रायपुर: मंगलवार से छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस पांचवी विधानसभा का यह आखिरी सत्र होगा. 21 जुलाई तक चलने वाले इस सेशन में कुल चार बैठकें होंगी. सरकार तीन हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करेगी. तो दूसरी तरफ इस सत्र के हंगामेदार रहने की प्रबल संभावना है. क्योंकि, बघेल सरकार को लेकर महालेखाकार की रिपोर्ट पेश होने पर सदन में हंगामा तय माना जा रहा है.
पहले दिन सदन में क्या होगा ?: पहले दिन बीजेपी विधायक विद्यारतन भसीन को श्रद्धांजलि दी जाएगी. विद्यारतन भसीन का जून 2023 में निधन हुआ है. इसके अलावा अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री रहे भानुप्रताप सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी. फिर प्रश्नकाल की शुरुआत होगी. सत्र के पहले दिन 2 ध्यानाकर्षण भी लगाए गए हैं .पहला ध्यानाकर्षण चंदन कश्यप ने लगाया है. वे नारायणपुर के लघु वनोपज सहकारी समिति बनियागांव के प्रबंधक द्वारा अनियमितता किये जाने पर वन मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे. वहीं पुन्नूलाल मोहले ने मुंगेली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न ग्रामों की सड़कें जर्जर होने की समस्या पर लोक निर्माण मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे.
सत्र में साल 2023-24 का अनूपूरक बजट होगा पेश: मानसून सत्र में साल 2023 का अनुपूरक बजट पेश होगा. इस अनुपूरक बजट के मांग से जुड़ा प्रस्ताव सीएम बघेल सदन के पटल पर रखेंगे. इसके अलावा उच्छ शिक्षा मंत्री निजी विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक सदन में पेश करेंगे. संसदीय मंत्री रविंद्र चौबे छत्तीसगढ़ विधान मंडल सदस्य निर्हरता निवारण संशोधन विधेयक 2023 पटल पर रखेंगे. राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भारतीय स्टांप विधेयक 2023 पेश करेंगे. इसके अलावा अविश्वास प्रस्ताव की अनुमति मांगी जाएगी. साथ ही शासकीय कार्य निपटाए जाएंगे .
बीजेपी बघेल सरकार के खिलाफ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव: बीजेपी इस सत्र में बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. भाजपा सत्र के दौरान सरकार को घेरने में कोई कसर छोड़ने वाली नहीं है. बीजेपी राज्य में हो रहे घोटाले, भ्रष्टाचार , कर्मचारियों के नियमितिकरण और बढ़ते क्राइम के मुद्दे पर बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.
"भाजपा बघेल सरकार के तहत हुए कोयला, शराब, जमीन, राशन और लोक सेवा आयोग से संबंधित घोटालों का मुद्दा उठाएगी. कांग्रेस सरकार 2018 विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है. हजारों संविदा कर्मचारी सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं. भाजपा इस मुद्दे पर प्रशासन से जवाब मांगेगी"-नारायण चंदेल, नेता प्रतिपक्ष
कांग्रेस सरकार के पास विजन की कमी: बीजेपी की तरफ से विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और बघेल सरकार पर विजन की कमी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस सत्र में सिर्फ विनियोग विधेयक पर चर्चा होगी. हम विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करेंगे कि वह बिना किसी समय निर्धारण के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराएं. बघेल सरकार के कार्यकाल में 8 करोड़ का डैम बिना टेंडर और बिना काम के पूरा हो गया. हम झीरम मामले पर भी चर्चा करने को तैयार हैं. बघेल सरकार नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेसी नेताओं की भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ कर रही है.
"इस सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा अविश्वास प्रस्ताव रहेगा, जिस दिन सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय देगी, उस पर चर्चा की जाएगी"- अजय चंद्राकर, विधायक बीजेपी
विपक्ष को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब: सत्ता पक्ष ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव और सदन की कार्यवाही को लेकर मजबूती से जवाब देने का दावा किया है. सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष को सभी मुद्दों पर सत्ता पक्ष की तरफ से मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.
"सरकार विपक्ष के हर सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. भूपेश सरकार ने बेहतर काम किए हैं, भाजपा मुद्दा विहीन हो गई है. उसके पास कोई मुद्दा नहीं रहा है. सदन से विपक्ष लगातार चर्चा से भागता रहा है"-कुलदीप जुनेजा, विधायक, कांग्रेस
21 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर होगी चर्चा: सदन की कार्यवाही के लिए मंगलवार के बाद का दिन अहम माना जा रहा है. इसके बाद तीन दिन सदन में हंगामे के बीच कार्यवाही चलेगी. कुल 13 मंत्री 550 प्रश्नों का सामना करेंगे. वहीं सरकार की तरफ से तीन विधेयक की सूचना दी गई है. विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 21 जुलाई को चर्चा होगी. इस विधानसभा के कार्यकाल में दूसरी बार यह प्रस्ताव लाया जा रहा है. हालांकि इसमें विपक्ष की हार तय है. फिर भी वह सरकार की खामियों और कथित घोटालों को सदन में सार्वजनिक करने का अवसर लेना चाह रहा है. सरकार की तरफ से 2022-23 के लिए महालेखाकार की रिपोर्ट पेश किये जाने की सूचना है.
दूसरी बार बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: भूपेश सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव होगा . इसके पहले 27 जुलाई 2022 को भी विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किाय था. जिसे तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में प्रस्तुत किया था. इस दौरान 27 जुलाई को 12 घंटे 32 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चली. बाद में इसे ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया गया.
साल 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. इस सरकार में अब तक 16 सत्र बुलाए जा चुके हैं. 18 जुलाई से शुरू होने वाला विधानसभा का मानसून सत्र, 17वां सत्र होगा.