाद भाजपा के नजदीक आ रहे राजा भैया
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Published : Dec 24, 2021, 10:39 AM IST

लखनऊ: बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया दिन पर दिन भारतीय जनता पार्टी के नजदीक आ (Raja Bhaiya coming closer to BJP) रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former Chief Minister Akhilesh Yadav) की सरकार में सहयोगी रहे राजा भैया को पिछले दिनों अखिलेश यादव ने पहचानने से भी इनकार कर दिया था. जिसके बाद राजा भैया लगातार मोदी और योगी की तारीफ कर रहे हैं और कयास लगाया जा रहा है कि वह निकट भविष्य में भाजपा के सहयोगी दल के रूप में सामने आ सकते हैं. तथ्य यह भी है कि पिछले 4 साल में अनेक माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है, मगर राजा भैया पर सरकार ने अब तक नजर सीधी ही रखी है. उन पर कोई भी एक्शन इस सरकार में नहीं लिया गया है.

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट (Kunda assembly seat of Pratapgarh) से लगातार विधायक रहे हैं. उन्होंने अपनी सियासी पार्टी जनसत्ता दल के नाम से बनाई है. हाल ही में राजा भैया ने ऐलान किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन उनकी पार्टी का गठबंधन किससे होगा इस बाबत उन्होंने फिलहाल तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

पिछले दिनों रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपने अलग-अलग बयानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है. जानकारों का कहना है कि राजा भैया इन दोनों नेताओं को महत्व देकर भाजपा के नजदीक आने का प्रयास कर रहे हैं. उनका यह प्रयास सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के उस बयान के बाद और तेज हो गया है, जिसमें अखिलेश यादव ने एक पत्रकार वार्ता में राजा भैया को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि कौन हैं ये, यह आप लोग किसकी बात कर रहे हैं.

सियासी विश्लेषक नवलकान्त सिन्हा

ये भी पढ़ें- हरिश रावत के बागी तेवरों पर भाजपा नेता ने साधा निशाना, कहा- डाइनिंग रूम से चल रही कांग्रेस

जिसके बाद लगातार राजा भैया भाजपा समर्थित बयानबाजी कर रहे हैं. ऐसे में कयासबाजी को बल मिल रहा है कि वे निकट भविष्य में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. वरिष्ठ पत्रकार और सियासी विश्लेषक नवलकान्त सिन्हा ने बताया कि समाजवादी पार्टी के दरवाजे अब राजा भैया के लिए बंद हो चुके हैं. अखिलेश के बयान से यह बात स्पष्ट हो चुकी है, जिसके बाद राजा भैया भाजपा नेताओं की तारीफ कर उनके नजदीक जाते दिख रहे हैं. साथ ही इस बात को भी बल मिल रहा है कि निकट भविष्य में भाजपा संग उनकी पार्टी की गठजोड़ हो सकती है.

ठाकुर जाति पर राजा भैया का प्रभाव

राजा भैया और उनके जनसत्ता दल का प्रभाव उत्तर प्रदेश की ठाकुर बाहुल्य सीटों पर है. खासतौर पर पूर्वांचल में यह प्रभाव बहुत अधिक नजर आ रहा है. जिसका लाभ भाजपा ले सकती है.

बाहुबली चरित्र पर देना होगा जवाब

भाजपा को राजा भैया के बाहुबली चरित्र पर जवाब देना होगा. अगर वह भाजपा के नजदीक आते हैं तो इस बात पर सवाल उठेगा कि जो भाजपा उत्तर प्रदेश में माफिया के समूल विनाश का दावा करती है तो फिर वो राजा भैया के साथ कैसे चली गई. यह भी वास्तविकता है कि भाजपा की सरकार में अनेक माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. मगर राजा भैया को आंच तक नहीं आई.

लखनऊ: बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया दिन पर दिन भारतीय जनता पार्टी के नजदीक आ (Raja Bhaiya coming closer to BJP) रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former Chief Minister Akhilesh Yadav) की सरकार में सहयोगी रहे राजा भैया को पिछले दिनों अखिलेश यादव ने पहचानने से भी इनकार कर दिया था. जिसके बाद राजा भैया लगातार मोदी और योगी की तारीफ कर रहे हैं और कयास लगाया जा रहा है कि वह निकट भविष्य में भाजपा के सहयोगी दल के रूप में सामने आ सकते हैं. तथ्य यह भी है कि पिछले 4 साल में अनेक माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है, मगर राजा भैया पर सरकार ने अब तक नजर सीधी ही रखी है. उन पर कोई भी एक्शन इस सरकार में नहीं लिया गया है.

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट (Kunda assembly seat of Pratapgarh) से लगातार विधायक रहे हैं. उन्होंने अपनी सियासी पार्टी जनसत्ता दल के नाम से बनाई है. हाल ही में राजा भैया ने ऐलान किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन उनकी पार्टी का गठबंधन किससे होगा इस बाबत उन्होंने फिलहाल तक कोई टिप्पणी नहीं की है.

पिछले दिनों रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपने अलग-अलग बयानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है. जानकारों का कहना है कि राजा भैया इन दोनों नेताओं को महत्व देकर भाजपा के नजदीक आने का प्रयास कर रहे हैं. उनका यह प्रयास सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के उस बयान के बाद और तेज हो गया है, जिसमें अखिलेश यादव ने एक पत्रकार वार्ता में राजा भैया को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि कौन हैं ये, यह आप लोग किसकी बात कर रहे हैं.

सियासी विश्लेषक नवलकान्त सिन्हा

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जिसके बाद लगातार राजा भैया भाजपा समर्थित बयानबाजी कर रहे हैं. ऐसे में कयासबाजी को बल मिल रहा है कि वे निकट भविष्य में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. वरिष्ठ पत्रकार और सियासी विश्लेषक नवलकान्त सिन्हा ने बताया कि समाजवादी पार्टी के दरवाजे अब राजा भैया के लिए बंद हो चुके हैं. अखिलेश के बयान से यह बात स्पष्ट हो चुकी है, जिसके बाद राजा भैया भाजपा नेताओं की तारीफ कर उनके नजदीक जाते दिख रहे हैं. साथ ही इस बात को भी बल मिल रहा है कि निकट भविष्य में भाजपा संग उनकी पार्टी की गठजोड़ हो सकती है.

ठाकुर जाति पर राजा भैया का प्रभाव

राजा भैया और उनके जनसत्ता दल का प्रभाव उत्तर प्रदेश की ठाकुर बाहुल्य सीटों पर है. खासतौर पर पूर्वांचल में यह प्रभाव बहुत अधिक नजर आ रहा है. जिसका लाभ भाजपा ले सकती है.

बाहुबली चरित्र पर देना होगा जवाब

भाजपा को राजा भैया के बाहुबली चरित्र पर जवाब देना होगा. अगर वह भाजपा के नजदीक आते हैं तो इस बात पर सवाल उठेगा कि जो भाजपा उत्तर प्रदेश में माफिया के समूल विनाश का दावा करती है तो फिर वो राजा भैया के साथ कैसे चली गई. यह भी वास्तविकता है कि भाजपा की सरकार में अनेक माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. मगर राजा भैया को आंच तक नहीं आई.

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