मुंबई : उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने उन पर निशाना साधा. हालांकि, राज ने उद्धव का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया.
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राज ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, 'जब कोई सौभाग्य को अपनी सिद्धि समझ लेता है, तब वहीं से पतन की ओर यात्रा शुरू होती है.’ शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों की बगावत के चलते उद्धव ठाकरे को पद से इस्तीफा देना पड़ा. राज ठाकरे ने पिछले महीने लाउडस्पीकर के मुद्दे को लेकर उद्धव ठाकरे से कहा था कि वह (उद्धव) इस मुद्दे पर उनके धैर्य की परीक्षा नहीं लें. राज ठाकरे ने यह भी कहा था कि सत्ता स्थायी नहीं होती.
राज ठाकरे ने लगभग दो दशक पहले शिवसेना से विद्रोह कर अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का गठन किया था. दरअसल राज ठाकरे के पिता श्रीकांत ठाकरे शिवसेना संस्थापक और उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे के छोटे भाई थे. अपने भाषणों और आक्रामक बयानबाजी के लिए जाने जाने वाले राज ठाकरे को उनके चाचा के स्वाभाविक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था. लेकिन 2000 के दशक के मध्य में उनसे आठ साल बड़े उद्धव ठाकरे को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया. इसी से नाराज होकर उन्होंने 2005 के अंत में परिवार के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ दी.
उद्धव ठाकरे को अपदस्थ करने वाले विद्रोह में वे ज्यादातर चुप रहे. वह सर्जरी कराने के लिए अस्पताल में थे. हालांकि, इस ट्वीट को एक संकेत के रूप में देखा जा सकता है कि उन्होंने अपने चचेरे भाई से मेल-मिलाप के बजाय एक कट्टर हिंदुत्व नेता को ज्यादा स्थान दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करना जारी रखा है. हालांकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने भी इसी विरासत पर अपना दावा किया है.
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