रायपुर: छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले नियमितीकरण की मांग को लेकर बुधवार को संविदा कर्मचारियों ने संवाद रैली निकाली. सुबह से ही नवा रायपुर के तूता धरनास्थल पर सभी जिलों से प्रदर्शनकारियों का जुटना शुरू हुआ. फिर करीब 10 हजार संविदा कर्मचारी जुटे और तय समय पर घुटनों के बल चलते हुए मंत्रालय तक संवाद रैली निकाली. हालांकि धरना स्थल के नजदीक ही पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया. इस पर प्रदर्शनकारियों ने भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सरकार से संवाद का हर जतन फेल: संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से जिला स्तर पर प्रदर्शन शुरू किया. इसके बाद 10 जुलाई से नया रायपुर में हड़ताल की शुरुआत हुई. 11 जुलाई को सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया गया. एस्मा लगाए जाने के विरोध में संविदा कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह, जेल भरो आंदोलन और 19 जुलाई से आमरण अनशन के साथ ही राहुल गांधी को खून से खत लिखकर सरकार को मनाने की कोशिश की. बावजूद इसके सरकार ने संविदा कर्मचारियों की एक न सुनी.
जानिए क्या बोले प्रदर्शनकारी: नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारियों ने मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया. वहीं बुधवार को संवाद रैली निकाले जाने के बाद भी कोई पहल न होने पर संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने की बात कही है.
भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है, जहां पर सभी को वोट डालने का अधिकार है. इस सरकार को हम आगामी चुनाव में बेदखल कर देंगे. -सुजित पात्रे, प्रदर्शनकारी
सरकार हमसे बात नहीं करती है. हमारे संवाद को अनदेखा करती है, जिस कारण आज हमने संवाद रैली निकाली है. हम चाहते हैं कि सरकार हमसे बात करे. हमारी समस्या का समाधान निकाले और जो उन्होंने हमसे वादा किया था जन घोषणापत्र के बिंदु क्रमांक 11 में, वह पूरा करे. -श्वेता सोनी, प्रदर्शनकारी
सरकार ने दिया है फाइनल अल्टीमेटम: छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 जुलाई को हड़ताल कर रहे संविदा कर्मचारियों को फाइनल अल्टीमेटम दिया. तीन दिन के भीतर कर्मचारियों को काम पर लौटने का आदेश जारी किया गया है. हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटने से उनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी.
हमने अपनी 1 सूत्री मांग नियमितीकरण को सरकार के सामने रखा है. हम चाहते हैं कि भूपेश बघेल सरकार इसका संज्ञान ले और हमारी मांग पूरी करे. -कौशलेश तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ
एक तरफ सरकार ने काम पर लौटने का फाइनल अल्टीमेटम दिया है तो वहीं संविदा कर्मचारियों ने भी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है. अब देखना होगा कि सरकार कर्मचारियों को हित को ध्यान में रखकर कोई फैसला करती है या उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेगी.